कुशीनगर: प्रत्येक वर्ष बाढ़ और जल निकासी की समस्या झेल रहे भगवानपुर माघी, अहिरौली नौका टोला और रंजीता गांव के हजारों महिलाओं, बच्चों और नौजवानों ने शनिवार को नवतार बांध काट दिया. ग्रामीणों ने साइफन से जल निकासी नहीं होने के कारण बांध को काटकर पानी की निकासी कराया. इस दौरान प्रशासन लाचार और मूकदर्शक बना रहा.
बता दें कि प्रत्येक वर्ष नेपाल से पानी चंदा गुलाल भार होते तुरकहा नाला में गिरकर नवतार बांध पर बने साइफन के रास्ते नारायणी नदी में गिरता है. इस साल बांध पर बने साइफन से जल निकासी नहीं होने के कारण अहिरौली गांव, रंजीता टोला, देवीयहवा टोला, मांघी भगवानपुर गांव में पानी फैल गया, जिससे ग्रामीणों को भोजन बनाने को भी लाले पड़ गए. इस बात से आक्रोशित हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चों ने साइफन के समीप नवतार बांध को प्रशासन की मौजूदगी में ही काटकर पानी की धारा नारायणी नदी की ओर कर दिया.
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गांव की महिलाओं ने पत्रकारों और प्रशासन के लोगों को भी फोटो वीडियो लेने से रोक दिया. इस दौरान एसडीएम, तहसीलदार सीओ और पुलिसकर्मियों से ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक भी हुई. जब तक बांध पूरी तरह नहीं कट गया तब तक ग्रामीणों ने प्रशासन से वार्ता तक नहीं किया. इस मौके पर बाढ़ खंड के एसडीओ राजेंद्र पासवान जेई उप जिलाधिकारी खड्डा अरविंद कुमार तहसीलदार खड्डा डॉ. एसके राय सी ओ खड्डा शिवाजी खड्डा व हनुमानगंज थानों की पूरी फोर्स मौजूद रही. फिर भी बांध को बचाया नहीं जा सका.