कुशीनगर: बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुशीनगर में शुक्रवार की शाम को आएंगे. भगवान बुद्ध की जन्मस्थली नेपाल के लुम्बनी से कुशीनगर बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थल जाएंगे. बुद्ध महापरिनिर्वाण स्थल में सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बुद्ध पूर्णिमा में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए बौद्ध भिक्षुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा हैं. पीएम भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी (नेपाल) गये हैं. लौटते समय बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में पूजा करने आएंगे. ईटीवी भारत की टीम ने कुशीनगर में पीएम के अगवानी में शामिल बौद्ध भिक्षुओं से बात की और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की रूपरेखा और बौद्ध भिक्षुओं में उसके महत्त्व को जाना.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बुद्ध के जन्मस्थान नेपाल की लुम्बनी से लौटते कुशीनगर महापरिनिर्वाण पर शाम 4 बजे पहुचेंगे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की अगुवाई में लगे बौद्ध भिक्षुओं ने अपनी बातें रखीं. बौद्ध भिक्षु महेंद्र भन्ते ने बताया कि प्रधानमंत्री सोमवार को विशेष रूप से भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण का दर्शन करेंगे. उनके लिए बौद्ध भिक्षु विशेष पूजा अर्चना करेंगे. भगवान के समक्ष प्रधानमंत्री दीप जलाकर पुष्प अर्पित करेंगे, जिसके बाद दो मिनट का पूजा चलेगा. पूजा के बाद प्रधानमंत्री चीवर चढ़ा कर परिक्रमा करेंगे. उन्हें भगवान बुद्ध के बारे में बताया जायेगा. वहीं, बौद्ध भिक्षुओं की तरफ से पीएम को बौद्ध प्रतिमा का स्मृति चिन्ह भेंट की जाएगी.
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बौद्ध भिक्षु अशोक भन्ते ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 4 बजे के करीब कुशीनगर में होंगे. इस दौरान कुशीनगर महापुराण मंदिर में लेटी हुई भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर फूल चढ़ा कर विशेष पूजा-अर्चना करेंगे. वहीं बौद्ध भिक्षुओं को चीवर भी प्रदान करेंगे. 2 वर्षों से कोरोना काल के चलते यहां पर्यटकों का आना कम हो गया था. लेकिन पीएम के आगमन से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. पहली बार देश के प्रधानमंत्री भगवान बुद्ध का दर्शन बुद्धपुर्णिमा को करने आ रहे हैं, जिसका सार्थक संदेश पूरे संसार में जाएगा.
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