लखीमपुर खीरी: चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आठ साल पुराने मामले में भाजपा सांसद रेखा अरुण वर्मा के खिलाफ अदालत को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला. एसीजेएम मोना सिंह ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए रेखा वर्मा सहित पांचों आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान 27 अप्रैल 2014 को बिना अनुमति के ही भाजपा कार्यकर्ताओं सहित 10-15 बाइक सवारों के साथ भाजपा सांसद रेखा वर्मा चुनाव प्रचार कर रही हैं. मोटरसाइकिल पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने झंडे लगा रखे थे. लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मंसाराम मौर्य ने भाजपा सांसद रेखा वर्मा सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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अभियोजन पक्ष की ओर से केस साबित करने के लिए शमशेर बहादुर सिंह, जनार्दन प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल दिनेश बहादुर सिंह सहित चार गवाह पेश किए गए. वहीं, सांसद रेखा वर्मा के अधिवक्ता शिव कुमार त्रिवेदी ने लंबी बहस की. अन्य आरोपी श्याम किशोर गिरी, अखिलेश कुमार, लाभ सिंह, पूरन लाल वर्मा की ओर से भी निर्दोष होने की दलील दी गई. जबकि, छठे आरोपी महेश प्रसाद की फरारी के चलते उसकी फाइल अलग कर दी गई. अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए भाजपा सांसद रेखा वर्मा सहित पांच आरोपियों को मामले से बरी कर दिया. इस दौरान आरोपी अखिलेश और पूरन लाल वर्मा के अधिवक्ता दामोदर प्रसाद वर्मा मौजूद रहे.