लखनऊ : राज्य कर मुख्यालय से सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी धन की अनियमितता के प्रयास पर कार्रवाई की गई है. विभाग के पूर्व अधिकारी द्वारा चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावा प्रस्तुत कर भुगतान प्राप्त करने का प्रयास किये जाने का मामला प्रकाश में आने पर एफआईआर दर्ज करने के लिए विभूतिखंड, गोमतीनगर थाने में तहरीर दी गई है.
राज्यकर विभाग के अपर आयुक्त ओपी वर्मा ने बताया कि 'सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी अनुराग मेहरोत्रा द्वारा कूटरचित दस्तावेज स्वयं तैयार कर व्यक्तिगत लाभ के लिए राजकीय धन की लूट करने का प्रयास किया गया है. अपर आयुक्त ने बताया कि 30 सितम्बर, 2019 को अपनी अधिवर्षता आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए प्रशासनिक अधिकारी द्वारा फर्जी तरीके से चिकित्सा प्रतिपूर्ति की गई है. इस मामले में केजीएमयू के डॉ. एलके सैनी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि अनुराग मेहरोत्रा अपनी पत्नी के उपचार के लिए उनके समक्ष ओपीडी में उपस्थित हुये थे. मरीज को उनके द्वारा देखा गया तथा आवश्यक औषधि लिखने के उपरान्त मरीज के पति द्वारा अपना परिचय विशेष सचिव, उप्र, शासन, लखनऊ के रूप में दिया गया था.'
अपर आयुक्त ने कहा कि 'डॉ सैनी द्वारा बताया गया कि अनुराग मेहरोत्रा, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी के उपचार पर सत्यापन के लिए प्राप्त हुये बाउचरों की जांच करने पर उन्होंने यह पाया कि सत्यापन के लिए प्राप्त बाउचरों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर एवं फर्जी मोहर बनाकर सत्यापित किया गया है. वह उनके हस्ताक्षर नहीं है तथा न ही उनकी मोहर है, सम्भवतः उनके नाम पर नकली मोहर बनवायी गयी है. इस प्रकार यह एक संगीन अपराध प्रतीत हो रहा है. ऐसा कार्य करने वाले के विरुद्ध सम्बन्धित विभाग के द्वारा अनुशासनात्मक, दंडात्मक, विधिक और सर्तकता कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर किया जाना उचित प्रतीत हो रहा है, ताकि ऐसी घटनाओं की भविष्य में पुनरावृत्ति न होने पाये.'
अपर आयुक्त ने बताया कि 'अनुराग मेहरोत्रा द्वारा अपनी पत्नी प्रमिला मेहरोत्रा के इलाज के लिए अपने आवास से टीसीआई सेंटर, विनयखंड से चिकित्सा संस्थान तथा चिकित्सा संस्थान से अपने आवास तक एयर एम्बुलेंस के माध्यम से की गयी यात्रा पर खर्च 3600/ रुपये का खर्च आया, जिसको उन्होंने भुगतान के लिए सेवाप्रदाता कम्पनी इण्डिया टुअर एण्ड ट्रेवल चारबाग, लखनऊ के लेटर पेड पर जारी रसीद का भुगतान किये जाने का अनुरोध किया गया है. अपर आयुक्त, राज्य कर ने बताया कि अनुराग मेहरोत्रा द्वारा अस्तित्त्वहीन सेवा प्रदाता कम्पनी को फर्जी, कूटरचित दस्तावेज स्वयं तैयार कर व्यक्तिगत लाभ के लिए राजकीय धन के व्यपहरण का प्रयास किया गया है.'
अपर आयुक्त वर्मा ने बताया कि 'प्रतिकूल तथ्यों के प्रकाश में आने पर अनुराग मेहरोत्रा के द्वारा प्रस्तुत सभी चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों का कार्यालय स्तर से सत्यापन कराये जाने के लिये गये. निर्णय के क्रम में मेहरोत्रा द्वारा चिकित्सा दावा 70 हजार रुपये के साथ संलग्न सर्टिफिकेट-ए को सम्बन्धित चिकित्सक द्वारा सत्यापित किया गया है. दावे से सम्बन्धित खरीद के बिल के सत्यापन के सम्बन्ध में विक्रेता फर्म से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है कि यह बिल उनकी फर्म द्वारा जारी किया गया है अथवा नहीं. उन्होंने बताया कि अनुराग मेहरोत्रा द्वारा इलेक्ट्रिक आइटम की खरीद के लिए जारी किया गया. इनवाइस में छेड़छाड़ कर आंख की दवा का बिल बनाकर भुगतान प्राप्त किये जाने का भी प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा सेवानिवृत्ति के उपरान्त वर्ष 2021-2022 से वर्ष 2022-2023 तक प्रस्तुत किये गये सभी चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों के सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है.