लखीमपुर खीरी : गोला रेंज के सिकंदरपुर में बाघ का शव मिलने से खलबली मच गई. जानकारी मिलने के बाद मौके पर वन विभाग की टीम पहुंच गई. बाघ की मौत कैसे हुई, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. उसके सभी अंग सुरक्षित हैं, शरीर पर चोट के निशान भी नहीं हैं. मौत की वजह जानने के लिए एनटीसीए के नियमों के मुताबिक पोस्टमार्टम कराया जाएगा. मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव ने बाघ की मौत की जांच के आदेश दिए हैं.
सोमवार को दक्षिण खीरी वन प्रभाग के गोला रेंज की सिकन्दरपुर बीट में स्थित बरौछा नाले में एक बाघ मरा हुआ पड़ा था. जानकारी मिलने के बाद वन कर्मी मौके पर पहुंच गए. शव नर बाघ का था. प्रभागीय वनाधिकारी दक्षिण खीरी संजय बिस्वाल एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी लखीमपुर भी मौके पर पहुंचे. तत्काल बाघ के शव को नाले से बाहर निकाला गया. मौके पर दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा, डीएफओ नार्थ शौरीष सहाय उप निदेशक बफर जोन दुधवा टाइगर रिजर्व भी जांच के लिए पहुंचे.
प्राथमिक जांच में बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं. शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान भी नहीं मिले हैं. प्राथमिक जांच में बाघ की मौत का कारण उसकी आयु का पूरा होना माना जा रहा है. डीएफओ संजय बिस्वाल ने बताया कि बाघ के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.पशु चिकित्सकों एवं वन्यजीव विषेषज्ञों की टीम का गठन कर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. इसके साथ ही वन्यजीव सुरक्षा के दृष्टिगत वन कर्मियों की टीम का गठन कर वन क्षेत्र की कांबिग कराई जा रही है. वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) उत्तर प्रदेश ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं. डीएफओ संजय कुमार बिस्वाल ने ईटीवी भारत को बताया कि बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं. बाघ को एनटीसीए के नियमों के मुताबिक पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : एटीएस ने ISIS से संपर्क रखने वाले आतंकी को पकड़ा, दूसरे ने कोर्ट में किया सरेंडर, दोनों थे इनामी