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नगर पंचायत की अंदरूनी घमासान में फंसी 92 कर्मचारियों की तनख्वाह

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Published : Jul 14, 2021, 9:15 PM IST

कुशीनगर में नगर पंचायत कप्तानगंज इन दिनों अंदरूनी घमासान को लेकर चर्चा में बना हुआ है. नगर पंचायत और ईओ के खींचतान के बीच नगर पंचायत के फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स कहे जाने वाले सफाई कर्मचारियों की हालत दैनिय हो गई है.

92 कर्मचारियों की फंसी तनख्वाह
92 कर्मचारियों की फंसी तनख्वाह

कुशीनगरः जिले के नगर पंचायत कप्तानगंज में नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ के बीच खींचतान में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स कहे जाने वाले सफाई कर्मचारियों की हालत खराब होती जा रही है. नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ की संयुक्त हस्ताक्षर से मिलने वाले करीब 78 सफाई कर्मचारी और 14 नगर पंचायत स्टॉफ की करीब 9 लाख की तनख्वाह लटकी पड़ी है. कर्मचारियों को वेतन न मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. जिसे देखते हुए नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी इन दिनों अधिकारियों के चक्कर काटने पर विवश हैं.

नगर पंचायत की वर्तमान ईओ स्वेता सिंह ने अब जिले के आला अधिकारियों से नगर पंचायत की परेशानियों को अवगत कराया है. इसके साथ ही ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वेता सिंह ने कहा कि नगर पंचायत में उपजे विवाद की वजह नगर अध्यक्ष की हठधर्मिता और उनके द्वारा गलत कामों को कराना है.

92 कर्मचारियों की फंसी तनख्वाह

कप्तानगंज नगर पंचायत के कर्मचारी, नगर पंचायत अध्यक्ष के तालमेल न होने से पहले ही परेशान होते रहे हैं. अब इस तनातनी का सबसे ज्यादा खामियाजा कोरोना काल में फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स कहे जाने वाले सफाई कर्मचारी को झेलनी पड़ रही हैं. नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी महेंद्र ने बताया कि हम सभी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं. लेकिन हमारी तनख्वाह के स्लिप पर ईओ के हस्ताक्षर के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष बिना किसी वजह के ही हस्ताक्षर नहीं करती हैं. जिससे हमारे सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. एक ओर सफाई कर्मी चन्द्रभान बताते हैं कि नगर पंचायत की गाड़ियां और ट्रालियां मेंटेनेंस की कमी से जूझ रही हैं. जिससे सफाई करने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं नगर अध्यक्ष सफाई कर्मचारियों से अपने घरों का निजी कार्य तक कराते हैं.

सफाई कर्मी नगर पंचायत लिपिक ने अपनी परेशानी बताते हुए कहती है कि मेरे द्वारा गाड़ियों के तेल, मेंटेनेंस आवश्यक सामग्री की लिस्ट की फाइलों पर भी नगर पंचायत अध्यक्ष साइन नहीं करती हैं, जिससे तेल के अभाव में बहुत मुश्किल हो रही है. लेकिन सारी कमियों का दोषारोपण हम कर्चारियों पर करके वेतन रोका जा रहा है. नगर पंचायत के सभासद सतीश यादव ने नगर पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि दो महीने से नगर पंचायत की सफाई संबंधित गाड़ियां चली ही नहीं. हम सभासद अपनी जेब से पैसे लगाकर अपने वार्डों की सफाई करा रहे हैं. लेकिन दो महीने में 3800 लीटर का डीजल नगर पंचायत अध्यक्ष की ओर से समझ के परे हैं.

इसे भी पढ़ें- योगी का नया प्लान, MBA-B.Tech के युवा संभालेगे गांव की कमान

नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों और अधिकारियों एवं सभासदों की शिकायत पर कुशीनगर जिले के अपर जिलाधिकारी विंध्यवासिनी राय ने नगर पंचायत का दौरा किया. इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष की अनुपस्थिति की वजह उनका पक्ष नहीं जान पाने की बात करते हुए जल्द ही शिकायतों को निस्तारित कर समाधान करने की बात की है.

कुशीनगरः जिले के नगर पंचायत कप्तानगंज में नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ के बीच खींचतान में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स कहे जाने वाले सफाई कर्मचारियों की हालत खराब होती जा रही है. नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ की संयुक्त हस्ताक्षर से मिलने वाले करीब 78 सफाई कर्मचारी और 14 नगर पंचायत स्टॉफ की करीब 9 लाख की तनख्वाह लटकी पड़ी है. कर्मचारियों को वेतन न मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. जिसे देखते हुए नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी इन दिनों अधिकारियों के चक्कर काटने पर विवश हैं.

नगर पंचायत की वर्तमान ईओ स्वेता सिंह ने अब जिले के आला अधिकारियों से नगर पंचायत की परेशानियों को अवगत कराया है. इसके साथ ही ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वेता सिंह ने कहा कि नगर पंचायत में उपजे विवाद की वजह नगर अध्यक्ष की हठधर्मिता और उनके द्वारा गलत कामों को कराना है.

92 कर्मचारियों की फंसी तनख्वाह

कप्तानगंज नगर पंचायत के कर्मचारी, नगर पंचायत अध्यक्ष के तालमेल न होने से पहले ही परेशान होते रहे हैं. अब इस तनातनी का सबसे ज्यादा खामियाजा कोरोना काल में फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स कहे जाने वाले सफाई कर्मचारी को झेलनी पड़ रही हैं. नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी महेंद्र ने बताया कि हम सभी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं. लेकिन हमारी तनख्वाह के स्लिप पर ईओ के हस्ताक्षर के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष बिना किसी वजह के ही हस्ताक्षर नहीं करती हैं. जिससे हमारे सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. एक ओर सफाई कर्मी चन्द्रभान बताते हैं कि नगर पंचायत की गाड़ियां और ट्रालियां मेंटेनेंस की कमी से जूझ रही हैं. जिससे सफाई करने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं नगर अध्यक्ष सफाई कर्मचारियों से अपने घरों का निजी कार्य तक कराते हैं.

सफाई कर्मी नगर पंचायत लिपिक ने अपनी परेशानी बताते हुए कहती है कि मेरे द्वारा गाड़ियों के तेल, मेंटेनेंस आवश्यक सामग्री की लिस्ट की फाइलों पर भी नगर पंचायत अध्यक्ष साइन नहीं करती हैं, जिससे तेल के अभाव में बहुत मुश्किल हो रही है. लेकिन सारी कमियों का दोषारोपण हम कर्चारियों पर करके वेतन रोका जा रहा है. नगर पंचायत के सभासद सतीश यादव ने नगर पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि दो महीने से नगर पंचायत की सफाई संबंधित गाड़ियां चली ही नहीं. हम सभासद अपनी जेब से पैसे लगाकर अपने वार्डों की सफाई करा रहे हैं. लेकिन दो महीने में 3800 लीटर का डीजल नगर पंचायत अध्यक्ष की ओर से समझ के परे हैं.

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नगर पंचायत के सफाई कर्मचारियों और अधिकारियों एवं सभासदों की शिकायत पर कुशीनगर जिले के अपर जिलाधिकारी विंध्यवासिनी राय ने नगर पंचायत का दौरा किया. इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष की अनुपस्थिति की वजह उनका पक्ष नहीं जान पाने की बात करते हुए जल्द ही शिकायतों को निस्तारित कर समाधान करने की बात की है.

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