कुशीनगर: छोटी गंडक नदी में अवैध रूप से धड़ल्ले से सफेद बालू का खनन लगातार हो रहा हैं. बरसात के बाद नदियों में पानी घटते ही इस कारोबार ने तेजी पकड़ ली है. 3500-4000 प्रति ट्राली की दर से अवैध बालू बेचकर मोटी कमाई की जा रही है. वहीं, इससे सरकार के राजस्व को भी लगतार चूना लग रहा. जिलाधिकारी रमेश रंजन ने कहा की खनन पट्टे का नियम है. लेकिन, अवैध खनन होगा, तो उसकी जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जानकारी के अनुसार, अवैध खनन कुशीनगर जिले के कप्तानगंज, हाटा, कसया तहसीलों से हो कर बहने वाली छोटी गंडक नदी में दर्जनों घाटों पर रात-दिन खनन का काम चल रहा है. रात से सुबह तक बालू लदी ट्रॉलिया फर्राटा भरती हैं. छोटी गंडक नदी के कप्तानगंज इलाके के हसनगंज, कारी टोला, सुअरहां, अकटहा, फ़र्दहा, भैसहा, रामकोला थाना क्षेत्र के परवरपार कारी घाट, शिवमन्दिर घाट, सिकटिया, जगन्नाथपुर, पिपरहिया, हाटा थानाक्षेत्र के सिकटिया, गढ़ेरीपट्टी, दूबौली, बनटोलवा अथरहा और कसया थाना क्षेत्र के कुरमौटा रामनगर, बैदौली महुआडीह रेगवनिया आदि घाटों पर रात-दिन अवैध खनन हो रहा है. खनन माफिया दिन भर नाव से बालू निकालकर घाटों के किनारे स्टोर करते हैं और रात के अंधेरे में डीसीएम व ट्रैक्टर से लोड कर खुलेआम दौड़ते हैं.
अवैध रूप से होने वाले बालू खनन का खामियाजा तटवर्ती गांव के लोगों को हर साल भुगतना पड़ता है. बालू निकालने के कारण बरसात में कटान के चलते दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी कहर बरपाता है. अधिकांश लोग बाढ़ के कहर से बचने के लिए घर से बेघर हो जाते हैं. गांव के लोगों ने दर्जनों बार इस अवैध खनन की शिकायत की. लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं होती.
ग्रामीणों ने बताया कि कप्तानगंज इलाके के हसनगंज से लेकर फरदहा तक के साथ से आठ घाट में अवैध खनन की शिकायत करने पर पुलिस ही माफियाओं को शिकायत करने वाले ग्रामीणों की जानकारी दे देती है. रामकोला थाना क्षेत्र के परवरपार घाट पर एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने छापेमारी की और गाड़ी पकड़कर थाने ले जाकर तुरंत छोड़ दिया.
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