ललितपुरः जिले में सपा को बड़ा झटका लगने जा रहा है. ललितपुर सीट से रमेश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सपा में बगावत बढ़ गई है. टिकट न मिलने से नाराज अखिलेश यादव के करीबी चंद्रभूषण सिंह बुन्देला गुड्डू राजा सपा छोड़कर बसपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि गुड्डू राजा ने 2009 व 2012 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. वह दोनों बार बहुत ही कम अंतरों से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे.
रमेश कुशवाहा ने 2012 में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था और वह जीत दर्ज कर विधायक बने थे, लेकिन 2017 में बसपा ने उनकी टिकट काट दी थी. इसके बाद वह बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
6 महीने बाद नगर पालिका परिषद चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी नहीं बनाए जाने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैंदान में उतार दिया था. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. रमेश कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. जातीय समीकरण साधते हुए सपा ने रमेश कुशवाहा पर इस बार भरोसा जताया है और उन्हें टिकट थमाया है.
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सपा ने ललितपुर जिले की दोनों विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जिसमें भाजपा से आए पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा को ललितपुर सदर सीट से और बसपा से आए पूर्व विधायक फेरन अहिरवार को प्रत्याशी बनाया है.
बुंदेला परिवार का है जिले में बड़ा रसूख
बुंदेलखंड की राजनीति में अलग छाप छोड़ने वाले बुंदेला बंधु ललितपुर की ग्रामसभा से लेकर लखनऊ व दिल्ली तक खास दबदबा रखते थे. इसी परिवार के बड़े दाऊ के नाम से पहचाने जाने वाले सुजान सिंह बुंदेला दो बार सांसद चुने गए. वीरेंद्र सिंह बुंदेला व पूरन सिंह बुंदेला कई बार विधायक बनने के बाद मंत्री बने. 12 साल बाद चंद्रभूषण बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा ने सपा छोड़कर हाथी की सवारी का फैसला किया है.
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