लखीमपुर खीरीः पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषमुक्त करार दे दिया. उन के खिलाफ वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सड़क जाम करने और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए बाइकों में पेट्रोल डलवाने का मामला मितौली थाने में दर्ज कराया गया था. इसी मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी किया है.
एमपी एमएलए कोर्ट अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तृतीय में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद पेश हुए. कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद उन्हें दोष मुक्त करार दिया.
एडीजीसी कौशल किशोर ने बताया कि जितिन प्रसाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री के वकील पंकज शुक्ला ने ईटीवी भारत को बताया कि चुनाव में उन्हें नीचा दिखाने के लिए सपा सरकार के दबाव में यह मुकदमा लिखाया गया था.
गौरतलब है कि जितिन प्रसाद के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2014 में आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जाम लगाने और समर्थकों की बाइकों में पेट्रोल डलवाने का मुकदमा तत्कालीन बांट माप माप निरीक्षक नरेश चन्द्र ने थाने में दर्ज कराया था.
नरेश चंद्र उस वक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे. 2014 से इस मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी. इस मामले में एक और आरोपी रामसागर की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद गुरुवार को लाव-लश्कर के साथ कोर्ट पहुंचे. उनके साथ भाजपा जिला अध्यक्ष सुनील सिंह, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष विनीत मनार, भाजपा नेता नरेंद्र सिंह समेत कई भाजपाई थे. जितिन प्रसाद सादगी के साथ कोर्ट के अंदर गए. दोषमुक्त होने पर उन्हें कोर्ट के बाहर बधाइयां मिलीं.
जितिन प्रसाद के वकील पंकज शुक्ला और राजीव अग्निहोत्री ने बताया कि अदालत को कोई ठोस सबूत अभियोजन नहीं दे पाया. इसके चलते अदालत ने उनके मुवक्किल जितिन प्रसाद को दोषमुक्त कर दिया.
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