लखीमपुर खीरीः अक्सर विवादों में रहने वाली यूपी पुलिस का जिले में मानवीय चेहरा सामने आया है. जिले के पुलिस चौकी सभी पुलिसकर्मियों ने विक्षिप्त महिला की मौत के बाद उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया. विक्षिप्त महिला के कोई रिश्तेदार न होने पर पुलिसकर्मियों ने अर्थी को खुद कंधा दिया. इस कार्य के बाद भीरा थाने की पुलिस की हर तरफ तारीफ हो रही.
दरअसल, भीरा थाना इलाके के बिजुआ में एक विक्षिप्त महिला बपैया रहती थी. महिला का कोई अपना नहीं था तो बिजुआ चौकी के प्रभारी और सिपाही उसे सहारा देते थे. महिला को काफी पहले तैनात रहे एक दारोगा ने फटेहाल देखने पर सहारा दिया और उससे मित्रवत व्यवहार करने लगे. पुलिस ने बपैया को मानसिक सहारा दिया तो उसकी हालात भी कुछ ठीक होने लगी.
चौकी के सिपाही हों या दरोगा बपैया से अच्छा व्यवहार करते और मदद करते. बपैया भी पुलिस वालों का बड़ा ख्याल रखती थी. होली, दीवाली या कोई त्योहार बपैया के बगैर पुलिस वाले नहीं मनाते थे. इसी बीच भीरा थाने में तैनात हुए दरोगा अजय राय भी जब चौकी बिजुआ आते तो बपैया उन्हें मिलती और सैल्यूट करती. पुलिस की बपैया से सहानुभूति और आसरे ने दोनों को एक दूसरे से हिला-मिला दिया था. लेकिन शुक्रवार को अचानक बपैया की मौत हो गई. बपैया का कोई सहारा नहीं था तो कोई हाथ लगाने को तैयार नहीं हुआ.
खबर मिली तो बिजुआ चौकी प्रभारी और भीरा कोतवाल अजय राय बपैया के घर पहुंचे और उसकी अंत्येष्टि की व्यवस्था कराई. चौकी और थाना प्रभारी खुद कन्धा लगाकर उसके शव को अन्तिम संस्कार के लिए ले गए. जहां बपैया का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. बपैया की मौत से भीरा कोतवाल अजय राय की आंखें नम हो गईं. बिजुआ चौकी इंचार्ज लल्ला गोस्वामी, कास्टेबल मनोज व राजू ने शव को कंधा दिया. बपैया की मौत से बिजुआ चौकी पर सन्नाटा पसरा है और हर पुलिस वाला गमगीन है.