कुशीनगर: यूपी में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के एक-एक करके कई मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला बिहार प्रान्त की सीमा से सटे खड्डा तहसील क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. यहां महदेवा और विशेश्वरपुर ग्राम सभा व नदी किनारे की लगभग 50 एकड़ जमीन पर कब्जा कर उस पर अवैध खेती किए जाने का मामला सामने आया है. क्षेत्र के एक अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री के पोर्टल से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों तक को साक्ष्य के साथ सूचित किया है. वहीं एसडीएम खड्डा ने कहा कि अवैध कब्जों की जांच जारी है. उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा मिलते ही उसको मुक्त कराया जाएगा.
मामला 2017 में भी उठा था
आरोप है कि कुछ दबंग राजस्वकर्मियों को अपने प्रभाव में लेकर सरकारी और नदी, नालों के नाम से अंकित जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. बाद में उस जमीन पर अवैध तरीके से कृषि का काम किया जा रहा है. साल 2017 में योगी सरकार बनने के बाद से ही भू-माफियाओं पर नकेल कसने का आदेश हुआ था. बाद में खड्डा के भू-माफियाओं को चिह्नित करने का अभियान छिड़ा था. प्रशासन ने दो तीन दबंग माफियाओं पर कार्रवाई की थी, लेकिन माफियाओं के प्रभाव के आगे राजस्व विभाग ने अवैध कब्जे को रोकने के लिए चुप्पी साध ली.
राष्ट्रपति भवन भी ले चुका है संज्ञान
खड्डा क्षेत्र के कुछ जागरूक लोगों ने वर्ष 2019 में अवैध कब्जे की शिकायत राष्ट्रपति से भी की थी. राष्ट्रपति भवन के निर्देश पर तत्कालीन उप सचिव मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन सुनील कुमार चौधरी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन भू-माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
राजस्वकर्मियों पर आरोप
अधिवक्ता पुण्डरीक कुमार मिश्र ने बताया कि इस जनसमस्या को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को साक्ष्य के साथ सूचना पत्र दिया गया है, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई होते नहीं दिख रही.
एसडीएम बोले
एसडीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की सूचना पर तत्काल कार्रवाई होगी. नदी किनारे की काफ जमीन नदी में विलीन हो चुकी है, सरकारी जमीनों को खोजकर उस पर सरकारी कार्यक्रमों से जुड़े भवनों आदि का निर्माण कराया जाएगा.