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लखीमपुर खीरीः आंदोलित लेखपालों ने शुरू किया ट्विटर वार, 18 लेखपाल सस्पेंड - 18 लेखपाल सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर वार करना शुरू कर दिए हैं. वहीं सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए 18 लेखपालों को सस्पेंड कर दिया.

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लेखपालों का प्रदर्शन जारी.
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Published : Dec 20, 2019, 8:50 AM IST

लखीमपुर खीरीः अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लेखपालों ने अब ट्विटर के जरिए सरकार पर वार करना शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारी लेखपालों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं. वहीं अब सरकार लेखपालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने लगी है, जिसमें जिले के हड़ताली लेखपालों में से 355 लेखपालों पर 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है. वहीं प्रशासन ने 18 लेखपालों को सस्पेंड भी कर दिया है.

लेखपालों का प्रदर्शन जारी.

लेखपालों की मांगों पर सरकार का कोई जवाब नहीं
लखीमपुर खीरी में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल आंदोलन की राह पकड़े हुए हैं. सरकार लेखपालों की मांगों पर फिलहाल कोई जवाब नहीं दे रहा है. लेखपालों का कहना है कि वह सौ रुपये प्रतिमाह के कन्वेंस में कैसे नौकरी पूरी करें. इसके अलावा उनका कहना है कि आजादी के बाद से सबसे कम वेतन लेखपालों का बढ़ा है.

ट्विटर के जरिए सरकार से की अपील
प्रदर्शनकारी लेखपाल अब सोशल मीडिया पर नेताओं और मंत्रियों को टैग कर अपनी मांगों को रख रहे हैं. ट्विटर पर लेखपालों ने मंत्रियों और विधायकों को बताया कि उनकी मांगें क्यों जायज हैं. साथ ही लेखपालों ने सीएम योगी से भी गुहार लगाई कि उनकी मांगों पर गौर किया जाए.

'नो सर्विस, नो पे' की कार्रवाई से 18 लेखपाल निलंबित
लेखपालों की हड़ताल को सरकार अपने तरीके से खत्म कराने पर सख्त रवैया अपनाने लगी है. लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. वहीं लखीमपुर खीरी जिले में भी 18 लेखपालों को सस्पेंड और 355 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है. लेखपालों को 'नो सर्विस नो पे' की कार्रवाई से भी गुजरना पड़ रहा.

इसे भी पढ़ें- अम्बेडकर नगर: 11 सूत्रीय मांगोें को लेकर 10 दिनों से धरने पर बैठे लेखपाल

लखीमपुर खीरीः अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लेखपालों ने अब ट्विटर के जरिए सरकार पर वार करना शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारी लेखपालों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं. वहीं अब सरकार लेखपालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने लगी है, जिसमें जिले के हड़ताली लेखपालों में से 355 लेखपालों पर 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है. वहीं प्रशासन ने 18 लेखपालों को सस्पेंड भी कर दिया है.

लेखपालों का प्रदर्शन जारी.

लेखपालों की मांगों पर सरकार का कोई जवाब नहीं
लखीमपुर खीरी में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल आंदोलन की राह पकड़े हुए हैं. सरकार लेखपालों की मांगों पर फिलहाल कोई जवाब नहीं दे रहा है. लेखपालों का कहना है कि वह सौ रुपये प्रतिमाह के कन्वेंस में कैसे नौकरी पूरी करें. इसके अलावा उनका कहना है कि आजादी के बाद से सबसे कम वेतन लेखपालों का बढ़ा है.

ट्विटर के जरिए सरकार से की अपील
प्रदर्शनकारी लेखपाल अब सोशल मीडिया पर नेताओं और मंत्रियों को टैग कर अपनी मांगों को रख रहे हैं. ट्विटर पर लेखपालों ने मंत्रियों और विधायकों को बताया कि उनकी मांगें क्यों जायज हैं. साथ ही लेखपालों ने सीएम योगी से भी गुहार लगाई कि उनकी मांगों पर गौर किया जाए.

'नो सर्विस, नो पे' की कार्रवाई से 18 लेखपाल निलंबित
लेखपालों की हड़ताल को सरकार अपने तरीके से खत्म कराने पर सख्त रवैया अपनाने लगी है. लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. वहीं लखीमपुर खीरी जिले में भी 18 लेखपालों को सस्पेंड और 355 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है. लेखपालों को 'नो सर्विस नो पे' की कार्रवाई से भी गुजरना पड़ रहा.

इसे भी पढ़ें- अम्बेडकर नगर: 11 सूत्रीय मांगोें को लेकर 10 दिनों से धरने पर बैठे लेखपाल

Intro:लखीमपुर- यूपी में चल रहे लेखपालों के आंदोलन ने भी अब धार पकड़ ली है। अपनी मांगों को लेकर लेखपालों ने अब सरकार से ट्विटर बार भी शुरू कर दिया है। लेखपाल विधायकों मंत्रियों सांसदों को ट्वीट कर अपनी मांगों के बारे में बता रहे हैं और पूरी करने की मांग भी कर रहे हैं। इधर लेखपालों का कहना है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं।


Body:लखीमपुर खीरी जिले में भी लेखपाल आंदोलन पर हैं यूपी के अन्य जिलों की तरह लखीमपुर खीरी में भी 8 सूत्री मांगों को लेकर लेखपाल आंदोलन की राह पकड़े हुए हैं। सरकार लेखपालों की मांगों पर फिलहाल कोई जवाब नहीं दे रही है लेकिन लेखपाल भी इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है। लेखपालों का कहना है कि वह सो रुपए प्रतिमाह के कन्वेंस याद में कैसे अपनी नौकरी पूरी करें इसके अलावा उनका वेतन भत्ता भी इतना कम है कि आजादी के बाद से सबसे कम वेतन बढ़ा है तो लेखपालों का। लेखपाल अब सोशल मीडिया का सहारा भी ले रहे हैं फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम पर भी व नेताओं मंत्रियों को टैग कर अपनी मांगों को रख रहे हैं। ट्विटर पर लेखपाल मंत्रियों और विधायकों को बता रहे हैं कि उनकी मांगे क्यों जायज हैं।


Conclusion:लेखपालों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगाई है कि उनकी मांगों पर वह गौर करें उनकी सभी मांगे जायज हैं ₹3.33 पैसे में वह पडे कन्वेंस में कैसे नौकरी कर रहे हैं वह वही जानते हैं।
बाइट-अतुल बाजपेई(प्रभारी जिलाध्यक्ष लेखपाल संघ खीरी)
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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