ललितपुर: जहां एक ओर योगी सरकार ने आवारा जानवरों के संरक्षण के लिए गांव-गांव में स्थाई गोशालाएं बनवाई हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ गांव के प्रधानों द्वारा उन्हीं गोशालाओं में लापरवाही से काम किया जा रहा है. इसके चलते लगातार खाने पीने के अभाव में जानवरों की मौत हो रही है.
ये मामला तालबेहट तहसील के थाना बार के ग्राम बरौदा डांग का है. जहां बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत बनाई गई मंडी में जिलाधिकारी ने सरकार की मंशानुसार अन्ना जानवरों के लिए गोशालाओं का निर्माण कराया था. स्थानीय गांव के प्रधान की जिम्मेदारी थी कि वह जानवरों को समय पर खाना, पानी व चिकित्सा उपलब्ध कराएं.
आरोप है कि ग्रामप्रधान की लापरवाही से गोशाला में जानवरों को खाना और पानी समय पर न मिलने से लगातार एक महीने से जानवरों की मौत हो रही है. हाल ही में लगभग 20 जानवरों की मौत हो गई, इससे मरे जानवर गोशाला के अंदर ही सड़ गल गए. इस गोशाला में जानवरों की स्थिति इतनी बदतर है कि कई जानवर मरने की स्थिति में हैं.
कई जानवर तो ऐसे हैं जो जिंदा तो हैं मगर उनके शरीर मे कीड़े पड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ग्रामीण शीतल कुशवाहा के अनुसार यह अस्थाई गोशाला बनाई गई थी, लेकिन यहां न कोई चारे की व्यवस्था है और न ही पानी की. जब से ये गोशाला बनी है इसमें 200 से अधिक जानवर मर चुके हैं. अभी 20 जानवर मरे हैं, जिनको हटाया नहीं गया, जिससे बहुत बदबू आ रही है. गांव में लोग बीमार हो रहे हैं.
इस मामले में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. एसडीएम तालबेहट को निर्देश भी दिए गए हैं कि गोशाला में पहुंचकर जांच करें. इस क्षेत्र में दो गोवंश स्थल हैं, जहां पर खाना-पानी की व्यवस्था है, लेकिन इसमें क्या हुआ है यह मैं खुद जाकर देखूंगा.