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लखीमपुर-खीरी तिकुनिया कांड:अंकित दास की जमानत पर सुनवाई अब 6 अप्रैल को

लखीमपुर खीरी तिकुनिया कांड के आरोपी अंकित दास की जमानत पर अब 6 अप्रैल को सुनवाई होगी. दरअसल, बुधवार को आशीष मिश्र उर्फ मोनू की जमानत के विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में अदालत ने अब इस मामले को 6 अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया है.

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Published : Mar 29, 2022, 9:34 PM IST

लखनऊ. लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया कांड में जेल में बंद अंकित दास की जमानत याचिका पर अब 6 अप्रैल को सुनवाई होगी. मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकलपीठ ने इस पर सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. दरअसल, 30 मार्च बुधवार को आशीष मिश्र उर्फ मोनू की जमानत के विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में न्यायालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के मद्देनजर अंकित की जमानत याचिका को 6 अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया.

यह भी पढ़ें : आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील करने का निर्णय विचार के लिए लंबित : यूपी सरकार

अंकित दास के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं : इससे पहले अंकित दास के वकील ने अदालत में कहा कि मामले में नामजद अभियुक्त आशीष मिश्र उर्फ मोनू को जमानत मिल चुकी है. ऐसे में उसे भी समानता के आधार पर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. अंकित दास की जमानत याचिका में कहा गया कि एसआईटी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में एक भी ठोस साक्ष्य अंकित दास के विरुद्ध नहीं हैं. न ही किसी भी गवाह ने अंकित दास के घटना में शामिल होने की पुष्टि की है.

इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में आशीष मिश्र उर्फ मोनू को भले ही जमानत मिल गई है लेकिन इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है. हालांकि अंकित दास की ओर से ये दलील भी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्थगन आदेश नहीं पारित किया है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मामले को 6 अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया.

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लखनऊ. लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया कांड में जेल में बंद अंकित दास की जमानत याचिका पर अब 6 अप्रैल को सुनवाई होगी. मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकलपीठ ने इस पर सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. दरअसल, 30 मार्च बुधवार को आशीष मिश्र उर्फ मोनू की जमानत के विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में न्यायालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के मद्देनजर अंकित की जमानत याचिका को 6 अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया.

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अंकित दास के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं : इससे पहले अंकित दास के वकील ने अदालत में कहा कि मामले में नामजद अभियुक्त आशीष मिश्र उर्फ मोनू को जमानत मिल चुकी है. ऐसे में उसे भी समानता के आधार पर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. अंकित दास की जमानत याचिका में कहा गया कि एसआईटी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में एक भी ठोस साक्ष्य अंकित दास के विरुद्ध नहीं हैं. न ही किसी भी गवाह ने अंकित दास के घटना में शामिल होने की पुष्टि की है.

इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में आशीष मिश्र उर्फ मोनू को भले ही जमानत मिल गई है लेकिन इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है. हालांकि अंकित दास की ओर से ये दलील भी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्थगन आदेश नहीं पारित किया है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मामले को 6 अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया.

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