ETV Bharat / state

लखीमपुर खीरी: तालाबों पर बन गए घर, कैसे संरक्षित हो भूजल - भूजल संरक्षण

यूपी के लखीमपुर खीरी में तालाबों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे सामने आये हैं. यहां तालाबों की जगह मकान, स्कूल बन गये. इसको लेकर एसडीएम ने 'तालाब खोजो-तालाब बचाओ' अभियान की एक मुहिम शुरू की है. जिससे भूजल को संरक्षित किया जा सके.

etv bharat
'तालाब खोजो तालाब बचाओ' अभियान.
author img

By

Published : Jan 23, 2020, 10:31 AM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में तालाबों पर मकान बन गए. स्कूल बन गये और खेती भी होने लगी. पिछले 20 सालों में तालाब तेजी से विलुप्त हो गये. यह चौंकाने वाला खुलासा होने के बाद खीरी जिले में तैनात एसडीएम ने तालाबों को बचाने की एक मुहिम शुरू की है. 'तालाब खोजो तालाब बचाओ'.

'तालाब खोजो तालाब बचाओ' अभियान.

इस मुहिम से सदर तहसील में एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें तालाबों को खोजा भी जा रहा है और बचाने की रणनीति भी चल रही. एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने तालाबों को खोजने और बचाने को एक फुल प्रूफ कार्य योजना तैयार की है. इसमें हर लेखपाल को अपने हलकों में 1951 में राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों को खोजना है. इसके बाद गायब हुए तालाबों को अभिलेखों में फिर से वापस लाया जा रहा.

'तालाब खोजो तालाब बचाओ अभियान' को एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने 4 चरणों में बांटा है. पहले 'तालाब खोजो' में अभिलेखों में खोजो, फिर अभिलेखों में अगर तालाब गायब है तो उसे फिर से अभिलेखों में दर्ज करना. 'तालाब बचाओ' अभियान के तहत अभिलेखों में दुरुस्त तालाबों का भौतिक सत्यापन करना है. तालाब पर अतिक्रमण है तो उसे खाली कराया जाना है. इसके तहत धारा 38/1 में राजस्व अभिलेखों में तालाब को संशोधित कर दर्ज करवाया जा रहा. अगर तालाबों पर पट्टे हो गए तो उन्हें निरस्त कर उनको खाली कराया जा रहा और किसी भी तालाब पर अतिक्रमण होने की दशा में उस पर से धारा 67 के तहत कार्रवाई कर तालाब को खाली कराना, फिर उस तालाब को वास्तविक स्वरूप में लाना है.
एसडीएम अरुण कुमार सिंह कहते हैं कि हमें अभिलेखों में ही तमाम तालाब गायब मिल रहे हैं. इसके अलावा तालाबों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण भी हैं पर 'तालाब खोजो तालाब बचाओ अभियान' में कानून के तहत कार्रवाई कर शहर-गांव दोनों जगह तालाबों को वास्तविक उनके मूल स्वरूप में लाने की ही पूरी कोशिश है. जल संकट हमारे सामने मुंह बाए खड़ा हैं. ऐसे में जरूरी है तालाबों को उनके नेचुरल फार्म में लाया जाये.

लखीमपुर खीरी: जिले में तालाबों पर मकान बन गए. स्कूल बन गये और खेती भी होने लगी. पिछले 20 सालों में तालाब तेजी से विलुप्त हो गये. यह चौंकाने वाला खुलासा होने के बाद खीरी जिले में तैनात एसडीएम ने तालाबों को बचाने की एक मुहिम शुरू की है. 'तालाब खोजो तालाब बचाओ'.

'तालाब खोजो तालाब बचाओ' अभियान.

इस मुहिम से सदर तहसील में एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें तालाबों को खोजा भी जा रहा है और बचाने की रणनीति भी चल रही. एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने तालाबों को खोजने और बचाने को एक फुल प्रूफ कार्य योजना तैयार की है. इसमें हर लेखपाल को अपने हलकों में 1951 में राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों को खोजना है. इसके बाद गायब हुए तालाबों को अभिलेखों में फिर से वापस लाया जा रहा.

