लखीमपुर खीरी: जेल से छूटकर आए बसपा नेता व व्यवसायी मोहन बाजपेई शुक्रवार को सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा पर जमकर बरसे. शुक्रवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि सदर विधायक से उनको व उनके परिवार को खतरा है. इसके लिए उन्होंने एसपी से मिलकर सुरक्षा की गुहार लगाई है. वह डीएम को भी प्रार्थनापत्र देंगे. मुख्यमंत्री को भी भेज चुके हैं. मोहन बाजपेई ने कहा कि विधायक उनकी हत्या करा सकते हैं. मोहन बाजपेई ने कहा कि उन पर हत्या के प्रयास ,लूट और बल्वा आदि के पांच फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं.
मोहन बाजपेई सदर विधायक पर जमकर बरसे
मोहन बाजपेई ने कहा कि 2017 से सदर विधायक योगेश वर्मा राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण लगातार उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करा रहे हैं. उनके खिलाफ 30 मई को सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. उनके सहित तीन लोगों पर दलित एक्ट सहित कई धाराओं में यह मुकदमा दर्ज कराया गया. विधायक ने कोतवाली पहुंचकर धरना दिया और प्रशासन व पुलिस पर दबाव बनाया. 30 मई को सीओ सिटी के बुलाने पर वह उनके ऑफिस गए और वहीं से उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
30 मई को ही उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री को संबोधित आवेदन पत्र भेजा था, जिसमें सही व निष्पक्ष विवेचना का अनुरोध किया गया था. लेकिन सत्तारूढ़ दल के विधायक के दबाव में उन्हें जेल भेजा गया. उन्होंने बताया कि उनकी छवि को खराब करने के लिए षडयंत्र किया जा रहा है.
चुनावी रंजिश बताया कारण
उन्होंने बताया कि बीते नगर पालिका चुनाव में उनकी पत्नी रमा बाजपेई चुनाव लड़ी थी और भाजपा प्रत्याशी से महज कुछ वोटों से हारी थी. लखीमपुर विधानसभा चुनाव में अपना सर्वाधिक कड़ा संभावित प्रतिद्वंदी मानकर विधायक षडयंत्र रच रहे हैं. उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की है.
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बता दें कि बसपा नेता मोहन बाजपेई के दामाद के हॉस्पिटल में 30 मई को एक बर्थडे पार्टी आयोजित की गई थी, जिसमें शहर के मोहल्ला कमलापुर निवासी सतीश राजपूत भी गया था. यहां सेल्फी खींचने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें सतीश को काली स्कॉर्पियो से उठाकर बसपा नेता मोहन बाजपेई के घर ले जाया गया. यहां उसके साथ मारपीट की गई, जिसमें उसको गंभीर चोटें भी आई थीं. पुलिस ने सतीश की तहरीर पर बसपा नेता मोहन बाजपेई समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. मुकदमे में अपहरण, बलवा, मारपीट, गाली-गलौज और दलित एक्ट की धाराएं लगाई गई थी. पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए मोहन बाजपेई के घर दबिश दी, लेकिन वहां कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी. जिसके बाद 31 मई को पुलिस ने मोहन बाजपेई को हिरासत में ले लिया.