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कुशीनगर: आवास और शौचालय की समस्या से जूझता नाहर छपरा गांव

कुशीनगर मुख्यालय स्थित पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव सरकारी उदासीनता का शिकार है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें आवास और शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ग्राम प्रधान उनकी सुन भी नहीं रहे हैं.

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आवास और शौचालय की समस्या से जूझता नाहर छपरा गांव
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Published : Jan 3, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 3:19 AM IST

कुशीनगर: जिले के मुख्यालय स्थित पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है. ईटीवी भारत ने जब इस गांव के विकास कार्यों का जायजा लिया तो सरकारी दावों की पोल खुल गई. पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों से जब मुख्यतः आवास और शौचालय के बारे में जानकारी ली गई, तो लोगों ने बताया कि आवास और शौचालय के वितरण में धांधली की जा रही है.

आवास और शौचालय की समस्या से जूझता नाहर छपरा गांव.
काफी बड़े क्षेत्रफल में फैले पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव में कुल 32 टोले हैं. गांव के अलग-अलग टोलों में अलग-अलग जाति से जुड़े लोग अपनी गृहस्थी बनाए हुए हैं. गांव में पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों के वंशी भगत टोले पर ईटीवी भारत ने पूछताछ की, तो इस दौरान समस्या सुनाने वालों की भीड़ लग गयी. काफी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने आवास और शौचालय नहीं होने का अपना बयान दर्ज कराया.

गांव के खासकर हमारे टोले पर आज भी लोगों को आवास और शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ग्राम प्रधान हमारा सुन भी नही रहे हैं.
- हरिलाल कुशवाहा, ग्रामीण

शौचालय बना वो भी आधा अधूरा, आवास के लिए सूची में नाम है लेकिन बन नही पा रहा है, दौड़ते दौड़ते थक गए हैं हमलोग
- शकुंतला कुशवाहा, ग्रामीण महिला

आवास नहीं मिलने से हमलोग मजबूरी में जीवन काट रहे हैं, परेशानी बढ़ती जा रही है.
- शान्ति देवी, ग्रामीण महिला

शौचालय मेरा बनवाया गया लेकिन जिस दिन अधिकारी देखने आए उनके सामने ही अपने आप गिर गया, सब लोग वहीं थे लेकिन उसको फिर से बनवाने की पहल किसी ने नहीं की.
- अवधेश कुशवाहा, ग्रामीण

कुशीनगर: जिले के मुख्यालय स्थित पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है. ईटीवी भारत ने जब इस गांव के विकास कार्यों का जायजा लिया तो सरकारी दावों की पोल खुल गई. पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों से जब मुख्यतः आवास और शौचालय के बारे में जानकारी ली गई, तो लोगों ने बताया कि आवास और शौचालय के वितरण में धांधली की जा रही है.

आवास और शौचालय की समस्या से जूझता नाहर छपरा गांव.
काफी बड़े क्षेत्रफल में फैले पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गांव में कुल 32 टोले हैं. गांव के अलग-अलग टोलों में अलग-अलग जाति से जुड़े लोग अपनी गृहस्थी बनाए हुए हैं. गांव में पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों के वंशी भगत टोले पर ईटीवी भारत ने पूछताछ की, तो इस दौरान समस्या सुनाने वालों की भीड़ लग गयी. काफी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने आवास और शौचालय नहीं होने का अपना बयान दर्ज कराया.

गांव के खासकर हमारे टोले पर आज भी लोगों को आवास और शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ग्राम प्रधान हमारा सुन भी नही रहे हैं.
- हरिलाल कुशवाहा, ग्रामीण

शौचालय बना वो भी आधा अधूरा, आवास के लिए सूची में नाम है लेकिन बन नही पा रहा है, दौड़ते दौड़ते थक गए हैं हमलोग
- शकुंतला कुशवाहा, ग्रामीण महिला

आवास नहीं मिलने से हमलोग मजबूरी में जीवन काट रहे हैं, परेशानी बढ़ती जा रही है.
- शान्ति देवी, ग्रामीण महिला

शौचालय मेरा बनवाया गया लेकिन जिस दिन अधिकारी देखने आए उनके सामने ही अपने आप गिर गया, सब लोग वहीं थे लेकिन उसको फिर से बनवाने की पहल किसी ने नहीं की.
- अवधेश कुशवाहा, ग्रामीण

Intro:Opening P2C

कुशीनगर जिले के मुख्यालय स्थित पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गाँव काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है. ईटीवी भारत ने इस गाँव के पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों के एक टोले पर आज गुरुवार को विकास कार्यों का जायजा लिया. सरकारी दावों को देखते हुए मुख्यतः आवास और शौचालय के बारे में जब जानकारी लेनी शुरु की गयी तो अपनी पीड़ा सुनाने वालों की भीड़ लग गयी, लोगों ने खुलकर बताया कि आवास और शौचालय के वितरण में धाँधली की जा रही है.


Body:vo काफी बड़े क्षेत्रफल में फैले पडरौना खण्ड विकास क्षेत्र का नाहर छपरा गाँव कुल 32 टोले में बंटा हुआ है. गाँव के अलग अलग टोलों में अलग अलग जाति से जुड़े लोग अपना गृहस्थी बनाए हुए हैं.

गाँव मे पिछड़ी जाति से जुड़े लोगों के वंशी भगत टोले पर ईटीवी भारत की पूछताछ के दौरान समस्या सुनाने वालों की भीड़ लग गयी. काफी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने आवास और शौचालय नही होने का अपना बयान दर्ज कराया

हरिलाल कुशवाहा ने ईटीवी भारत के सामूहिक बातचीत के दौरान बताया कि गाँव के खासकर हमारे टोले पर आज भी लोगों को आवास और शौचालय जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ग्राम प्रधान हमारा सुन भी नही रहे हैं.
बाइट - हरिलाल कुशवाहा, पीड़ित ग्रामीण

महिला शकुंतला ने बताया कि शौचालय बना वो भी आधा अधूरा, आवास के लिए सूची में नाम है लेकिन बन नही पा रहा है, दौड़ते दौड़ते थक गए हैं हमलोग
बाइट - शकुंतला कुशवाहा, पीड़ित महिला

सड़क किनारे ही फूस की झोपड़ी में रहने वाली शान्ति कुशवाहा ने बताया कि आवास नही मिलने से हमलोग मजबूरी में जीवन काट रहे हैं, परेशानी बढ़ती जा रही है
बाइट - शान्ति देवी, पीड़ित महिला

शौचालय की समस्या को लेकर सामने आए अवधेश कुशवाहा ने बताया कि शौचालय मेरा बनवाया गया लेकिन जिस दिन अधिकारी देखने आए उनके सामने ही अपने आप गिर गया, सब लोग वहीं थे लेकिन उसको फिर से बनवाने की पहल किसी ने नही की
बाइट - अवधेश कुशवाहा, पीड़ित ग्रामीण


Conclusion:vo आवास हो या फिर शौचालय , इसके निर्माण के लिए मिलने वाले सरकारी धन में आज भी बन्दरबांट का खेल जारी है जिसके कारण आमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

End पीटूसी

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
9984001450
Last Updated : Jan 10, 2020, 3:19 AM IST
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