कुशीनगर: भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के कारण कुशीनगर को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अलग पहचान मिली है. पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए केंद्र सरकार ने कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित किया. ताकि भगवान बुद्ध के दर्शन में आए देश और विदेश के पर्यटकों को सुविधा हो सके. कुशीनगर एयरपोर्ट के निर्माण में प्रदेश और केंद्र सरकार ने काफी धन खर्च किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी इस निर्माणाधीन एयरपोर्ट की समीक्षा भी कर चुके हैं.
DGCA ने क्यों रोका था लाइसेंस
तीन माह पूर्व कुशीनगर एयरपोर्ट की जांच करने पहुंची DGCA की टीम ने 50 से अधिक बिदुओं पर खामियां बताई थी, जिसके बाद लाइसेंस नहीं मिल रहा था. DGCA के निर्देशानुसार खामियां दुरुस्त कर अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रिक्मेंट पर 23 फरवरी को दिल्ली एयरपोर्ट निदेशक एके जनरल ने कुशीनगर एयरपोर्ट के डायरेक्टर जनरल को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का लाइसेंस दिया.
उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग प्रतिदिन प्रगति की ओर उन्मुख है. उन्होंने कहा कि कुशीनगर अत्यन्त ही प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल है, जहां महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था. यहां अनेक देशों द्वारा निर्मित अत्यंत वृहद एवं सुंदर बौद्ध मंदिर स्थित हैं, जहां लाखों देशी व विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिये आते हैं.
पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों हेतु हवाई सुविधा सुनिश्चित किए जाने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा कुशीनगर हवाई अड्डे के विकास का निर्णय लिया गया, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया गया. उन्होंने बतया कि वर्तमान में प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के निर्माण कार्य हेतु 199.42 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है और विकास कार्यों को त्वरित गति से सम्पन्न कराया है.
पर्यटकों के साथ पूर्वांचल, बिहार और नेपाल को मिलेगा लाभ
जल्द ही कुशीनगर में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल दोनों प्रकार के छोटे-बड़े जहाज आसानी के साथ आ-जा सकेंगे. कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के शुरू हो जाने से देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के साथ पूर्वांचल, बिहार व नेपाल के सीमावर्ती इलाके के लोगों को काफी लाभ मिलेगा.