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कुशीनगर: संविदा एएनएम नियुक्ति में धांधली, ACAM सहित 3 पर मुकदमा - उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अन्तर्गत 110 संविदा एएनएम की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने पर दोषियों पर बड़ी कार्रवाई की गई. जहां जिलाधिकारी के कड़े निर्देश के बाद विभाग ने जांच में दोषी पाए गए एक एसीएमओ और 3 अन्य के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ ही सभी पर पडरौना कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.

कुशीनगर.
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Published : Jun 28, 2022, 1:36 PM IST

कुशीनगर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अन्तर्गत 110 संविदा एएनएम की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का मामला विभागीय जांच में सामने आया है. जिसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की कवायद शुरू हो गई है. जहां जिलाधिकारी के कड़े निर्देश के बाद विभाग ने जांच में दोषी पाए गए एक एसीएमओ और 3 अन्य के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ ही सभी पर पडरौना कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. खास बात यह है कि मामले से जुड़े दो लोगों की बर्खास्तगी की भी सिफारिश की गई है.

मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत लगभग 8 महीने पहले लखनऊ स्थित मुख्यालय से बतौर संविदा एएनएम की नियुक्ति की विज्ञापन जारी हुआ था. इसमें आए आवेदन पत्रों के साथ संलग्न प्रमाण पत्रों की जांच के लिए मिशन निदेशक ने सीएमओ को निर्देश जारी किया था. बताया जा रहा है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में विभाग ने शासन के निर्देशों के विपरित कार्य करते मनमाने तरीके से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर दी

प्रक्रिया के दौरान ही मामले से जुड़े उम्मीदवारों ने ही विभाग के कुछ जिम्मेदारों पर धन उगाही का भी आरोप लगाया था. बाद में मामले की हुई उच्च स्तरीय शिकायत के क्रम में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने एडिशनल सीएमओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच कराई तो नियुक्ति में हुई मनमानी सामने आ गई. विभागीय सूत्रों की सूचना के मुताबिक कमेटी ने जांच रिपोर्ट में नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण की मापदंड को पूरा नहीं करने सहित कई गड़बड़ियों को प्रकाश में लाया है.

2 लोगों की बर्खास्तगी की संस्तुति
जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी अनुज मलिक को पुनः जांच के लिए निर्देशित किया. इसी क्रम में सीडीओ ने परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण की अध्यक्षता में नई जांच कमेटी का गठन किया और फिर स्वास्थ्य विभाग के इस भ्रष्टाचार के खेल का पूरी तरह खुलासा हो सका. सूचना के मुताबिक सीडीओ की रिपोर्ट पर डीएम ने आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था. उसके मिलने के बाद हुए परीक्षण में जिलाधिकारी ने एसीएमओ डॉ. जे एन सिंह, एनएचएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी सिद्धनाथ तिवारी, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता रितेश तिवारी और डीपीएमयू योजना के कार्यालय सहायक चन्दन वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को सीएमओ को निर्देश जारी किया. साथ ही संबंधित एसीएमओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई और 2 कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किए जाने की संस्तुति कर पत्रावली शासन को भेजी गई है.

मामले के बावत पडरौना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक निर्भय कुमार सिंह ने बताया कि उक्त मामले में वादी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश पटारिया की तहरीर के अनुसार मुकदमा अपराध संख्या 295/2022 के तहत कुल 4 लोगों पर एफआईआर पंजीकृत कर लिया गया है और आगे की विधिनुसार कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढे़ं- पॉलिटेक्निक में सेमेस्टर परीक्षा के केंद्र निर्धारण में धांधली, इन पर लगे आरोप

कुशीनगर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अन्तर्गत 110 संविदा एएनएम की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का मामला विभागीय जांच में सामने आया है. जिसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की कवायद शुरू हो गई है. जहां जिलाधिकारी के कड़े निर्देश के बाद विभाग ने जांच में दोषी पाए गए एक एसीएमओ और 3 अन्य के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ ही सभी पर पडरौना कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. खास बात यह है कि मामले से जुड़े दो लोगों की बर्खास्तगी की भी सिफारिश की गई है.

मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत लगभग 8 महीने पहले लखनऊ स्थित मुख्यालय से बतौर संविदा एएनएम की नियुक्ति की विज्ञापन जारी हुआ था. इसमें आए आवेदन पत्रों के साथ संलग्न प्रमाण पत्रों की जांच के लिए मिशन निदेशक ने सीएमओ को निर्देश जारी किया था. बताया जा रहा है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में विभाग ने शासन के निर्देशों के विपरित कार्य करते मनमाने तरीके से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर दी

प्रक्रिया के दौरान ही मामले से जुड़े उम्मीदवारों ने ही विभाग के कुछ जिम्मेदारों पर धन उगाही का भी आरोप लगाया था. बाद में मामले की हुई उच्च स्तरीय शिकायत के क्रम में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने एडिशनल सीएमओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच कराई तो नियुक्ति में हुई मनमानी सामने आ गई. विभागीय सूत्रों की सूचना के मुताबिक कमेटी ने जांच रिपोर्ट में नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण की मापदंड को पूरा नहीं करने सहित कई गड़बड़ियों को प्रकाश में लाया है.

2 लोगों की बर्खास्तगी की संस्तुति
जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी अनुज मलिक को पुनः जांच के लिए निर्देशित किया. इसी क्रम में सीडीओ ने परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण की अध्यक्षता में नई जांच कमेटी का गठन किया और फिर स्वास्थ्य विभाग के इस भ्रष्टाचार के खेल का पूरी तरह खुलासा हो सका. सूचना के मुताबिक सीडीओ की रिपोर्ट पर डीएम ने आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था. उसके मिलने के बाद हुए परीक्षण में जिलाधिकारी ने एसीएमओ डॉ. जे एन सिंह, एनएचएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी सिद्धनाथ तिवारी, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता रितेश तिवारी और डीपीएमयू योजना के कार्यालय सहायक चन्दन वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को सीएमओ को निर्देश जारी किया. साथ ही संबंधित एसीएमओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई और 2 कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किए जाने की संस्तुति कर पत्रावली शासन को भेजी गई है.

मामले के बावत पडरौना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक निर्भय कुमार सिंह ने बताया कि उक्त मामले में वादी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश पटारिया की तहरीर के अनुसार मुकदमा अपराध संख्या 295/2022 के तहत कुल 4 लोगों पर एफआईआर पंजीकृत कर लिया गया है और आगे की विधिनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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