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लखीमपुर खीरी: नदी में नहाने गए छह बच्चे डूबे, एक की मौत - लखीमपुर खीरी उल्ल नदी में डूबे बच्चे

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में उल्ल नदी में नहाने गए छह बच्चे अचानक नदी में डूब गए. चार बच्चों को तो बचा लिया गया, लेकिन लापता दो बच्चों में एक का शव देर शाम बरामद किया गया है, जबकि एक अभी भी लापता है. पुलिस के सर्च ऑपरेशन बन्द करने से गुस्साए ग्रामीणों ने सैधरी फत्तेपुर बाईपास को रात में जाम कर दिया है.

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नदी में नहाने गए छह बच्चे डूबे
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Published : Jul 22, 2020, 5:11 AM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में नदी में नहाने गए 6 बच्चे अचानक नदी में डूबने लगे. बच्चों को डूबता देख चार बच्चों को तो बचा लिया गया, लेकिन दो लापता हो गए. पुलिस और ग्रामीणों के द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन में देर शाम एक बच्चे का शव निकाला गया. एक बच्चा अभी भी लापता है. पुलिस ने सर्च ऑपरेशन बन्द कर दिया, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने सैधरी फत्तेपुर बाईपास को रात में जाम कर दिया. परिजन पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं.


दरअसल, मंगलवार को सदर कोतवाली के मोहल्ला गढ़ी के रहने वाले छह दोस्त शहर से सट कर बह रही उल्ल नदी में शाम करीब छह बजे नहाने पहुंच गए. सैंधरी रपटा पुल पर इन दिनों बरसात की वजह से जलस्तर ज्यादा है और बहाव भी तेज है. बच्चे तैरना नहीं जानते थे. वे पानी में छलांग लगाने लगे, जिसके कुछ ही देर बाद बच्चे डूबने लगे. बच्चों को देख वहां मौजूद कुछ लोगों ने चार बच्चों को तो बचा लिया, लेकिन दो बच्चे नदी की तेज बहाव में लापता हो गए. लापता बच्चों में गढ़ी रोड के 11 साल के आदित्य और 16 साल के वंश हैं.

लोगों ने किया बाईपास जाम
घटना की खबर पाकर सदर कोतवाल, सीओ सिटी विजय आनन्द भी मौके पर पहुंचे. खोजबीन के नाम पर पुलिस ने ग्रामीणों से ही नदी में खोज कराई, जिसके बाद एक बच्चे आदित्य को बरामद किया गया, जिसकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. देर रात होने पर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन रोक दिया. रात दस बजे बच्चों के परिजन पुलिस की सर्च ऑपरेशन रोके जाने से नाराज होकर सैंधरी बाईपास पहुंच गए और जाम लगा दिया. उनके साथ सैकड़ों की तादात में मोहल्ले वाले भी मौजूद थे.

परिजनों का आरोप है कि खबर मिलने के बाद समय से पुलिस और तहसील प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन शुरू नहीं किया, जिससे बच्चों की मौत हो गई. वहीं सर्च ऑपरेशन बन्द करने से भी लोग नाराज हैं. फिलहाल खबर लिखे जाने तक सीओ सिटी और इंस्पेक्टर कोतवाली लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
सैंधरी रपटा पुल पर बच्चों के डूबने की ये पहली घटना नहीं है. ये रपटा पुल अब मौत का पुल बन गया है. पिछले साल भी यहीं पर दो बच्चे डूब गए थे, जिनकी मौत हो गई थी, तब भी प्रशासन से इस जगह पर नहाने से रोक लगाने की मांग उठी थी. दरअसल, जिस जगह ये पुलिया है, वहां बालू खनन माफियाओं ने नदी में जगह-जगह बालू खोदकर गड्ढे कर दिये हैं, जिससे इन गड्ढों में फंसकर बच्चे डूब जाते हैं.

लखीमपुर खीरी: जिले में नदी में नहाने गए 6 बच्चे अचानक नदी में डूबने लगे. बच्चों को डूबता देख चार बच्चों को तो बचा लिया गया, लेकिन दो लापता हो गए. पुलिस और ग्रामीणों के द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन में देर शाम एक बच्चे का शव निकाला गया. एक बच्चा अभी भी लापता है. पुलिस ने सर्च ऑपरेशन बन्द कर दिया, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने सैधरी फत्तेपुर बाईपास को रात में जाम कर दिया. परिजन पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं.


दरअसल, मंगलवार को सदर कोतवाली के मोहल्ला गढ़ी के रहने वाले छह दोस्त शहर से सट कर बह रही उल्ल नदी में शाम करीब छह बजे नहाने पहुंच गए. सैंधरी रपटा पुल पर इन दिनों बरसात की वजह से जलस्तर ज्यादा है और बहाव भी तेज है. बच्चे तैरना नहीं जानते थे. वे पानी में छलांग लगाने लगे, जिसके कुछ ही देर बाद बच्चे डूबने लगे. बच्चों को देख वहां मौजूद कुछ लोगों ने चार बच्चों को तो बचा लिया, लेकिन दो बच्चे नदी की तेज बहाव में लापता हो गए. लापता बच्चों में गढ़ी रोड के 11 साल के आदित्य और 16 साल के वंश हैं.

लोगों ने किया बाईपास जाम
घटना की खबर पाकर सदर कोतवाल, सीओ सिटी विजय आनन्द भी मौके पर पहुंचे. खोजबीन के नाम पर पुलिस ने ग्रामीणों से ही नदी में खोज कराई, जिसके बाद एक बच्चे आदित्य को बरामद किया गया, जिसकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. देर रात होने पर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन रोक दिया. रात दस बजे बच्चों के परिजन पुलिस की सर्च ऑपरेशन रोके जाने से नाराज होकर सैंधरी बाईपास पहुंच गए और जाम लगा दिया. उनके साथ सैकड़ों की तादात में मोहल्ले वाले भी मौजूद थे.

परिजनों का आरोप है कि खबर मिलने के बाद समय से पुलिस और तहसील प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन शुरू नहीं किया, जिससे बच्चों की मौत हो गई. वहीं सर्च ऑपरेशन बन्द करने से भी लोग नाराज हैं. फिलहाल खबर लिखे जाने तक सीओ सिटी और इंस्पेक्टर कोतवाली लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
सैंधरी रपटा पुल पर बच्चों के डूबने की ये पहली घटना नहीं है. ये रपटा पुल अब मौत का पुल बन गया है. पिछले साल भी यहीं पर दो बच्चे डूब गए थे, जिनकी मौत हो गई थी, तब भी प्रशासन से इस जगह पर नहाने से रोक लगाने की मांग उठी थी. दरअसल, जिस जगह ये पुलिया है, वहां बालू खनन माफियाओं ने नदी में जगह-जगह बालू खोदकर गड्ढे कर दिये हैं, जिससे इन गड्ढों में फंसकर बच्चे डूब जाते हैं.

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