कुशीनगर: सुरक्षित प्रसव कराने को जहां सरकार पानी की तरह रुपये बहाकर जननी सुरक्षा योजना चला रही, वहीं, कुशीनगर जनपद के कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारी अपनी जेबें भरने के चक्कर में एक प्रसव पीड़ा से छटपटा रही जननी को उसके हाल पर छोड़ दिया. रुपये नहीं मिलने पर उसे अस्पताल में भर्ती तक नहीं किया. मजबूरन गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली पीड़ित महिला को सड़क के किनारे बच्ची जननी पड़ी.
वहीं, महिला को रोता बिलखता देख वहां कुछ महिलाएं एकत्रित हो गई और उन लोगों ने सड़क के किनारे साड़ी का घेरा बनाकर उसका प्रसव कराया. हालांकि, आरोप है कि पीड़ित महिला के परिजन लगातार स्वास्थ्य कर्मियों से मदद को चीख-पुकार मचाते रहे, लेकिन सीएचसी की एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ने साफ कह दिया था कि जब तक उसे रुपये नहीं मिलेंगे तब तक उसे भर्ती नहीं किया जाएगा.
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जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम नगर पंचायत कप्तानगंज के वार्ड नं. 4 निवासी गरीब की पत्नी झिनकी को प्रसव पीड़ा होने लगी. परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य कप्तानगंज पर प्रसव कराने के लिए ले गए. लेकिन वहां महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने उनसे रुपये की मांग की, लेकिन रुपये देने में असमर्थता जाहिर करने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रसव की पीड़ा में महिला को बिलबिलाते छोड़ दिया.
ऐसे में मजबूरन महिला ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही बच्ची को जन्म दिया. हालांकि, जब उक्त घटना की सूचना अधिकारियों को हुई तो सीएचसी कप्तानगंज के कर्मचारी हरकत में आए और एम्बुलेंस से झिनकी को अस्पताल ले गए.
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इधर, सीएचसी महिला कर्मचारी के पैसे मांगने के आरोप पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच के उपरांत दोषी पाए जाने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.