ETV Bharat / state

'जंग-ए-आजादी' के इन 107 गवाहों को सरकार से मिल रही हैं ये सुविधाएं - आजादी

भारत की आजादी की लड़ाई में यूं तो लाखों-करोड़ों हिंदुस्तानियों ने भाग लिया, लेकिन कुछ ऐसे सपूत भी थे जो इस आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे. राजनीतिक पेंशन विभाग स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करने वाले सेनानी इस समय प्रदेश में 107 बचे हुए हैं.

15 अगस्त.
author img

By

Published : Aug 14, 2019, 3:25 PM IST

लखनऊ: 15 अगस्त को देश में 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस दिन ही देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस देश के हर देशवासी के लिए बेहद मायने रखता है. देश को आजाद कराने में हमारे स्वतंत्रता संग्रामियों ने अहम भूमिका निभाई थी.

आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने निभाई अहम भूमिका.

उत्तर प्रदेश में भी कई ऐसे स्वतंत्रता संग्रामी थे, जो देश की आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे. वहीं सलाखों के पीछे रहकर देश की आजादी के गवाह अब सिर्फ 107 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही उत्तर प्रदेश में बचे हैं, जिन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर देश की आजादी में अपना कर्तव्य निभाया.

सेनानियों को मिलती है 20 हजार रुपये मासिक पेंशन
राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, जिससे इनका जीवनयापन हो सके और उन्हें अपने जीवन के अंतिम समय में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. प्रदेश में 20 हजार 176 रुपये मासिक पेंशन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मिलती है.

107 स्वतंत्रता सेनानियों को मिलती है पेंशन
स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या देश में यूं तो हजारों में है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से जिन सेनानियों को वर्तमान समय में पेंशन दी जा रही है. वह इस समय मात्र 107 लोग ही बचे हैं. वहीं इन सेनानियों के आश्रित जो हैं, उनकी संख्या 1,481 है. इन लोगों के जीवनयापन के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो पेंशन देने की व्यवस्था है, वह 20 हजार 176 रुपये दी जाती है. इसके अलावा भी उन्हें तमाम अन्य तरह की सुविधाएं मुहैया हैं.

पढ़े- 15 अगस्त के लिए पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये रास्ते रहेंगे बंद

सेनानियों को मिलता है मुफ्त इलाज और यात्रा की सुविधा
लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहने वाले इन सेनानियों की यात्रा और उन्हें इलाज की मुफ्त व्यवस्था राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने की व्यवस्था निर्धारित है. सेनानियों को सफर के समय एक सहयोगी के साथ निशुल्क यात्रा का प्रावधान है. वहीं स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों के इलाज की भी व्यवस्था सरकार की तरफ से की गई है, जिससे इन्हें किसी प्रकार का कोई कष्ट न हो और जीवनयापन हो सके. इसके अलावा समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में इन लोगों का सम्मान जिला स्तर और राज्य स्तर पर राजभवन में राज्यपाल की ओर से किया जाता है.

सेनानियों की अंत्येष्टि के लिए सरकार करती है व्यवस्था
सेनानियों के निधन पर अंत्येष्टि के लिए सरकार 5,000 रुपये देती है. राजनीतिक पेंशन विभाग के प्रमुख सचिव राजन शुक्ला बताते हैं कि पाक्षिक रूप से सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की रिपोर्ट ली जाती है और जब कोई दुखद समाचार मिलता है तो सेनानियों की अंत्येष्टि के लिए जिला प्रशासन की ओर से 5,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी अंत्येष्टि ठीक ढंग से हो सके.

लखनऊ: 15 अगस्त को देश में 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस दिन ही देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. ऐसे में स्वतंत्रता दिवस देश के हर देशवासी के लिए बेहद मायने रखता है. देश को आजाद कराने में हमारे स्वतंत्रता संग्रामियों ने अहम भूमिका निभाई थी.

आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने निभाई अहम भूमिका.

उत्तर प्रदेश में भी कई ऐसे स्वतंत्रता संग्रामी थे, जो देश की आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे. वहीं सलाखों के पीछे रहकर देश की आजादी के गवाह अब सिर्फ 107 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही उत्तर प्रदेश में बचे हैं, जिन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर देश की आजादी में अपना कर्तव्य निभाया.

सेनानियों को मिलती है 20 हजार रुपये मासिक पेंशन
राज्य सरकार की तरफ से प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, जिससे इनका जीवनयापन हो सके और उन्हें अपने जीवन के अंतिम समय में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. प्रदेश में 20 हजार 176 रुपये मासिक पेंशन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मिलती है.

