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चमोली ग्लेशियर हादसा : 29 मजदूर होंगे मृत घोषित, मिलेगा इतना मुआवजा

सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने से करीब 100 से ज्यादा मजदूर अलकनंदा और धौली गंगा नदी में आए सैलाब और टनल में बहकर लापता हो गए थे.

चमोली ग्लेशियर हादसा: 29 मजदूरों होंगे मृत घोषित, मिलेगा इतना मुआवजा
चमोली ग्लेशियर हादसा: 29 मजदूरों होंगे मृत घोषित, मिलेगा इतना मुआवजा
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Published : May 31, 2021, 7:56 PM IST

लखीमपुर खीरी : उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने से एनटीपीसी और ऋषि गंगा प्रोजेक्ट हादसे में खीरी जिला प्रशासन ने 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार और चमोली जिला प्रशासन को भेज दी है. इन मजदूरों को अब उत्तराखंड सरकार मृत घोषित करेगी और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा.

गौरतलब है कि सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने से करीब 100 से ज्यादा मजदूर अलकनंदा और धौली गंगा नदी में आए सैलाब और टनल में बहकर लापता हो गए थे. इसमें 33 मजदूर खीरी जिले के थे. यूपी में लखीमपुर खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने के नोटिस पीरियड के बाद 29 मजदूरों के लापता होने की लिस्ट हमने उत्तराखंड सरकार और चमोली के डीएम को भेज दी है. आगे की कार्यवाही उत्तराखंड में चमोली जिला प्रसाशन को करनी है.

ये था घटनाक्रम

उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में चल रहे काम में खीरी के भी 60 मजदूर काम कर रहे थे. ये सभी निघासन तहसील के तिकोनियां इलाके के अलज-अलग गांवों के थे. सात फरवरी को ग्लेशियर फटने के बाद आए सैलाब के मलबे में और टनल में फंसकर खीरी के भी 33 मजदूर लापता हो गए थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के चले रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन में खीरी के चार मजदूरों के शव दो तीन दिन बाद मिल गए थे.

इनकी पहचान भी परिजनों ने जर दी थी. मगर 29 और मजदूर अभी तक लापता ही थे. लापता मजदूरों के बारे में उत्तराखंड सरकार की तरफ से चमोली जिला प्रशासन ने खीरी के जिला प्रशासन से तफ्तीश कर रिपोर्ट देने के लिए पत्र भेजा था. डीएम खीरी शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने के नोटिस पीरियड में कोई भी आपत्ति इन लापता 29 मजदूरों के मामले में नहीं आई. इसलिए निघासन एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर खीरी जिला प्रशासन ने चमोली के डीएम और एसडीएम को 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट भेज दी है.


ये भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में कोरोना बना एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत की वजह

अब उत्तराखंड सरकार करेगी मजदूरों को मृत घोषित

खीरी जिले के उत्तराखंड सरकार से हुए पत्राचार के बाद अब 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड का चमोली जिला प्रशासन अब इन 29 मजदूरों को मृत घोषित करेगा. इसके बाद इन मजदूरों के परिजनों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जाएगी.

एक परिवार को मिल सकता है करीब 40 लाख का मुआवजा

तपोवन में पावर प्रोजेक्ट में काम करने के दौरान हुए हादसे में मरने वाले खीरी के 29 मजदूरों को करीब 40 लाख रुपया अलग-अलग मदों से मुआवजे के रूप में मिलेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के वक्त मृतकों के परिवारों को दो लाख देने की घोषणा की थी.

इसके अलावा चार लाख रुपया प्रति परिवार आपदा राहत से खीरी जिला प्रशासन देगा. करीब 20 लाख बीमा कंपनी और जिस कंपनी में ये मजदूर काम कर रहे थे, उनसे मिलेगा. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार भी मुआवजा देगी. खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि सब मिलाकर प्रति मृतक के परिजनों को 40 लाख रुपये की धनराशि मिलने का अनुमान है. अब उत्तराखंड सरकार को आगे की कार्यवाही करनी है.

खीरी के इन गांवों के थे मजदूर

तपोवन के पावर प्रोजेक्ट में हुए हादसे में खीरी जिले के तिकोनिया इलाके के सबसे ज्यादा मजदूर लापता हुए थे. खीरी जिले के 33 मजदूर लापता हुए थे. इनमें चार के शव मिल गए थे पर 29 लापता थे. सबसे ज्यादा इच्छा नगर गांव के 16 मजदूर थे. इसके अलावा भैरमपुर,बाबू पुरवा एक एक तिकोनियां और सिंगाहो कस्बे के भी मजदूर हादसे में लापता हुए थे.

