ललितपुर: ललितपुर जनपद के विकास मडावरा अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम पटना का उप स्वास्थ्य केंद्र आज बदहाली की गिरफ्त में है. आलम यह है कि बिना इस्तेमाल के ही इमारत पूरी तरह से जर्जर हो गई है और तो और जब उक्त विषय पर जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तो वे इस पूरे मामले में खामोशी साध लेते हैं. यही नहीं आज ये उप स्वास्थ्य केंद्र आवारा गौवंशों का बसेरा बन गया है. वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिलने की सूरत में कई बार ग्रामीणों ने नियमित रूप से केंद्र को खुलवाने की मांग करते हुए अधिकारियों से मुलाकात भी की, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ.
बता दें कि ग्राम पटना में महिलाओं के प्रसव टीकाकरण जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से इस उप स्वास्थ्य केन्द्र को बनवाया गया था. लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ये उप स्वास्थ्य केन्द्र देखते ही देखते बदहाली का शिकार हो गया और आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है.
इधर, स्वास्थ्य केन्द्र न खुलने के कारण चारों तरफ गंदगी का अंबार है. यहां तक कि हैंड पाइप भी खराब है. गेट खुला होने के कारण जानवर यहां आसानी से प्रवेश कर जाते हैं. स्थिति यह है कि प्रसव के दौरान महिलाओं को मडावरा अस्पताल या फिर जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने व लोगों के इलाज को ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य केंद्र बना रही हो, लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण इन केंद्रों की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है.
ललितपुर के विकास मडावरा अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम पटना के उप स्वास्थ्य केंद्र में आज इलाज करने के लिए कोई संसाधन नहीं है. न तो यहां चिकित्सक हैं और न ही कोई दवा सामान. स्थानीय लोगों की मानें तो केंद्र पर रखे सामान कब के चोरी हो गए और तो और पूरी इमारत जर्जर हालत में है.
लोगों ने बताया कि इसके बनने के बाद से आजतक कभी इस इमारत की रंगाई-पुताई नहीं हुई है. गांव में उप स्वास्थ्य केन्द्र होने के बाद भी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए शहर या जिला अस्पताल जाना पड़ता है.