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गणतंत्र दिवस पर यूपी के 105 कैदियों की रिहाई के तैयारी में सरकार

गणतंत्र दिवस पर यूपी के 105 कैदियों को रिहा किया जाएगा. इसको लेकर सरकार तैयारी में लगी है. प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई रिहाई की स्थायी नीति के तहत 16 वर्ष की वास्तविक सजा काट चुके अच्छे आचरण वाले कैदी पात्र होंगे. जिनकी उम्र 60 साल पार कर चुकी है. यही नहीं जो कैदी कैंसर, गुर्दा, दिल, ब्रेन ट्यूमर आदि गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त है, उन्हें खास तरजीह दी जाएगी.

गणतंत्र दिवस
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Published : Jan 23, 2022, 3:51 PM IST

लखनऊ: गणतंत्र दिवस के मौके पर उम्रदराज और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 105 कैदियों को रिहा किया जाएगा. इसमें वह कैदी शामिल होंगे जो 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं,16 साल की सजा पूरी करने चुके हैं, इसके साथ ही जिन्हें कोई गम्भीर बीमारी हो.


इसके लिए जेल मुख्यालय ने दिसम्बर माह में शासन को लगभग 200 कैदियों की सूची भेजी थी. पात्र कैदियों की सूची को शासन द्वारा जांचा गया है. अब अगली बैठक में चयनित पात्र कैदियों की सूची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजा जाएगा. कैदियों की रिहाई पर अंतिम फैसला राज्यपाल को ही लेना है. हालांकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है. जिसको देखते हुए शासन चुनाव आयोग से भी अनुमति लेने पर विचार कर रहा है.

डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने जानकारी देते हुए बताया कि गणतंत्र दिवस से 45 दिन पहले जेल मुख्यालय शासन को पात्र कैदियों की सूची सौंपता है. इसी के चलते दिसम्बर में ही हम लोगों ने लगभग 200 कैदियों की सूची शासन को दी थी. जिसके बाद 105 कैदियों को शासन की जांच में पात्र माना गया है. राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद गणतंत्र दिवस को कैदियों की रिहाई कर दी जाएगी.

जेल मुख्यालय ने जिन जेल के कैदियों की सूची शासन को भेजा है, उनमें लखनऊ की आदर्श जेल, नारी बन्दी निकेतन के अलावा वाराणसी, बरेली, आगरा, फतेहगढ़ और नैनी सेंट्रल जेल में कैदी बंद हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई रिहाई की स्थायी नीति के तहत 16 वर्ष की वास्तविक सजा काट चुके अच्छे आचरण वाले कैदी पात्र होंगे. जिनकी उम्र 60 साल पार कर चुकी है. यही नहीं जो कैदी कैंसर, गुर्दा, दिल, ब्रेन ट्यूमर आदि गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त है, उन्हें खास तरजीह दी जाएगी.

लखनऊ: गणतंत्र दिवस के मौके पर उम्रदराज और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 105 कैदियों को रिहा किया जाएगा. इसमें वह कैदी शामिल होंगे जो 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं,16 साल की सजा पूरी करने चुके हैं, इसके साथ ही जिन्हें कोई गम्भीर बीमारी हो.


इसके लिए जेल मुख्यालय ने दिसम्बर माह में शासन को लगभग 200 कैदियों की सूची भेजी थी. पात्र कैदियों की सूची को शासन द्वारा जांचा गया है. अब अगली बैठक में चयनित पात्र कैदियों की सूची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजा जाएगा. कैदियों की रिहाई पर अंतिम फैसला राज्यपाल को ही लेना है. हालांकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है. जिसको देखते हुए शासन चुनाव आयोग से भी अनुमति लेने पर विचार कर रहा है.

डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने जानकारी देते हुए बताया कि गणतंत्र दिवस से 45 दिन पहले जेल मुख्यालय शासन को पात्र कैदियों की सूची सौंपता है. इसी के चलते दिसम्बर में ही हम लोगों ने लगभग 200 कैदियों की सूची शासन को दी थी. जिसके बाद 105 कैदियों को शासन की जांच में पात्र माना गया है. राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद गणतंत्र दिवस को कैदियों की रिहाई कर दी जाएगी.

जेल मुख्यालय ने जिन जेल के कैदियों की सूची शासन को भेजा है, उनमें लखनऊ की आदर्श जेल, नारी बन्दी निकेतन के अलावा वाराणसी, बरेली, आगरा, फतेहगढ़ और नैनी सेंट्रल जेल में कैदी बंद हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई रिहाई की स्थायी नीति के तहत 16 वर्ष की वास्तविक सजा काट चुके अच्छे आचरण वाले कैदी पात्र होंगे. जिनकी उम्र 60 साल पार कर चुकी है. यही नहीं जो कैदी कैंसर, गुर्दा, दिल, ब्रेन ट्यूमर आदि गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त है, उन्हें खास तरजीह दी जाएगी.

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