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इस एक गोशाला में मर चुकी हैं 200 से अधिक गायें, प्रधान न भूसा रखते हैं न ही पानी - गाय की मौत

उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा जानवरों की देखरेख के लिए अस्थाई गोशालाओं का निर्माण कराया था. इसके लिए बकायदा फंड भी जारी किया गया था. अब इन गोशालाओं की हालत बहुत ही दयनीय है. ललितपुर की एक गौशाला के निर्माण के बाद से ही अब तक उसमें 200 से अधिक गायों की मौत हो चुकी है.

प्रतीकात्मक चित्र.
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Published : Mar 25, 2019, 10:11 PM IST

ललितपुर: जहां एक ओर योगी सरकार ने आवारा जानवरों के संरक्षण के लिए गांव-गांव में स्थाई गोशालाएं बनवाई हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ गांव के प्रधानों द्वारा उन्हीं गोशालाओं में लापरवाही से काम किया जा रहा है. इसके चलते लगातार खाने पीने के अभाव में जानवरों की मौत हो रही है.

ये मामला तालबेहट तहसील के थाना बार के ग्राम बरौदा डांग का है. जहां बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत बनाई गई मंडी में जिलाधिकारी ने सरकार की मंशानुसार अन्ना जानवरों के लिए गोशालाओं का निर्माण कराया था. स्थानीय गांव के प्रधान की जिम्मेदारी थी कि वह जानवरों को समय पर खाना, पानी व चिकित्सा उपलब्ध कराएं.

आरोप है कि ग्रामप्रधान की लापरवाही से गोशाला में जानवरों को खाना और पानी समय पर न मिलने से लगातार एक महीने से जानवरों की मौत हो रही है. हाल ही में लगभग 20 जानवरों की मौत हो गई, इससे मरे जानवर गोशाला के अंदर ही सड़ गल गए. इस गोशाला में जानवरों की स्थिति इतनी बदतर है कि कई जानवर मरने की स्थिति में हैं.

ललितपुर की गौशाला में मर चुकी हैं 200 से अधिक गायें

कई जानवर तो ऐसे हैं जो जिंदा तो हैं मगर उनके शरीर मे कीड़े पड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ग्रामीण शीतल कुशवाहा के अनुसार यह अस्थाई गोशाला बनाई गई थी, लेकिन यहां न कोई चारे की व्यवस्था है और न ही पानी की. जब से ये गोशाला बनी है इसमें 200 से अधिक जानवर मर चुके हैं. अभी 20 जानवर मरे हैं, जिनको हटाया नहीं गया, जिससे बहुत बदबू आ रही है. गांव में लोग बीमार हो रहे हैं.

इस मामले में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. एसडीएम तालबेहट को निर्देश भी दिए गए हैं कि गोशाला में पहुंचकर जांच करें. इस क्षेत्र में दो गोवंश स्थल हैं, जहां पर खाना-पानी की व्यवस्था है, लेकिन इसमें क्या हुआ है यह मैं खुद जाकर देखूंगा.

ललितपुर: जहां एक ओर योगी सरकार ने आवारा जानवरों के संरक्षण के लिए गांव-गांव में स्थाई गोशालाएं बनवाई हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ गांव के प्रधानों द्वारा उन्हीं गोशालाओं में लापरवाही से काम किया जा रहा है. इसके चलते लगातार खाने पीने के अभाव में जानवरों की मौत हो रही है.

ये मामला तालबेहट तहसील के थाना बार के ग्राम बरौदा डांग का है. जहां बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत बनाई गई मंडी में जिलाधिकारी ने सरकार की मंशानुसार अन्ना जानवरों के लिए गोशालाओं का निर्माण कराया था. स्थानीय गांव के प्रधान की जिम्मेदारी थी कि वह जानवरों को समय पर खाना, पानी व चिकित्सा उपलब्ध कराएं.

आरोप है कि ग्रामप्रधान की लापरवाही से गोशाला में जानवरों को खाना और पानी समय पर न मिलने से लगातार एक महीने से जानवरों की मौत हो रही है. हाल ही में लगभग 20 जानवरों की मौत हो गई, इससे मरे जानवर गोशाला के अंदर ही सड़ गल गए. इस गोशाला में जानवरों की स्थिति इतनी बदतर है कि कई जानवर मरने की स्थिति में हैं.

