लखनऊ : बहनोई के भाई के घर में रहने के दौरान उसकी नाबालिग पुत्री के साथ छेड़खानी और दुराचार करने के आरोपी दयाल सिंह डुगरियाल को दोषी ठहराते हुए, पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश (Special Judge of POCSO Act) विजेंद्र त्रिपाठी ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट ने जुर्माने की रक़म में से 40 हज़ार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है.
कोर्ट में सरकारी वकील सुखेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रिपोर्ट वादी ने 3 मार्च 2018 को मानकनगर थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया कि वादी की भाभी का भाई दयाल सिंह डुगरियाल वादी के ही मकान में रहता था और वादी की नाबालिग पुत्री के साथ छेड़खानी और दुर्व्यवहार करता था. जिसके चलते वादी की पुत्री सदमे में आ गई. कहा गया कि पीड़िता का इलाज करने के दौरान पता चला की आरोपी वादी की पुत्री के साथ बुरा कार्य करता है. इस मामले की विवेचना के दौरान और कोर्ट में बयान के दौरान पीड़िता ने बताया की आरोपी ने उसके साथ कक्षा चार में पढ़ने के दौरान पहली बार छेड़खानी की थी और कक्षा सात में थी तब दुराचार किया था. कोर्ट में बताया गया कि आरोपी वर्ष 2009 से 2018 तक पीड़िता के साथ छेड़खानी और दुराचार करता रहा.
फर्जी किसान बनकर 39 लाख हड़पने वाले को जमानत से इंकार : वहीं एक अन्य मामले में फर्जी किसान (Grabbed money by posing as fake farmers) बनकर किसी और की जमीन का सौदा करने और 39 लाख रुपये हड़पने के आरोपी मुनीश की जमानत अर्जी को एडीजे अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है. कोर्ट में सरकारी वकील कमल अवस्थी ने बताया कि वादी प्रदीप कुमार ने बिजनौर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी राजबीर वादी के पास आया और बताया कि एक किसान की जमीन सरोजनीनगर में है. किसान के घर में कोई बीमार है. लिहाजा उसे पैसे की सख्त जरूरत है. अगर जमीन खरीद लेंगे तो किसान की मदद होगी. कहा गया कि इस पर वादी जमीन लेने को तैयार हो गया. कहा गया कि आरोपी राजबीर व उसकी पत्नी ने एक फर्जी किसान वीरेंद्र कुमार से मिलवाया तथा कई बार में 39 लाख रुपये ले लिए और फर्जी एग्रीमेंट भी करवाया. आरोप है कि मुनीश ने ही फर्जी किसान वीरेंद्र कुमार बन कर वादी से फर्जी एग्रीमेंट किया था.
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