लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व से मंगलवार को एक सुखद तस्वीर सामने आई है. एक बाघिन 'मड बाथ' कर रही थी पर इको टूरिज्म के ड्राइवर ने बाघिन की तस्वीर कैमरे में कैद कर ली. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. बाघों के चाहने वाले दुधवा की इस तस्वीर को खूब शेयर कर रहे हैं. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक के मुताबिक ये तस्वीर दुधवा में बाघों की बेहतर रिहायश को दर्शाती है. दुधवा की नेचुरलनेस और टाइगर के बिहेवियर को दर्शाती हुई ये तस्वीर इको टूरिज्म ड्राइवर दीपक कुमार ने दो दिन पहले क्लिक की है.
दुधवा टाइगर रिजर्व में है 100 से ज्यादा बाघ
दुधवा टाइगर रिजर्व में हाल में हुए बाघ गणना में 100 से ज्यादा टाइगर की संख्या आई है. दुधवा टाइगर रिजर्व प्राकृतिक रूप से नेपाल बॉर्डर पर बसा है और तराई के साल और सागौन के जंगलों और बड़े-बड़े घास के मैदान बाघ को एक अनुकूल पर्यावास उपलब्ध कराते हैं. वही यहां पर मौजूद बाघों का पसंदीदा शिकार हिरण, पाड़ा, सांभर और बारहसिंघा और जंगली सुअर नीलगाय भी मौजूद है. यही नहीं दुधवा के जंगलों के साथ ही जंगल से सटे गन्ने के खेत भी बाघों की पसंदीदा जगह बने हुए हैं. बाघ अक्सर जंगल से निकलकर इन गन्ने के खेतों में रहते भी हैं और ब्रीड भी करते हैं.
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दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि जंगल का राजा इसीलिए कहा जाता है. मौजूदा समय मे जंगलों पर दबाव बढ़ रहा है. पर दुधवा में बाघों के संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयास भी रंग ला रहे हैं. बाघों की तादात बढ़ी है. बाघों की कुछ दर्दनाक मौतें की घटनाएं भी हुईं, जिनको मिनिमाइज किया जा रहा. पर ऐसी सुखद तस्वीरे भी दुधवा से निकलकर सामने आ रही.
उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिनों में बाघ वाटरहोल्स के आसपास ही बसेरा बनाते हैं. इसलिए दुधवा में वाटर होल्स को भरने की व्यवस्था भी की गई है. ट्यूबवेल और सोलर पम्प्स से वाटर होल्स को भरा जा रहा, जो नेचुरल वाटर होल्स हैं. वहां अक्सर ऐसे ही बाघ दिख जाते हैं.