'तालाब खोजो तालाब बचाओ अभियान' को एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने 4 चरणों में बांटा है. पहले 'तालाब खोजो' में अभिलेखों में खोजो, फिर अभिलेखों में अगर तालाब गायब है तो उसे फिर से अभिलेखों में दर्ज करना. 'तालाब बचाओ' अभियान के तहत अभिलेखों में दुरुस्त तालाबों का भौतिक सत्यापन करना है. तालाब पर अतिक्रमण है तो उसे खाली कराया जाना है. इसके तहत धारा 38/1 में राजस्व अभिलेखों में तालाब को संशोधित कर दर्ज करवाया जा रहा. अगर तालाबों पर पट्टे हो गए तो उन्हें निरस्त कर उनको खाली कराया जा रहा और किसी भी तालाब पर अतिक्रमण होने की दशा में उस पर से धारा 67 के तहत कार्रवाई कर तालाब को खाली कराना, फिर उस तालाब को वास्तविक स्वरूप में लाना है.
एसडीएम अरुण कुमार सिंह कहते हैं कि हमें अभिलेखों में ही तमाम तालाब गायब मिल रहे हैं. इसके अलावा तालाबों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण भी हैं पर 'तालाब खोजो तालाब बचाओ अभियान' में कानून के तहत कार्रवाई कर शहर-गांव दोनों जगह तालाबों को वास्तविक उनके मूल स्वरूप में लाने की ही पूरी कोशिश है. जल संकट हमारे सामने मुंह बाए खड़ा हैं. ऐसे में जरूरी है तालाबों को उनके नेचुरल फार्म में लाया जाये.

Intro:लखीमपुर- यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में तालाबों में मकान उग गए। स्कूल जम गए और खेती भी होने लगी। जी हाँ पिछले 20 सालों में तालाब तेजी से विलुप्त हो गए। ये चौकानें वाले खुलासे होने के बाद खीरी जिले में तैनात इस एसडीएम ने तालाबों को बचाने की एक मुहिम शुरू की है। 'तालाब खोजो तालाब बचाओ'के नाम से सदर तहसील में एक अभियान चलाया है। जिसमें तालाबों को खोजा भी जा था और बचाने की रणनीति भी चल रही। एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने तालाबों को खोजने और बचाने को एक फुल प्रूफ कार्ययोजना तैयार की है। इसमें हर लेखपाल को अपने हलकों में 1951 में राजस्व अभिलेखों में दर्ज तालाबों को खोजा जाना है। इसके बाद अभिलेखों से गायब हुए तालाबों को अभिलेखों में फिर से वापस लाया जा रहा।


Body:तालाब खोजो तालाब बचाओ अभियान को एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने 4 चरणों में बांटा है। पहले तालाब खोजो में अभिलेखों में खोजो। फिर अभिलेखों में अगर तालाब गायब है तो उसे फिर से अभिलेखों में दर्ज करना। तालाब बचाओ अभियान के तहत अभिलेखों में दुरुस्त तालाबों का भौतिक सत्यापन। तालाब पर यदि अतिक्रमण है तो उसे खाली कराया जाना। इसके तहत धारा 38/1 में राजस्व अभिलेखों में तालाब को संशोधित कर दर्ज करवाया जा रहा। अगर तालाबों पर पट्टे हो गए तो उन्हें निरस्त कर उनको खाली कराया जा रहा। और किसी भी तालाब पर अतिक्रमण होने की दशा में उसपर से धारा 67 के तहत कार्यवाई कर तालाब को खाली कराना। फिर उस तालाब को वास्तविक स्वरूप में लाना।


Conclusion:एसडीएम अरुण कुमार सिंह कहते हैं हमें अभिलेखों में ही तमाम तालाब गायब मिल रहे। इसके अलावा तालाबों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण भी हैं। पर तालाब खोजो तालाब बचाओ अभियान में कानून के तहत कार्यवाई कर शहर गाँव दोनों जगह तालाबों को वास्तविक उनके मूल स्वरूप में लाने की ही पूरी कोशिश है। जल संकट हमारे सामने मुँह बाए खड़ा है। ऐसे में जरूरी है तालाबों को उनके नेचुरल फार्म में लाया जाए। बाइट-अरुण कुमार सिंह(एसडीएम सदर) पीटीसी- ---------------- प्रशान्त पाण्डेय 9984152598
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.