लखीमपुर खीरीः अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लेखपालों ने अब ट्विटर के जरिए सरकार पर वार करना शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारी लेखपालों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं. वहीं अब सरकार लेखपालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने लगी है, जिसमें जिले के हड़ताली लेखपालों में से 355 लेखपालों पर 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है. वहीं प्रशासन ने 18 लेखपालों को सस्पेंड भी कर दिया है.
लेखपालों की मांगों पर सरकार का कोई जवाब नहीं
लखीमपुर खीरी में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल आंदोलन की राह पकड़े हुए हैं. सरकार लेखपालों की मांगों पर फिलहाल कोई जवाब नहीं दे रहा है. लेखपालों का कहना है कि वह सौ रुपये प्रतिमाह के कन्वेंस में कैसे नौकरी पूरी करें. इसके अलावा उनका कहना है कि आजादी के बाद से सबसे कम वेतन लेखपालों का बढ़ा है.
ट्विटर के जरिए सरकार से की अपील
प्रदर्शनकारी लेखपाल अब सोशल मीडिया पर नेताओं और मंत्रियों को टैग कर अपनी मांगों को रख रहे हैं. ट्विटर पर लेखपालों ने मंत्रियों और विधायकों को बताया कि उनकी मांगें क्यों जायज हैं. साथ ही लेखपालों ने सीएम योगी से भी गुहार लगाई कि उनकी मांगों पर गौर किया जाए.
'नो सर्विस, नो पे' की कार्रवाई से 18 लेखपाल निलंबित
लेखपालों की हड़ताल को सरकार अपने तरीके से खत्म कराने पर सख्त रवैया अपनाने लगी है. लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. वहीं लखीमपुर खीरी जिले में भी 18 लेखपालों को सस्पेंड और 355 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है. लेखपालों को 'नो सर्विस नो पे' की कार्रवाई से भी गुजरना पड़ रहा.
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