107 स्वतंत्रता सेनानियों को मिलती है पेंशन
स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या देश में यूं तो हजारों में है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से जिन सेनानियों को वर्तमान समय में पेंशन दी जा रही है. वह इस समय मात्र 107 लोग ही बचे हैं. वहीं इन सेनानियों के आश्रित जो हैं, उनकी संख्या 1,481 है. इन लोगों के जीवनयापन के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो पेंशन देने की व्यवस्था है, वह 20 हजार 176 रुपये दी जाती है. इसके अलावा भी उन्हें तमाम अन्य तरह की सुविधाएं मुहैया हैं.

पढ़े- 15 अगस्त के लिए पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये रास्ते रहेंगे बंद

सेनानियों को मिलता है मुफ्त इलाज और यात्रा की सुविधा
लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहने वाले इन सेनानियों की यात्रा और उन्हें इलाज की मुफ्त व्यवस्था राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने की व्यवस्था निर्धारित है. सेनानियों को सफर के समय एक सहयोगी के साथ निशुल्क यात्रा का प्रावधान है. वहीं स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों के इलाज की भी व्यवस्था सरकार की तरफ से की गई है, जिससे इन्हें किसी प्रकार का कोई कष्ट न हो और जीवनयापन हो सके. इसके अलावा समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में इन लोगों का सम्मान जिला स्तर और राज्य स्तर पर राजभवन में राज्यपाल की ओर से किया जाता है.

सेनानियों की अंत्येष्टि के लिए सरकार करती है व्यवस्था
सेनानियों के निधन पर अंत्येष्टि के लिए सरकार 5,000 रुपये देती है. राजनीतिक पेंशन विभाग के प्रमुख सचिव राजन शुक्ला बताते हैं कि पाक्षिक रूप से सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की रिपोर्ट ली जाती है और जब कोई दुखद समाचार मिलता है तो सेनानियों की अंत्येष्टि के लिए जिला प्रशासन की ओर से 5,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी अंत्येष्टि ठीक ढंग से हो सके.

Intro:15 अगस्त स्पेशल एंकर लखनऊ। स्वाधीनता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले और सलाखों के पीछे रहकर देश की आजादी के गवाह जश्न ए आजादी मनाने वाले अब सिर्फ 107 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही उत्तर प्रदेश में बचे हैं लंबा कालखंड होने के चलते तमाम सारे लोग वृद्ध हुए और उनकी मौत हो चुकी राज्य सरकार की तरफ से इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जा रही है जिससे इनका जीवन यापन हो सके और उन्हें अपने जीवन के अंतिम समय में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना ना करना पड़े।


Body:मिलती है 20,176 रुपए मासिक पेंशन देशभर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की संख्या यूं तो हजारों में है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जिन सेनानियों को वर्तमान समय में पेंशन दी जा रही है वह इस समय मात्र 107 लोग ही बचे हैं और उनके आश्रित हैं उनकी संख्या 1481 है इन लोगों के जीवन यापन के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो पेंशन देने की व्यवस्था है वह ₹20,176 दी जा रही है इसके अलावा भी उन्हें तमाम अन्य तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है जिससे उन्हें आने जाने में भी कोई कठिनाई का सामना ना करना पड़े। सहयोगी के साथ निशुल्क यात्रा और मुफ्त इलाज की सुविधा स्वतंत्रता संग्राम में अपना पूरा जीवन लगा देने वाले और लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के यात्रा और उन्हें इलाज की मुफ्त व्यवस्था राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने की व्यवस्था निर्धारित है स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सफर के समय एक सहयोगी के साथ निशुल्क यात्रा का प्रावधान है वही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों के इलाज की भी व्यवस्था सरकार की तरफ से की गई है जिससे इन्हें किसी प्रकार का कोई कष्ट ना हो और जीवन यापन हो सके। बाईट, राजन शुक्ला, प्रमुख सचिव, राजनीतिक पेंशन विभाग स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करने वाले सेनानी इस समय 107 बचे हुए हैं जिन्हें राज्य सरकार की तरफ से मासिक पेंशन के रूप में 20176 उपाय की सम्मान राशि दी जाती है और उनके यात्रा विराज की भी व्यवस्था राज्य सरकार की तरफ से होती है इसके अलावा समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में इन लोगों का सम्मान जिला स्तर पर व राज्य स्तर पर राजभवन में राज्यपाल महोदय के द्वारा किया जाता है।


Conclusion:निधन पर अंत्येष्टि के लिए सरकार देती है ₹5000 राजनीतिक पेंशन विभाग के प्रमुख सचिव राजन शुक्ला बताते हैं कि पाक्षिक रूप से सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की रिपोर्ट ली जाती है और जब कोई दुखद समाचार मिलता है तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की अंत्येष्टि के लिए जिला प्रशासन के द्वारा ₹5000 की सहायता प्रदान की जाती है जिससे उनकी अंत्येष्टि ठीक ढंग से हो सके और इस अवसर पर सरकार की तरफ से भी सारी व्यवस्थाएं की जाती हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.