लखीमपुर खीरीः जिले के डीएम महेंन्द्र बहादुर सिंह ने आम जनता के घर जाकर उनकी समस्या के समाधान का मॉडल शुरू किया है. 'खीरी चौपाल' नाम से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अब 21 अप्रैल को 153वें गांवों में ग्राम चौपाल होंगी. गांवों मे जाकर अफसर कर्मचारी ग्रामीणों की समस्याएं दूर करेंगे. यूपी सरकार ने डीएम के इस कार्य को लेकर उनकी सराहना की है.
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि खीरी जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा है. हमने पीड़ितों की समस्याओं को देखते हुए एक कार्य योजना तैयार की है. रोस्टर के मुताबिक अब राजस्व और ग्राम विकास विभाग के कर्मचारी अफसर गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और मौके पर ही निपटारा कराएंगे. उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि हमें उम्मीद है इसके परिणाम अच्छे होंगे.
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि जनमानस की समस्याओं एवं उनका ग्राम स्तर पर त्वरित समाधान करने के उद्देश्य से जिले की समस्त न्याय पंचायतों में प्रत्येक ग्राम चौपाल के लिए एक प्रेक्षक अधिकारी, प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है. उन्होंने प्रधान व सचिवों को आदेशित किया कि ग्राम पंचायतों में 21 अप्रैल को समय सुबह 11ः30 बजे से अपरान्हः 01ः30 बजे तक ग्राम चौपाल का आयोजन कराकर ग्राम पंचायत स्तर की समस्याओं का त्वरित निराकरण कराना सुनिश्चित करें. इसके अलावा आईजीआरएस पोर्टल, सीएम पोर्टल व अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों में अत्यधिक शिकायतें ग्राम पंचायत के स्तर से होती हैं.
चौपाल में ये कर्मचारी रहेंगे मौजूद
- ग्राम प्रधान
- सभी सदस्यगण व ग्राम स्तरीय कर्मचारी सचिव
- पंचायत सहायक
- पंचायती राज
- ग्राम रोजगार सेवक
- ग्राम्य विकास अधिकारी
- राजस्व विभाग
- जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा नामित कोटेदार
- एएनएम
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नामित प्रधानाध्यापक
- थाने/बीट का सिपाही
- पुलिस
- नोडल/प्रेक्षक अधिकारी
चौपाल में ग्रामीण जनता की समयस्याओं जैसे- जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल, मार्ग-गलियों में इण्टर लाकिंग, नाली निर्माण, आवास, शौचालय, मनरेगा, पेंशन, राशन, किसान सम्मान निधि, भूमि विवाद, पुलिस से संबंधित आदि समस्याओं का यथासम्भव निराकरण तत्काल उसी दिन किया जाएगा. वहीं, ग्राम सचिव द्वारा चौपाल के बाद शिकायत निस्तारण से संबंधित रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर उसी दिन अपरान्हः तीन बजे तक डीपीआरओ कार्यालय को प्रेषित की जाएगी. प्रेक्षक व नोडल अधिकारियों से आशा है कि ग्राम चौपाल के व्यवस्थित आयोजन के लिए अपनी रिपोर्ट देंगे. चौपाल की समाप्ति के बाद उसी ग्राम पंचायत में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का सत्यापन संलग्न निर्धारित प्रारूप पर अंकित करते हुए डीपीआरओ के जरिए उन्हें उपलब्ध कराएंगे.