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दुधवा टाइगर रिजर्व में खुशखबरी, कल्पना और रोहिणी गैंडा ने जन्में शावक - लखीमपुर खीरी ताजा खबर

लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में दो मादा गैंडों ने एक-एक शावक को जन्म दिया है. दुधवा टाइगर रिजर्व के गैंडा पुनर्वास फेज 2 में दो शावकों के जन्म से पार्क के अफसर, कर्मचारी और महावतों में खुशी का माहैल है. वहीं अब दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडों के परिवार की कुल संख्या बढ़कर 44 हो गई है.

कल्पना और रोहिणी गैंडा ने जन्में शावक
कल्पना और रोहिणी गैंडा ने जन्में शावक
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Published : Jun 3, 2021, 8:11 PM IST

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में दो मादा गैंडों ने एक एक शावक को जन्म दिया है. रोहिणी और कल्पना नाम की मादाओं ने एक-एक शावक को जना है. दुधवा टाइगर रिजर्व के गैंडा पुनर्वास फेज 2 में बेलरायां रेंज में दो शावकों के जन्म से पार्क के अफसर कर्मचारी और महावतों में खुशी का माहैल है. दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि हमारे लिए और दुधवा को चाहने वालों के लिए ये खुशी की खबर है. हम शावकों और मादाओं की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं. ड्रोन कैमरों और महावतों के गश्ती दल बराबर दोनों मादाओं और शावकों की निगरानी और सुरक्षा कर रहे हैं.

गैंडा पुनर्वास केंद्र फेज टू को मिली बड़ी सफलता
दुधवा टाइगर रिजर्व में वैसे तो गैंडा पुनर्वास योजना 1984 में शुरू हुई थी, पर अप्रैल 2018 में गैंडा पुनर्वास योजना फेज टू का विस्तार दुधवा टाइगर रिजर्व में किया गया था. फेज 2 विस्तार बेलरायां के भादी ताल इलाके के छंगा नाला में किया गया था. इस इलाके को विशेषज्ञों की टीम ने गैंडों के लिए अनुकूल पाया था. फेज 2 में रोहिणी, कल्पना और हिमांगी समेत तीन मादा और नेपोलियन मेल को एक साथ रखा गया था. दुधवा के अफसरों का यह प्रयोग सफल रहा. सबसे पहले हिमांगी ने एक शावक को जन्म दिया था, हालांकि हिमांगी के जने शावक की मौत हो गई थी. अब कल्पना और रोहणी ने एक एक शावक को जन्म दिया है.

नेपालियन मेल है बड़ा डोमिनेंट
दुधवा टाइगर रिजर्व गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में नेपोलियन मेल बड़ा हेड डोमिनेंट मेल है. कहा तो यह जाता है कि यह मेल गैंडा नेपाल से भाग कर आया था और दुधवा में आकर इस ने शरण ली थी. इसीलिए इसका नाम भी नेपोलियन रखा गया था, ऐसे में नेपोलियन ने दुधवा फेज 2 में तीनों मादाओं से मेटिंग कर गैंडों की वंशबेलि को आगे बढ़ाया.

दुधवा में 44 हो गई गैंडा परिवार की तादाद
दुधवा टाइगर रिजर्व के गैंडा पुनर्वास केंद्र फेस टू में रोहिणी और कल्पना नामक मादा गैंडे के दो शावकों के जन्म देने के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडों के परिवार की कुल संख्या बढ़कर 44 हो गई है. 1984 में असम के काजीरंगा से इंदिरा गांधी के प्रयासों से पांच गैंडों से शुरू हुआ दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडा पुनर्वासन केंद्र कई उतार-चढ़ाव देखते हुए तराई के इस इलाके में गैंडों के लिए अनुकूल साबित हो रहा.

इसे भी पढ़ें-बाघ के हमले में घायल युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, टाइगर रिजर्व में हड़कंप

दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि यह हम सब लोगों के लिए खुशी का विषय है. खास करके दुधवा और दुधवा के चाहने वालों के लिए. दुधवा में टाइगर, पांच प्रकार के हिरणों के साथ ही गैंडा और जंगली हाथी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण रखते हैं. सिर्फ पर्यटकों के लिए नहीं वन्य जीव प्रेमियों और वाइल्ड लाइफ के लिए भी तराई का दुधवा टाइगर रिजर्व अपने में अनोखा जंगल है. कल्पना और रोहिणी के शावकों का हम खास ख्याल रख रहे हैं. गैंडा शावकों को टाइगर आदि जानवर भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इनकी निगरानी में महावतों और फील्ड स्टाफ को लगाया गया है.

