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इलाज हुआ महंगा, लोहिया अस्पताल में एक रुपये के बजाय 100 रुपये में बनेंगे पर्चे

लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के बाद भी यहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों का इलाज हो रहा था. लेकिन अब अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों को एक रुपये की जगह 100 रुपये का भुगतान करना होगा, तभी ओपीडी में चिकित्सक मरीजों को देखेंगे.

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Published : Apr 23, 2022, 9:48 AM IST

Updated : Apr 23, 2022, 12:11 PM IST

लखनऊ: लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के बाद भी यहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों का इलाज हो रहा था. लेकिन अब अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों को एक रुपये की जगह 100 रुपये का भुगतान करना होगा, तभी ओपीडी में चिकित्सक मरीजों को देखेंगे. दरअसल, लोहिया संस्थान को MBBS की मान्यता देने को पास में संचालित लोहिया अस्पताल को संयुक्त रूप से जोड़कर इन दोनों का विलय कर दिया गया था. वहीं, 467 बेडों वाले लोहिया अस्पताल में विलय के बाद भी महज एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को मुफ्त इलाज मिल रहा था. हालांकि, जब मरीज संस्थान में शिफ्ट होता था तो उस पर सुपर स्पेशियलिटी का तय शुल्क लिया जाता था. लेकिन अब इन दोनों जगहों पर इलाज के लिए मरीजों को 100 रुपये के पर्चा कटाने होंगे. साथ ही जांच व दवाओं के लिए भी अलग से पैसे देंगे होंगे. खैर, विलय से पहले अस्पताल में मुफ्त सेवा देने का वादा किया गया था.

अस्पताल की ओपीडी में हर रोज करीब 5000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. यहां के मेडिसिन जनरल सर्जरी ऑर्थोपेडिक एंटी नेत्र के बाद त्वचा रोग विभाग, आप सेंड गायनी रेडियोलॉजी टीवी एंड चेस्ट व पैथोलॉजी की सेवाएं मिल रही थी. वहीं, इन सेवाओं के लिए मरीजों को केवल एक रुपये का पर्चा बनवाना पड़ता था. साथ ही दवाएं मुफ्त में मिलती थी. लेकिन अब यहां मरीजों को चिकित्सकीय सेवाओं के लिए एक की बजाय 100 रुपये के पर्चे बनवाने होंगे. इसके अलावा कोई भी सुविधा निशुल्क नहीं होगी.

इसे भी पढ़ें - योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू, लखनऊ मेट्रो का काम अभी भी अधूरा

इमरजेंसी मरीज का होगा मुफ्त उपचार: चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने 22 अप्रैल को आदेश जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति निशुल्क उपलब्ध होगी. इसके अलावा अस्पताल आने वाले अन्य सभी मरीजों का पंजीकरण व यूजर चार्ज लगेगा.

5 साल में मेडिकल कॉलेजों की सीटें होंगी दोगुनी: प्रदेश में आगामी 5 सालों में मेडिकल कॉलेजों की सीटों को दोगुना करने की योजना है. इसमें एमबीबीएस की 7000 सीटें, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3600 सीटों को बढ़ाया जाएगा. आने वाले 100 दिनों में प्रदेश में हॉस्पिटल की स्थापना प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों में 30 बेड और 4 रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं.

आधी रात के बाद बलरामपुर में इमरजेंसी फुल: शुक्रवार रात 12 बजे के बाद बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड पूरी तरह से फुल हो गई. करीब 40 मरीज विभिन्न संस्थानों से रेफर होकर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे थे. ऐसे में गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर यहां अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. साथ ही मरीजों को तत्काल वार्ड में शिफ्ट कराया गया. इसके बाद दूसरे मरीजों की भर्ती हो सके.

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लखनऊ: लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के बाद भी यहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों का इलाज हो रहा था. लेकिन अब अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों को एक रुपये की जगह 100 रुपये का भुगतान करना होगा, तभी ओपीडी में चिकित्सक मरीजों को देखेंगे. दरअसल, लोहिया संस्थान को MBBS की मान्यता देने को पास में संचालित लोहिया अस्पताल को संयुक्त रूप से जोड़कर इन दोनों का विलय कर दिया गया था. वहीं, 467 बेडों वाले लोहिया अस्पताल में विलय के बाद भी महज एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को मुफ्त इलाज मिल रहा था. हालांकि, जब मरीज संस्थान में शिफ्ट होता था तो उस पर सुपर स्पेशियलिटी का तय शुल्क लिया जाता था. लेकिन अब इन दोनों जगहों पर इलाज के लिए मरीजों को 100 रुपये के पर्चा कटाने होंगे. साथ ही जांच व दवाओं के लिए भी अलग से पैसे देंगे होंगे. खैर, विलय से पहले अस्पताल में मुफ्त सेवा देने का वादा किया गया था.

अस्पताल की ओपीडी में हर रोज करीब 5000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. यहां के मेडिसिन जनरल सर्जरी ऑर्थोपेडिक एंटी नेत्र के बाद त्वचा रोग विभाग, आप सेंड गायनी रेडियोलॉजी टीवी एंड चेस्ट व पैथोलॉजी की सेवाएं मिल रही थी. वहीं, इन सेवाओं के लिए मरीजों को केवल एक रुपये का पर्चा बनवाना पड़ता था. साथ ही दवाएं मुफ्त में मिलती थी. लेकिन अब यहां मरीजों को चिकित्सकीय सेवाओं के लिए एक की बजाय 100 रुपये के पर्चे बनवाने होंगे. इसके अलावा कोई भी सुविधा निशुल्क नहीं होगी.

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इमरजेंसी मरीज का होगा मुफ्त उपचार: चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने 22 अप्रैल को आदेश जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति निशुल्क उपलब्ध होगी. इसके अलावा अस्पताल आने वाले अन्य सभी मरीजों का पंजीकरण व यूजर चार्ज लगेगा.

5 साल में मेडिकल कॉलेजों की सीटें होंगी दोगुनी: प्रदेश में आगामी 5 सालों में मेडिकल कॉलेजों की सीटों को दोगुना करने की योजना है. इसमें एमबीबीएस की 7000 सीटें, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3600 सीटों को बढ़ाया जाएगा. आने वाले 100 दिनों में प्रदेश में हॉस्पिटल की स्थापना प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों में 30 बेड और 4 रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं.

आधी रात के बाद बलरामपुर में इमरजेंसी फुल: शुक्रवार रात 12 बजे के बाद बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड पूरी तरह से फुल हो गई. करीब 40 मरीज विभिन्न संस्थानों से रेफर होकर अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे थे. ऐसे में गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर यहां अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. साथ ही मरीजों को तत्काल वार्ड में शिफ्ट कराया गया. इसके बाद दूसरे मरीजों की भर्ती हो सके.

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Last Updated : Apr 23, 2022, 12:11 PM IST
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