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ललितपुर: जिले में रोपे जाएंगे 47 लाख 93 हजार 830 पौधे - डीएम योगेश कुमार शुक्ल

ललितपुर जिला मुख्यालय पर स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में सोशल डिस्टेंसिग के तहत वृक्षारोपण समिति की बैठक संपन्न हुई. इसमें आगामी वर्षाकाल में पौधरोपण के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं.

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वृक्षारोपण के सम्बन्ध में की गई बैठक
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Published : Jun 6, 2020, 4:20 PM IST

ललितपुर : कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में सोशल डिस्टेंसिग के तहत वृक्षारोपण समिति की बैठक संपन्न हुई. इसमें बताया गया कि इस वर्ष जिले में 47 लाख 93 हजार 830 पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वन विभाग समेत 25 अन्य विभाग पौधरोपण करेंगे.

जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष पौधरोपण के साथ-साथ रोपित किए जाने वाले पौधों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए बरसात के पूर्व पौधरोपण स्थलों का चयन कर उसके आस-पास कटीली झाड़ियों से उसे घेरा जाए, जिससे पौधे सुरक्षित रहेंगे. डीएम ने कहा कि बरसात से पूर्व गड्ढे खोद लिए जाएं और प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत इससे व्यापक स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा.

पौधों की होगी सुरक्षा
डीएम ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को एक विभाग के अनुरूप लक्ष्य को आवंटित किया जायेगा. यह भी तय किया गया है कि लगाए गए पौधों की सुरक्षा का दायित्व संबंधित विभाग को सौंपा जायेगा और प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगाए गये पौधों के मूल्यांकन के लिए अधिकारियों की टीम लगाई जायेगी.

टीम करेगी निरीक्षण
डीएम योगेश कुमार शुक्ल ने बताया कि टीम माह में कम से कम एक बार निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी. मनरेगा के तहत लगाए गए पौधों की सिंचाई व सुरक्षा के लिए श्रमिक रखे जाएंगे.

डीएफओ देवनाथ सिंह ने सहजन के पौधों के महत्व पर प्रकाश डाला. जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक घर में पांच सहजन के पौधे लगाए जाएं. जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों को आंवला, अनार, अमरूद, बेल, करौदा, शरीफा आदि फलदार पौधे लगाने के लिए जागरूक किया जाए.

नीलगाय की समस्या का करें निराकरण
जिलाधिकारी ने वन विभाग को निर्देशित किया कि नीलगाय की समस्या के निराकरण के लिए मडावरा रेंज में एक बड़े क्षेत्र को तार से घेरकर नील गायों का आश्रय स्थल बनाया जाए, ताकि किसानों की फसलों को नुकसान से बचाया जा सके.

ललितपुर : कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में सोशल डिस्टेंसिग के तहत वृक्षारोपण समिति की बैठक संपन्न हुई. इसमें बताया गया कि इस वर्ष जिले में 47 लाख 93 हजार 830 पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वन विभाग समेत 25 अन्य विभाग पौधरोपण करेंगे.

जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष पौधरोपण के साथ-साथ रोपित किए जाने वाले पौधों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए बरसात के पूर्व पौधरोपण स्थलों का चयन कर उसके आस-पास कटीली झाड़ियों से उसे घेरा जाए, जिससे पौधे सुरक्षित रहेंगे. डीएम ने कहा कि बरसात से पूर्व गड्ढे खोद लिए जाएं और प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत इससे व्यापक स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा.

पौधों की होगी सुरक्षा
डीएम ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को एक विभाग के अनुरूप लक्ष्य को आवंटित किया जायेगा. यह भी तय किया गया है कि लगाए गए पौधों की सुरक्षा का दायित्व संबंधित विभाग को सौंपा जायेगा और प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगाए गये पौधों के मूल्यांकन के लिए अधिकारियों की टीम लगाई जायेगी.

टीम करेगी निरीक्षण
डीएम योगेश कुमार शुक्ल ने बताया कि टीम माह में कम से कम एक बार निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी. मनरेगा के तहत लगाए गए पौधों की सिंचाई व सुरक्षा के लिए श्रमिक रखे जाएंगे.

डीएफओ देवनाथ सिंह ने सहजन के पौधों के महत्व पर प्रकाश डाला. जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक घर में पांच सहजन के पौधे लगाए जाएं. जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों को आंवला, अनार, अमरूद, बेल, करौदा, शरीफा आदि फलदार पौधे लगाने के लिए जागरूक किया जाए.

नीलगाय की समस्या का करें निराकरण
जिलाधिकारी ने वन विभाग को निर्देशित किया कि नीलगाय की समस्या के निराकरण के लिए मडावरा रेंज में एक बड़े क्षेत्र को तार से घेरकर नील गायों का आश्रय स्थल बनाया जाए, ताकि किसानों की फसलों को नुकसान से बचाया जा सके.

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