लखीमपुर खीरी: जिले के लोग इस समय तिहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ बाढ़ का खतरा, दूसरी तरफ कोरोना का खतरा, वहीं तीसरा बाढ़ में बहकर आए घड़ियाल और जहरीले सांपों का खतरा. बाढ़ से बचने को बाढ़ पीड़ित लोग सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला मजबूरी में तोड़ रहे हैं. जिला प्रशासन भी बाढ़ के साथ-साथ कोरोना महामारी की व्यवस्थाओं में लगा हुआ है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाना भी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.
नेशनल हाईवे से लेकर घाघरा पुल तक बाढ़ से घिरा है इलाका
जिला मुख्यालय के 15 किलोमीटर फूलबेहड़ इलाके में शारदा नदी उफान पर है. नकहा ब्लॉक के दर्जन भर गांव बाढ़ की मार झेल रहे. चौका और शारदा नदी का पानी इलाके की फसलों को तबाह करने पर आमादा है. 45 दिन से ज्यादा हो गया है, लेकिन गांवों से बाढ़ का पानी उतर ही नहीं रहा है.
निघासन तहसील में मोहाना नदी मचाए है तबाही
जिले में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर निघासन तहसील में नेपाल बॉर्डर से सटे तिकुनिया इलाके में मुहाना नदी तबाही मचाए हुए हैं. यहां रन नगर, सूरत नगर इलाके में नदी तेजी से कटान कर रही है. रन नगर गांव के करीब दर्जन भर घर मोहाना नदी में समा चुके हैं. बेशकीमती खेती की उपजाऊ जमीन फसलों के साथ नदी में तेजी से समाती चली जा रही है. इससे वहां के किसान काफी परेशान हैं.
कौडियाला घाट गुरुद्वारा भी खतरे में
मुहाना नदी की धार इतनी तेज है कि कौड़ियाला घाट गुरुद्वारे को भी खतरा पैदा हो गया है. नदी तेजी से कटान करती हुई गुरुद्वारे की तरफ बढ़ रही है. पिछले साल यूपी सरकार ने वहां पर करीब नौ करोड़ रुपये लगाकर एक बांध बनवाया था. बांध को भी मुहाना की तेज धार ने हिला दिया है. नेपाल को जाने वाले कई रास्तों को मोहाना की बाढ़ ने काट दिया है, जिससे नेपाल की तरफ आना-जाना भी प्रभावित हो गया है.
50 घर नदी में समाए
धौरहरा तहसील के रैनी गांव में शारदा नदी का कहर लगातार बढ़ रहा है. बाढ़ कम होने के बाद अब शारदा नदी यहां पर गांव को काटने पर आमादा है. अब तक गांव के करीब 50 घर नदी में समा चुके हैं. जिला प्रशासन ने कटान पीड़ितों को सरकार से अनुमन्य राहत सामग्री के साथ-साथ मुआवजा भी दिलवाया है. वहीं नदी की तेज धार को रोकने में सिंचाई विभाग और बाढ़ खंड पूरी तरीके से सफल नहीं हो पा रहा है.
डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा है कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जिला प्रसाशन की टीम लगी है. सभी एसडीएम बराबर निगाह बनाए हैं. गावों में टीमें भेजकर राशन किट पहुंचा रहे हैं. जिन गावों में ज्यादा खतरा है, उनके लिए सुरक्षित जगहों पर रहने की व्यवस्था की गई है. राशन की कोई कमी नहीं होने दी जा रही है. जिनके घर कट रहे हैं, उन्हें भी मुआवजा दिलाया जा रहा है.