लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति और इसकी मॉनिटरिंग को लेकर 100 से अधिक राष्ट्रीय निशानेबाजों ने राज्य सरकार का सहयोग करना शुरू कर दिया है. इसके तहत इन निशानेबाजों की एनजीओ और कंपनिया भी इस काम में अपना पूरा सहयोग दे रही हैं. इन्हीं में से एक रोड़िक कंसल्टेंट नाम के गैर सरकारी संगठन ने प्रदेश में ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग के लिए अपनी तरह का पहला डिजिटल पोर्टल विकसित किया है. यह डिजिटल प्लेटफार्म ऑक्सीजन की सप्लाई से जुड़े वाहनों की रियल टाइम लोकेशन की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग करेगा.
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ऑक्सीजन सप्लाई में जुटे ये निशानेबाज
रोड़िक कंसल्टेंट नाम की यह संस्था अपने प्रयासों को मजबूती देने के लिए 100 से अधिक राष्ट्रीय निशानेबाजों को अपने साथ ले आयी है. कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने वाले प्रसिद्ध निशानेबाजों में आशुतोष द्विवेदी (यूपी), प्रदीप कुमार सिंह (हरियाणा), ताबिश अहमद (यूपी), राहुल सोनी (दिल्ली), मोनू कुमार (दिल्ली), हरप्रीत सिंह (दिल्ली) और शैलेंदर (यूपी) मुख्य रूप से शामिल हैं. रोड़िक कंसल्टेंट के सीएमडी राज कुमार और राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध निशानेबाज ने देश के निशानेबाजों से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने का आग्रह किया था. कंपनी ऑक्सीजन की आपूर्ति को कारगर बनाने के लिए 'हब और स्पोक' मॉडल काे लागू कर रही है.
मुहिम से जुड़े निशानेबाज अब उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर डेटा कलेक्शन व एंट्री, जीपीएस वेब एप्लीकेशन मॉनिटरिंग, ऑक्सीजन टैंकर लोकेशन ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वे ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में मौजूद रहते हैं जहां ट्रैकिंग डिवाइस इंस्टाल व इनेबल किया जाता है. ये उपकरण न्यूनतम टर्नअराउंड समय सुनिश्चित करते हैं. ऑक्सीजन टैंकरों के निर्बाध आवागमन के लिए कई विभागों के बीच एंड-टू-एंड कोऑर्डिनेशन की सुविधा प्रदान करते हैं.
सरकार की मदद से तैयार किए गए 12 विमान
रोड़िक कंसल्टेंट ने एक ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल लागू किया है. इस मॉडल में पहले राज्य को वायु, रेल और सड़क मार्ग का लाभ उठाकर पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया था. ऑक्सीजन की भारी मांग से निपटने के लिए यूपी सरकार की मदद से लगभग 12 विमान तैनात किए गए हैं. इस मॉडल के तहत बनाए गए पांच हब बनाए गए हैं जिनमें लखनऊ, कानपुर, मोदीनगर, गाजियाबाद और वाराणसी शामिल हैं. वहीं, गोरखपुर और बरेली को-हब के रूप में कार्य कर रहे हैं.
प्रत्येक हब में 5-6 शहर शामिल हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में 57 मेडिकल कॉलेज स्पोक्स की सूची में हैं. यहां ऑक्सीजन की काफी मांग देखी गई है. समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए इस मॉडल को मल्टी-मोड ट्रांसपोर्ट से एकीकृत किया गया है. एक बार जब ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन उत्तर प्रदेश में पहुंच जाती हैं तो आईएएफ प्लेन उन स्थानों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति में जुट जाते हैं जहां कहीं से भी मांग की जाती है.
पूरे राज्य में सुविधाजनक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मॉडल टैंकर्स को एस्कॉर्ट करने के लिए कुल 84 वाहनों, 168 ड्राइवर्स और 20 प्लान मैनेजर्स हैं. ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए पहले चरण में तीन प्रमुख मार्गों- बुर्जोरा-गाजियाबाद, दुर्गापुर-कानपुर और बर्नपुर-कानपुर का उपयोग किया जा रहा है. मांग में वृद्धि के बाद अगले चरणों में नए मार्ग जोड़े जाएंगे.
ऑक्सीजन मूवमेंट के लिए कमांड सेंटर
संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर राज कुमार बताते हैं, 'देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. हम देशभर में ऑक्सीजन मूवमेंट के लिए एक कमांड सेंटर स्थापित करके अपना योगदान दे रहे हैं. हमने उत्तर प्रदेश के लिए यूपी सरकार के साथ मिलकर सफलतापूर्वक काम किया है'.
इस पहल को लेकर नेशनल शूटिंग टीम के कोच दीपक दुबे ने कहा, 'मरीजों को ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति प्रदान करने के लिए ये अभियान वास्तव में सराहनीय है'.