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लखीमपुर खीरी: बाढ़ से 128 गांव प्रभावित, 50 हजार से ज्यादा आबादी परेशान

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ के पानी में 50 हजार से ज्यादा जिंदगियां संघर्ष कर रही हैं. जिले की चार तहसीलों के 128 गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है.

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लखीमपुर खीरी में बाढ़ से 128 गावों में भरा पानी.
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Published : Aug 22, 2020, 5:55 AM IST

लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ का कहर जारी है. करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों को बाढ़ के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले की चार तहसीलों के लगभग 128 गांवों में करीब एक महीने से बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है, जिससे लोगों की जिंदगी तबाही के कगार पर है. वहीं बाढ़ के पानी से मक्का, तिल, धान की फसल और सब्जियों की खेती पूरी तरह तबाह हो गई है.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ से 128 गावों में भरा पानी.

शारदा, घाघरा, मोहाना और सुहेली नदियों की बाढ़ से प्रभावित हजारों परिवार रात-रात भर जगकर अपना गुजारा कर रहे हैं. डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को राशन दिया जा रहा है. लेखपालों और कोटेदारों को सभी परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया गया है.

ईटीवी भारत की टीम पहुंचीं रेहरिया गांव
ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ में घिरे सदर तहसील के रेहरिया गांव का हाल जाना. रेहरिया गांव दोतरफा बाढ़ से घिरा हुआ है. यहां धान, मक्का और सब्जियों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं. ग्रामीणों का कहना है कि एक महीने हो गए. बाढ़ उतर कर फिर बढ़ जाती है. पानी घरों में घुसा हुआ है, जिससे जीना मुश्किल हो गया है.

नहीं दिखा कहीं स्टीमर
बाढ़ से घिरे रेहरिया समेत करीब आधा दर्जन गांवों के लिए जिला प्रशासन ने यहां पर स्टीमर की व्यवस्था की है, लेकिन ईटीवी भारत की टीम की पड़ताल में स्टीमर कहीं दिखाई नहीं दिया. ग्रामीणों के मुताबिक एक दिन सांसद राशन किट देने आए थे. उस दिन स्टीमर आया था. यहां तीन गांवों के लिए दो नावों का सहारा है. गांव वालों को राशन, दवा या कोई भी जरूरत का सामान लेने के लिए इन्हीं दो नावों से जाना पड़ता है.

'योगी सरकार बंटवा रही राशन'
रेहरिया गांव के श्रीराम समेत आधा दर्जन ग्रामीण शुक्रवार को राशन लेकर नाव से गांव जाते मिले. श्रीराम ने बताया कि राशन बंट रहा है. महीने में दो बार राशन मिलता है. एक बार पांच तारीख को और एक बार 20 तारीख को. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें चना कोटेदार कम देता है. पर श्रीराम कहते हैं कि पीछे से ही कम आता होगा, इसलिए कम मिल रहा. ज्यादातर ग्रामीण राशन व्यवस्था से खुश दिखे.

चौका और शारदा मिलकर ढा रही कहर
नकहा ब्लाक के रेहरिया समेत करीब 12 से ज्यादा गांव चौका और शारदा नदी की दोहरी मार झेल रहे हैं. इस वक्त शारदा और चौका नदी उफनकर एक हो गई हैं. इससे इनके बीच और किनारे के सभी गांव बुरी तरह बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. ग्रामीणों ने मांग की कि इस इलाके में बांध बनना चाहिए.

लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ का कहर जारी है. करीब 50 हजार से ज्यादा लोगों को बाढ़ के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले की चार तहसीलों के लगभग 128 गांवों में करीब एक महीने से बाढ़ का पानी घरों में घुसा हुआ है, जिससे लोगों की जिंदगी तबाही के कगार पर है. वहीं बाढ़ के पानी से मक्का, तिल, धान की फसल और सब्जियों की खेती पूरी तरह तबाह हो गई है.

लखीमपुर खीरी में बाढ़ से 128 गावों में भरा पानी.

शारदा, घाघरा, मोहाना और सुहेली नदियों की बाढ़ से प्रभावित हजारों परिवार रात-रात भर जगकर अपना गुजारा कर रहे हैं. डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को राशन दिया जा रहा है. लेखपालों और कोटेदारों को सभी परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाने का निर्देश दिया गया है.

ईटीवी भारत की टीम पहुंचीं रेहरिया गांव
ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़ में घिरे सदर तहसील के रेहरिया गांव का हाल जाना. रेहरिया गांव दोतरफा बाढ़ से घिरा हुआ है. यहां धान, मक्का और सब्जियों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं. ग्रामीणों का कहना है कि एक महीने हो गए. बाढ़ उतर कर फिर बढ़ जाती है. पानी घरों में घुसा हुआ है, जिससे जीना मुश्किल हो गया है.

नहीं दिखा कहीं स्टीमर
बाढ़ से घिरे रेहरिया समेत करीब आधा दर्जन गांवों के लिए जिला प्रशासन ने यहां पर स्टीमर की व्यवस्था की है, लेकिन ईटीवी भारत की टीम की पड़ताल में स्टीमर कहीं दिखाई नहीं दिया. ग्रामीणों के मुताबिक एक दिन सांसद राशन किट देने आए थे. उस दिन स्टीमर आया था. यहां तीन गांवों के लिए दो नावों का सहारा है. गांव वालों को राशन, दवा या कोई भी जरूरत का सामान लेने के लिए इन्हीं दो नावों से जाना पड़ता है.

'योगी सरकार बंटवा रही राशन'
रेहरिया गांव के श्रीराम समेत आधा दर्जन ग्रामीण शुक्रवार को राशन लेकर नाव से गांव जाते मिले. श्रीराम ने बताया कि राशन बंट रहा है. महीने में दो बार राशन मिलता है. एक बार पांच तारीख को और एक बार 20 तारीख को. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें चना कोटेदार कम देता है. पर श्रीराम कहते हैं कि पीछे से ही कम आता होगा, इसलिए कम मिल रहा. ज्यादातर ग्रामीण राशन व्यवस्था से खुश दिखे.

चौका और शारदा मिलकर ढा रही कहर
नकहा ब्लाक के रेहरिया समेत करीब 12 से ज्यादा गांव चौका और शारदा नदी की दोहरी मार झेल रहे हैं. इस वक्त शारदा और चौका नदी उफनकर एक हो गई हैं. इससे इनके बीच और किनारे के सभी गांव बुरी तरह बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. ग्रामीणों ने मांग की कि इस इलाके में बांध बनना चाहिए.

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