लखीमपुर खीरी: धौरहरा तहसील, ईसानगर इलाके के कैरातीपुरवा गांव में बाढ़ का कहर मवेशियों पर टूटा है. यहां घाघरा नदी की बाढ़ में चार परिवारों की करीब 50 लाख कीमत की 45 भैंस बह गईं. दूर नाले के पास तालाब में भैंसों के उतराते शव देख ग्रामीणों ने तलाश शुरू की तो इनमें से 21 मवेशियों के शव को बरामद कर लिया गया. जबकि 24 मवेशी अभी भी लापता हैं.
जानकारी के मुताबिक कैरातीपुरवा गांव निवासी केशवराम, रामकुमार, आत्माराम और राधेश्याम किसान और पशुपालक हैं. इन परिवारों के लोगों ने करीब 70 से अधिक पशु पाल रखे हैं. गांव के आसपास नदी और नाले जलमग्न हैं. एक नाले में जबरदस्त जलकुम्भी जमी हुई थी. बरसात और बाढ़ का पानी अभी भी खेतों और पोखरों में जमा है. बीते शुक्रवार की शाम पता चला कि 45 भैंसें एक साथ गायब हैं. पशुपालकों ने गांव वालों की मदद से तलाश शुरू की. ग्रामीणों ने जंगल और आसपास तलाश की मगर पूरा दिन गुजर गया, भैंसों का कुछ पता नहीं चल सका.
शुक्रवार को गांव के पास स्थित नाले में कुछ मृत पशुओं के होने की सूचना मिली. गांव के वहां पहुंचे और तलाश शुरू की. इसके बाद शाम तक केवल 21 पशुओं के शव खोजे जा सके. 24 मवेशी अभी तक बरामद नहीं हुए. अनुमान लगाया जा रहा है कि बाढ़ में बहकर आए मवेशियों की जलकुंभी में फंसकर मौत हुई है. पशुपालक राधेश्याम ने बताया कि मवेशियों की कीमत करीब 50 लाख रुपये थी. पशुपालन उनका मुख्य रोजगार है. इस नुकसान से पशुपालक किसानों की कमर टूट गई है. फिलहाल बहराइच जिले से आई टीम ने स्थलीय सत्यापन कर मुआवजे के लिए रिपोर्ट बनाई है.
बता दें कि गांव वालों ने हालात भांपकर तहसील प्रशासन को सूचना दी. इस पर एसडीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए राजस्व कर्मियों की एक टीम भेजी थी. प्रशासन को भेजी गई सूचना में गांव के रत्तीलाल के 12, केशव की 6, रामकुमार के 6, राधेश्याम के 7, आत्माराम के 6 और रामलखन की 6 भैंसों के मरने की पुष्टि की है.
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