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ललितपुर: 200 किलोमीटर पैदल चलकर मुरैना निवासी मजदूर 4 दिनों में पहुंचे ललितपुर - ललितपुर रेलवे स्टेशन ताजा समाचार

200 किलोमीटर पैदल चलकर मुरैना निवासी मजदूर 4 दिनों में ललितपुर पहुंचे है. सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस प्रशासन और अन्नपूर्णा भोजनशाला के सदस्यों ने मजदूरों को कलेक्ट्रेट परिसर में ले आया.

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200 किलोमीटर पैदल चलकर मुरैना निवासी मजदूर 4 दिनों में पहुंचे ललितपुर
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Published : Mar 30, 2020, 9:54 AM IST

ललितपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और बचाव के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लाॅकडाउन किया गया है. इस दौरान लोगों को केवल आवश्यक कार्य के लिए ही घर से बाहर निकलने का निर्देश केंद्र और राज्य सराकर की ओर से दिया गया है. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी- रोटी का संकट आ गया है.

200 किलोमीटर पैदल चलकर मुरैना निवासी मजदूर 4 दिनों में पहुंचे ललितपुर

वहीं दिहाड़ी मजदूरों का बुन्देलखण्ड की ओर पैदल वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. रविवार देर शाम मुरैना निवासी 9 मजदूर भोपाल की ओर से रेल पटरियों पर 200 किलोमीटर चलकर 4 दिनों में ललितपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे. इनकी सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस प्रशासन और अन्नपूर्णा भोजनशाला के सदस्यों ने इन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में ले आया.

जहां पर इनके खाने की व्यवस्था के साथ झांसी तक पहुंचाने के इंतजाम किए गए. वहीं मजदूरों का कहना है कि हम लोग मुरैना के रहने वाले हैं और भोपाल से आये हुए हैं. वहां मार्वल का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण सारा काम बंद हो गया है और खाने- पीने की परेशानी हो गई. इस कारण हम लोग पैदल ही चल दिए.

ललितपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और बचाव के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लाॅकडाउन किया गया है. इस दौरान लोगों को केवल आवश्यक कार्य के लिए ही घर से बाहर निकलने का निर्देश केंद्र और राज्य सराकर की ओर से दिया गया है. ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी- रोटी का संकट आ गया है.

200 किलोमीटर पैदल चलकर मुरैना निवासी मजदूर 4 दिनों में पहुंचे ललितपुर

वहीं दिहाड़ी मजदूरों का बुन्देलखण्ड की ओर पैदल वापसी का सिलसिला लगातार जारी है. रविवार देर शाम मुरैना निवासी 9 मजदूर भोपाल की ओर से रेल पटरियों पर 200 किलोमीटर चलकर 4 दिनों में ललितपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे. इनकी सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस प्रशासन और अन्नपूर्णा भोजनशाला के सदस्यों ने इन्हें कलेक्ट्रेट परिसर में ले आया.

जहां पर इनके खाने की व्यवस्था के साथ झांसी तक पहुंचाने के इंतजाम किए गए. वहीं मजदूरों का कहना है कि हम लोग मुरैना के रहने वाले हैं और भोपाल से आये हुए हैं. वहां मार्वल का काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण सारा काम बंद हो गया है और खाने- पीने की परेशानी हो गई. इस कारण हम लोग पैदल ही चल दिए.

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