लखनऊ : उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के 11 मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इस मौके पर उन्होंने नियुक्ति पाने वाले कार्मिकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि 'सभी कर्मी पूरे मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे. उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए प्रसन्नता हो रही है, लेकिन इस बात का दुख भी है कि इनके अभिभावकों की असामयिक मृत्यु हुई है, जिसकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है.'
मौर्य ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश सरकार मृतक आश्रितों के प्रति बेहद संवेदनशील है. इसलिए उन्हें शीघ्र अतिशीघ्र नियुक्ति पत्र देने का कार्य किया जा रहा है. इसी के तहत बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में 11 मृतक आश्रितों को कनिष्ठ सहायक पद पर नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं. देवेश पाण्डेय को जनपद वाराणसी, आकाश वर्मा को बागपत, संजय कुमार गौतम को महोबा, हरिश कुमार को कन्नौज, मोहित कुमार को मेरठ, कुलभूषण पाण्डेय को हापुड़, आकाश दीप को बुलंदशहर, विनय शंकर पाण्डेय को कानपुर देहात, अरविंद कुमार गौतम को कुशीनगर, रोहित गुप्ता को हाथरस और कमलेश कुमारी को जनपद पीलीभीत में कनिष्ठ सहायक के पद के लिए नियुक्ति पत्र दिया गया है. इस मौके पर निदेशक, बाल विकास एवं पुष्टाहार सरनीत कौर ब्रोका एवं संयुक्त निदेशक गरिमा स्वरूप मौजूद रहीं.
बरेली के अपर निदेशक व आगरा के पशुचिकित्साधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश और गोआश्रय स्थलों के प्रबंधन में लापरवाही बरतने के मामले में सख्त रूख अपनाया है. उन्होंने बरेली के अपर निदेशक और अछनेरा आगरा के पशुचिकित्साधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है. इसके अलावा प्रयागराज व लखनऊ के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लिए जाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि 'गोसंरक्षण कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी.' कैबिनेट मंत्री ने निर्देश दिए कि गोआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की साप्ताहिक समीक्षा की जाए. धनराशि की डिमांड प्राप्त होते ही 24 घंटे के अंदर धनराशि उपलब्ध कराई जाए और उसका समुचित सदुपयोग भी सुनिश्चित किया जाए. धनराशि के अभाव में किसी भी गोआश्रय स्थल में सुविधाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए. मंत्री धर्मपाल सिंह ने मंगलवार को निराश्रित गोवंश के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक में गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन के कड़े दिशा-निर्देश दिए.
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