लखीमपुर खीरी : उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने से एनटीपीसी और ऋषि गंगा प्रोजेक्ट हादसे में खीरी जिला प्रशासन ने 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार और चमोली जिला प्रशासन को भेज दी है. इन मजदूरों को अब उत्तराखंड सरकार मृत घोषित करेगी और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा.

गौरतलब है कि सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर फटने से करीब 100 से ज्यादा मजदूर अलकनंदा और धौली गंगा नदी में आए सैलाब और टनल में बहकर लापता हो गए थे. इसमें 33 मजदूर खीरी जिले के थे. यूपी में लखीमपुर खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने के नोटिस पीरियड के बाद 29 मजदूरों के लापता होने की लिस्ट हमने उत्तराखंड सरकार और चमोली के डीएम को भेज दी है. आगे की कार्यवाही उत्तराखंड में चमोली जिला प्रसाशन को करनी है.

ये था घटनाक्रम

उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में चल रहे काम में खीरी के भी 60 मजदूर काम कर रहे थे. ये सभी निघासन तहसील के तिकोनियां इलाके के अलज-अलग गांवों के थे. सात फरवरी को ग्लेशियर फटने के बाद आए सैलाब के मलबे में और टनल में फंसकर खीरी के भी 33 मजदूर लापता हो गए थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के चले रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन में खीरी के चार मजदूरों के शव दो तीन दिन बाद मिल गए थे.

इनकी पहचान भी परिजनों ने जर दी थी. मगर 29 और मजदूर अभी तक लापता ही थे. लापता मजदूरों के बारे में उत्तराखंड सरकार की तरफ से चमोली जिला प्रशासन ने खीरी के जिला प्रशासन से तफ्तीश कर रिपोर्ट देने के लिए पत्र भेजा था. डीएम खीरी शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने के नोटिस पीरियड में कोई भी आपत्ति इन लापता 29 मजदूरों के मामले में नहीं आई. इसलिए निघासन एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर खीरी जिला प्रशासन ने चमोली के डीएम और एसडीएम को 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट भेज दी है.


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अब उत्तराखंड सरकार करेगी मजदूरों को मृत घोषित

खीरी जिले के उत्तराखंड सरकार से हुए पत्राचार के बाद अब 29 मजदूरों के लापता होने की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड का चमोली जिला प्रशासन अब इन 29 मजदूरों को मृत घोषित करेगा. इसके बाद इन मजदूरों के परिजनों को मुआवजा देने की कार्यवाही की जाएगी.

एक परिवार को मिल सकता है करीब 40 लाख का मुआवजा

तपोवन में पावर प्रोजेक्ट में काम करने के दौरान हुए हादसे में मरने वाले खीरी के 29 मजदूरों को करीब 40 लाख रुपया अलग-अलग मदों से मुआवजे के रूप में मिलेगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के वक्त मृतकों के परिवारों को दो लाख देने की घोषणा की थी.

इसके अलावा चार लाख रुपया प्रति परिवार आपदा राहत से खीरी जिला प्रशासन देगा. करीब 20 लाख बीमा कंपनी और जिस कंपनी में ये मजदूर काम कर रहे थे, उनसे मिलेगा. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार भी मुआवजा देगी. खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि सब मिलाकर प्रति मृतक के परिजनों को 40 लाख रुपये की धनराशि मिलने का अनुमान है. अब उत्तराखंड सरकार को आगे की कार्यवाही करनी है.

खीरी के इन गांवों के थे मजदूर

तपोवन के पावर प्रोजेक्ट में हुए हादसे में खीरी जिले के तिकोनिया इलाके के सबसे ज्यादा मजदूर लापता हुए थे. खीरी जिले के 33 मजदूर लापता हुए थे. इनमें चार के शव मिल गए थे पर 29 लापता थे. सबसे ज्यादा इच्छा नगर गांव के 16 मजदूर थे. इसके अलावा भैरमपुर,बाबू पुरवा एक एक तिकोनियां और सिंगाहो कस्बे के भी मजदूर हादसे में लापता हुए थे.

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