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में दो मादा गैंडों ने एक एक शावक को जन्म दिया है. रोहिणी और कल्पना नाम की मादाओं ने एक-एक शावक को जना है. दुधवा टाइगर रिजर्व के गैंडा पुनर्वास फेज 2 में बेलरायां रेंज में दो शावकों के जन्म से पार्क के अफसर कर्मचारी और महावतों में खुशी का माहैल है. दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि हमारे लिए और दुधवा को चाहने वालों के लिए ये खुशी की खबर है. हम शावकों और मादाओं की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं. ड्रोन कैमरों और महावतों के गश्ती दल बराबर दोनों मादाओं और शावकों की निगरानी और सुरक्षा कर रहे हैं.

गैंडा पुनर्वास केंद्र फेज टू को मिली बड़ी सफलता
दुधवा टाइगर रिजर्व में वैसे तो गैंडा पुनर्वास योजना 1984 में शुरू हुई थी, पर अप्रैल 2018 में गैंडा पुनर्वास योजना फेज टू का विस्तार दुधवा टाइगर रिजर्व में किया गया था. फेज 2 विस्तार बेलरायां के भादी ताल इलाके के छंगा नाला में किया गया था. इस इलाके को विशेषज्ञों की टीम ने गैंडों के लिए अनुकूल पाया था. फेज 2 में रोहिणी, कल्पना और हिमांगी समेत तीन मादा और नेपोलियन मेल को एक साथ रखा गया था. दुधवा के अफसरों का यह प्रयोग सफल रहा. सबसे पहले हिमांगी ने एक शावक को जन्म दिया था, हालांकि हिमांगी के जने शावक की मौत हो गई थी. अब कल्पना और रोहणी ने एक एक शावक को जन्म दिया है.

नेपालियन मेल है बड़ा डोमिनेंट
दुधवा टाइगर रिजर्व गैंडा पुनर्वासन योजना फेज टू में नेपोलियन मेल बड़ा हेड डोमिनेंट मेल है. कहा तो यह जाता है कि यह मेल गैंडा नेपाल से भाग कर आया था और दुधवा में आकर इस ने शरण ली थी. इसीलिए इसका नाम भी नेपोलियन रखा गया था, ऐसे में नेपोलियन ने दुधवा फेज 2 में तीनों मादाओं से मेटिंग कर गैंडों की वंशबेलि को आगे बढ़ाया.

दुधवा में 44 हो गई गैंडा परिवार की तादाद
दुधवा टाइगर रिजर्व के गैंडा पुनर्वास केंद्र फेस टू में रोहिणी और कल्पना नामक मादा गैंडे के दो शावकों के जन्म देने के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडों के परिवार की कुल संख्या बढ़कर 44 हो गई है. 1984 में असम के काजीरंगा से इंदिरा गांधी के प्रयासों से पांच गैंडों से शुरू हुआ दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडा पुनर्वासन केंद्र कई उतार-चढ़ाव देखते हुए तराई के इस इलाके में गैंडों के लिए अनुकूल साबित हो रहा.

इसे भी पढ़ें-बाघ के हमले में घायल युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, टाइगर रिजर्व में हड़कंप

दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि यह हम सब लोगों के लिए खुशी का विषय है. खास करके दुधवा और दुधवा के चाहने वालों के लिए. दुधवा में टाइगर, पांच प्रकार के हिरणों के साथ ही गैंडा और जंगली हाथी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण रखते हैं. सिर्फ पर्यटकों के लिए नहीं वन्य जीव प्रेमियों और वाइल्ड लाइफ के लिए भी तराई का दुधवा टाइगर रिजर्व अपने में अनोखा जंगल है. कल्पना और रोहिणी के शावकों का हम खास ख्याल रख रहे हैं. गैंडा शावकों को टाइगर आदि जानवर भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए इनकी निगरानी में महावतों और फील्ड स्टाफ को लगाया गया है.

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