ललितपुर: जिले में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ठंड ने पिछले कई सालों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं. पिछले चार दिनों से लगातार जिले का तापमान 6 डिग्री बना है, जिसके चलते लोग घरों के अंदर ही रहने को मजबूर हैं. इस कड़ाके की ठंड में गरीब और बेसहारा लोगों के लिए अलाव ही एक मात्र सहारा है, लेकिन लोगों का कहना है की अलाव जलाने के लिए लकड़िया उपलब्ध नहीं कराई गई हैं.
नहीं है अलाव जलाने की लकड़ियां
इस साल कड़ाके की ठंड ने पिछले कुछ सालों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. कड़ाके की ठंड से आमजन का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ठंड के कारण लोगों का बुरा हाल है. सर्द हवाओं के अलावा सुबह साढ़े 10 बजे तक घना कोहरा छाया रहता है. ऐसे में नगर पालिका प्रशासन के द्वारा शहर के मुख्य स्थानों पर अब तक ठंड से बचने के लिए अलाव की व्यवस्था नहीं कराई जा रही है.
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कूड़े-कचरे से जलाते नजर आए अलाव
जिला प्रशासन का दावा कर रहा है कि शहर में मुख्य स्थानों पर नगर पालिका द्वारा सुबह और शाम की ठंड से बचाव के लिए लकड़ियों को जलाकर अलाव की व्यवस्था की गई है, लेकिन लोगों का आरोप है कि नगर पालिका प्रशासन के द्वारा ठंड से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग कूड़ा-कचरा और स्वयं लड़कियों का प्रबंध करके अलाव तापते नजर आ रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन शहर में प्रत्येक चौराहे पर अलाव जलाने की व्यवस्था का दावा कर रहा है.
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सुबह जिले में 6 डिग्री सेल्सियस तापमान था. करीब साढ़े 10 बजे के बाद अच्छी धूप हुई है. लोगों को मेडिकल से एडवाइजरी की गई है कि हृदय रोगी बाहर टहलने न निकलें. बाकी रैन बसेरों का प्रबंधन किया गया है और पर्याप्त मात्रा में गद्दा रजाई का प्रबंध है.
-अनिल कुमार मिश्रा, एडीएम