ललितपुर की गौशाला में मर चुकी हैं 200 से अधिक गायें

कई जानवर तो ऐसे हैं जो जिंदा तो हैं मगर उनके शरीर मे कीड़े पड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ग्रामीण शीतल कुशवाहा के अनुसार यह अस्थाई गोशाला बनाई गई थी, लेकिन यहां न कोई चारे की व्यवस्था है और न ही पानी की. जब से ये गोशाला बनी है इसमें 200 से अधिक जानवर मर चुके हैं. अभी 20 जानवर मरे हैं, जिनको हटाया नहीं गया, जिससे बहुत बदबू आ रही है. गांव में लोग बीमार हो रहे हैं.

इस मामले में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. एसडीएम तालबेहट को निर्देश भी दिए गए हैं कि गोशाला में पहुंचकर जांच करें. इस क्षेत्र में दो गोवंश स्थल हैं, जहां पर खाना-पानी की व्यवस्था है, लेकिन इसमें क्या हुआ है यह मैं खुद जाकर देखूंगा.

Intro:एंकर-जहाँ एक ओर योगी सरकार ने अन्ना एवं छुट्टा जानवरों के संरक्षण के लिए गांव गांव में स्थाई गौशालाएं बनवा कर पर्याप्त खाने पीने की व्यवस्था कर अन्ना जानवरों को संरक्षित किया है तो वही दूसरी ओर कुछ गांव के ग्रामप्रधानों द्वारा उन्हीं गौशालाओं में लापरवाही से काम किया जा रहा है.जिसके चलते लगातार खाने पीने के अभाव में जानवरों की मौत हो रही है.


Body:वीओ-ताज़ा मामला तालबेहट तहसील के थाना बार के ग्राम बरौदा डांग का है.जहाँ बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत बनाई गई मंडी में जिलाधिकारी के द्वारा सरकार की मंशानुसार अन्ना जानवरों के लिए गौशालाओं का निर्माण किया गया था. जिसमे स्थानीय गांव के प्रधान की जिम्मेदारी थी कि वह जानवरों को समय पर खाना पानी व चिकित्सा उपलब्ध कराए. लेकिन ग्रामप्रधान की लापरवाही से गौशाला में जानवरों को खाना और पानी समय पर न मिलने से लगातार 1 महीने से जानवरों की मौत हो रही हैं. और हाल ही में लगभग 20 जानवरों की मौत हो गई लेकिन प्रधान ने उनको कहीं दूर नही फिकवाया. जिससे मरे जानवर गौशाला के अंदर ही सड़ गल गए. और इस गौशाला में जानवरों की स्थिति इतनी बदत्तर है कि कई जानवर मरने की स्थिति में है.कई जानवर तो ऐसे है जो जिंदा तो है मगर उनके शरीर मे कीड़े पड़ चुके है.लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है बाइट-वही ग्रामीण के अनुसार यह स्थाई गौशाला बनाई गई थी लेकिन यहाँ न कोई चारे की व्यवस्था है औऱ न ही पानी की.जब से ये गौशाला बनी है इसमें 200 से अधिक जानवर मर चुके हैं. अभी 20 जानवर मरे है जिनको फेका नही गया जिससे बहुत बदबू आ रही है और गांव में हर घर मे लोग बीमार हो रहे हैं औऱ ग्राम प्रधान पीने खाने में मस्त है. बाइट-शीतल कुशवाहा(ग्रामीण)


Conclusion:बाइट-वही जब इस मामले को लेकर जिलाधिकारी से वार्ता की गई. तो उनका कहना है कि ये मामला संज्ञान में आया है और एसडीएम तालबेहट को निर्देश भी दिए है कि गौशाला में पहुंच कर जांच करें.और इस क्षेत्र में दो गौ वंश स्थल है जहाँ पर खाना पानी की व्यवस्था है लेकिन इस हुआ है और यह लापरवाही है मै खुद स्वयं जाकर देखूंगा. बाइट-जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह (नोट-मरे हुए जानवरों के विसुअल,गौशाला के विसुअल और ग्रामीण की ftp पर up_lalitpur_25march2019_gouvansh 1,2,3,4,5,6,7,8,9 नाम से) नोट-डेस्क अभी सिर्फ लगभग 2 महीने पहले ही गौशालाओं का निर्माण हुआ था.और महीने भर से अन्ना जानवरों की मौत हो रही है.और आज मौके से जो विसुअल आये थे और जानकारी की थी तो लगभग 20 जानवरों की मौत कल हुई है और कभी 3 कभी 5 ऐसे जानवरों की मौत लगभग रोज हो रही है और ग्रामीण ने भी बाइट में बताया है अब तक 200 जानवर मर चुके हैं और जिसे गौशाल में ही डाल देते है बाहर नही फेंकते. जिसकी दुर्गंध से गांव के लोग भी बीमार हो रहे हैं।
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