लखीमपुर खीरी : गन्ने का बकाया भुगतान न करने पर किसानों ने लखीमपुर खीरी जिले में बजाज ग्रुप की तीसरी चीनी मिल के खिलाफ जोरदर प्रदर्शन किया. बकाया भुगतान न मिलने से नाराज किसानों ने मिल को बंद कर दिया. बता दें कि खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर किसानों का 171 करोड़ रुपया बकाया है. इसके अलावा बजाज ग्रुप की पलिया और गोला चीनी मिल किसानों ने बकाया न मिलने के कारण बंद करवा दी है.
बजाज ग्रुप की तीनों चीनी मिलों पर लखीमपुर खीरी के गन्ना किसानों का 700 करोड़ से अधिक रुपया बकाया है. लखीमपुर खीरी के किसान अब चीनी मिलों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.
पलिया चीनी मिल पर किसानों का 266 करोड़ व गोला बजाज चीनी मिल पर 274 करोड़ रुपया बकाया है. इसके अलावा दो सहकारी चीनी मिलों संपूर्णानगर पर 41 करोड़ और बेलरायां पर 34 करोड़ रुपया बकाया है. चीनी का कटोरा कहे जाने वाले तराई के लखीमपुर खीरी जिले के किसानों का 786 करोड़ रुपया बकाया होने के कारण गुस्से में हैं.
अक्रोशित किसानों ने मंगलवार को खम्भारखेड़ा चीनी मिल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं पलिया व गोला चीनी मिल में भी किसान धरना दे रहे है. मिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों में संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन व किसान मजदूर संगठन के बैनर तले धरना दे रहे हैं.
एक हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
पलिया चीनी मिल पर किसान लगभग 8 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं सोमवार से किसान बजाज ग्रुप की खम्भारखेड़ा चीनी मिल भी प्रदर्शन करने लगे. मंगलवार को जिले के डीएम व एसपी खम्भारखेड़ा चीनी मिल पहुंचे और किसानों से बातचीत की. डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और एसपी संजीव सुमन ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाने का काफी प्रयास किया. लेकिन डीएम/एसपी का यह प्रयास निष्फल रहा.
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि एममुश्त भुगतान ही समस्या का समाधान है. उन्होंने बताया कि उनके ऊपर बैंकों का कर्ज है और बैंक से लगातार नोटिस मिल रही है. पैसा न मिलने के कारण उनके ऊपर बैंक के अतिरक्त चार्ज का दबाव बढ़ रहा है. बैंकों के केसीसी का ब्याज लगातार बढ़ रहा है. वहीं किसान अब आर-पार की लड़ाई में उतर आए हैं. किसान चीनी मिल से हटने का नाम नहीं ले रहे है. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मिल में ही लंगर सेवा शुरू कर दी है.