लखीमपुर खीरी: लॉकडाउन का असर किसानों के ऊपर खास तौर पर देखा जा सकता है. किसान अपने खेतों में लगी सब्जियों को बेच नहीं पा रहे हैं. सब्जी की दुकान तो लोग लगा रहे हैं कि शायद हालात बेहतर होंगे, लेकिन लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्टिंग की कमी की वजह से हरी-भरी सब्जियां खेतों में रह गई हैं.
खेतों मे कई सब्जियां लगी हुई है, जिनको लॉकडाउन के कारण किसान खेतों से बाहर नहीं निकाल पाएं हैं. वहीं खेतों में लगे लाल टमाटर भी फीके पड़कर लटके हुए हैं. किसानों की माने तो इस टाइम होटल, रेस्टोरेंट, शादी ब्याह सब कुछ बंद है, जिसके चलते सब्जियों की मांग कम हो गई है या फिर यूं कहे कि न के बराबर हो गई है. सब्जियों की कीमत इतनी कम है कि मजदूरों की तुड़वाई तक नहीं निकल पा रही, जिस वजह से वो पेड़ों में ही सूख रहे हैं.
इन दिनों सब्जियों के दाम काफी कम हो गए हैं. जो सब्जियां 40 से 50 रुपये में बिका करती थी वह अब बहुत कम दाम में बिक पा रही है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानों के सामने मुनाफे की बड़ी दिक्कत है. किसानों की लागत का निकलना ही मुश्किल हो गया है.
वहीं किसानों का कहना है कि असली मुश्किल अब शुरू होगी क्योंकि किसानों ने बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेकर फसलों में मुनाफा के सहारे खर्च किया और अब लागत का निकलना मुश्किल हो गया है. ये दिक्कत सिर्फ टमाटर की खेती करने वालें किसानों की नहीं बल्कि हरी सब्जी वाले किसानों की भी है.