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कुशीनगर: शराब के नशे में युवक ने खुद को लगाई आग, मौत

कुशीनगर के जटहां बाजार थाना क्षेत्र के चिरगोड़ा गांव में होली के दिन एक शराबी युवक ने नशे में खुद को आग लगा ली. आनन-फानन में परिजन जिला अस्पताल और गोरखपुर मेडिकल कालेज ले गए लेकिन युवक की जान नही बच सकी.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Mar 23, 2019, 8:46 AM IST

कुशीनगर : एक तरफ पूरा देश रंगों का त्योहार होली पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहा था, तो वहीं जनपद में शराब पीने की जिद में एक युवक ने अपने शरीर में आग लगा ली. आनन-फानन में परिजन उसे लेकर पहले जिला अस्पताल और फिर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासनिक संवेदनहीनता इस कदर थी कि डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम तक जरूरी नही समझा.

मिली जानकारी के मुताबिक, जटहां बाजार थाना क्षेत्र के चिरगोड़ा गांव में होली के दिन एक शराबी युवक के उत्पात से लोग परेशान हो गए. गांव के लोगों के अनुसार, 22 वर्षीय रामेश्वर गुप्ता अक्सर शराब के नशे में उत्पात किया करता था. होली के दिन उसका अपनी पत्नी से शराब पीने की बात पर विवाद हो गया. युवक ने पहले तो उसे जमकर पीटा, फिर अपनी पत्नी और एक महीने की बच्ची को जान से मारने का प्रयास किया. पत्नी इसी बीच बच्ची को लेकर घर से बाहर भाग गई तो उसने कमरे को अंदर से बन्द कर एक रजाई को मिट्टी के तेल से भिंगोकर अपने को उसमें लपेटने के बाद आग लगा ली.

शराब के नशे में युवक ने आग की खुदकुशी

डॉक्टरों ने शव का नहीं किया पोस्टमार्टम

बड़े दुखी मन से अपने दरवाजे पर बैठे मिले उसके बड़े भाई विजय गुप्ता ने बताया कि रामेश्वर को दरवाजा तोड़कर निकाला गया. तत्काल जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कालेज तक हम लोग लेकर गए, लेकिन उसकी मौत हो गई. डॉक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम कराने पर चार दिन लगेंगे और उन लोगों ने शव को हमें दे दिया और फिर घर आकर गांव के लोगों के कहने पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

...तो मिल जाता किसान बीमा का लाभ

डॉक्टरों ने यदि मृतक का पोस्टमार्टम किया होता तो सरकार के कायदे-कानून के मुताबिक मृतक के परिजनों को किसान बीमा का लाभ मिल गया होता. वैसे शराब का कहर इन दिनों जिले में चरम पर है. अभी हाल ही में जनपद में आठ लोगों की मौत अवैध शराब पीने से हो गई थी. शराब के कारण आए दिन हो रही घटनाएं अब यह संकेत दे रही हैं कि बिहार की तरह अब यूपी में भी शराब पूरी तरह से बन्द होनी ही चाहिए.

कुशीनगर : एक तरफ पूरा देश रंगों का त्योहार होली पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहा था, तो वहीं जनपद में शराब पीने की जिद में एक युवक ने अपने शरीर में आग लगा ली. आनन-फानन में परिजन उसे लेकर पहले जिला अस्पताल और फिर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासनिक संवेदनहीनता इस कदर थी कि डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम तक जरूरी नही समझा.

मिली जानकारी के मुताबिक, जटहां बाजार थाना क्षेत्र के चिरगोड़ा गांव में होली के दिन एक शराबी युवक के उत्पात से लोग परेशान हो गए. गांव के लोगों के अनुसार, 22 वर्षीय रामेश्वर गुप्ता अक्सर शराब के नशे में उत्पात किया करता था. होली के दिन उसका अपनी पत्नी से शराब पीने की बात पर विवाद हो गया. युवक ने पहले तो उसे जमकर पीटा, फिर अपनी पत्नी और एक महीने की बच्ची को जान से मारने का प्रयास किया. पत्नी इसी बीच बच्ची को लेकर घर से बाहर भाग गई तो उसने कमरे को अंदर से बन्द कर एक रजाई को मिट्टी के तेल से भिंगोकर अपने को उसमें लपेटने के बाद आग लगा ली.

शराब के नशे में युवक ने आग की खुदकुशी

डॉक्टरों ने शव का नहीं किया पोस्टमार्टम

बड़े दुखी मन से अपने दरवाजे पर बैठे मिले उसके बड़े भाई विजय गुप्ता ने बताया कि रामेश्वर को दरवाजा तोड़कर निकाला गया. तत्काल जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कालेज तक हम लोग लेकर गए, लेकिन उसकी मौत हो गई. डॉक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम कराने पर चार दिन लगेंगे और उन लोगों ने शव को हमें दे दिया और फिर घर आकर गांव के लोगों के कहने पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

...तो मिल जाता किसान बीमा का लाभ

डॉक्टरों ने यदि मृतक का पोस्टमार्टम किया होता तो सरकार के कायदे-कानून के मुताबिक मृतक के परिजनों को किसान बीमा का लाभ मिल गया होता. वैसे शराब का कहर इन दिनों जिले में चरम पर है. अभी हाल ही में जनपद में आठ लोगों की मौत अवैध शराब पीने से हो गई थी. शराब के कारण आए दिन हो रही घटनाएं अब यह संकेत दे रही हैं कि बिहार की तरह अब यूपी में भी शराब पूरी तरह से बन्द होनी ही चाहिए.

Intro:INTRO - होली के हुडदंग के बीच कुशीनगर जिले में शराब पीने की ज़िद में एक युवक ने अपने शरीर मे आग लगाकर जान दे दी । परिजन उसे लेकर पहले जिला अस्पताल और फिर गोरखपुर मेडिकल कालेज तक दौड़े लेकिन उसकी जान नही बचायी जा सकी । घटनाक्रम में प्रशासनिक सवेदन हीनता इस कदर थी कि डॉक्टरों ने डेड बॉडी का पोस्टमार्टम तक जरूरी नही समझा ।


Body:VO - जानकारी के मुताबिक कुशीनगर जिले के जटहाँ बाज़ार थाना क्षेत्र के चिरगोड़ा गाँव मे होली के दिन एक मनबढ़ शराबी युवक के उत्पात से गाँव अशान्त हो गया । गाँव के लोगों के अनुसार गाँव के बीचोबीच अपने पक्के मकान में रहने वाले बाइस वर्षीय रामेश्वर गुप्ता अक्सर शराब के नशे में उत्पात किया करता था । होली के दिन उसका अपनी पत्नी से शराब पीने की बात पर विवाद हो गया । युवक ने पहले तो उसे जमकर पीटा फिर अपनी पत्नी और एक महीने की बच्ची को जान से मारने का प्रयास किया । पत्नी इसी बीच बच्ची को लेकर घर से बाहर भाग गई तो उसने कमरे को अन्दर से बन्द कर एक रजाई को मिट्टी के तेल से भिंगोकर अपने को उसमे लपेटने के बाद उसमें आग लगा ली ।

बड़े दुखी मन से अपने दरवाजे पर बैठे मिले उसके बड़े भाई विजय गुप्ता ने बताया कि दरवाजा तोड़कर निकाला गया । तत्काल जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कालेज तक हमलोग ले गए लेकिन उसकी मौत हो गयी । डॉक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम कराने पर चार दिन लगेंगे और उनलोगों ने डेड बॉडी को हमे दे दिया और फिर घर आकर गाँव के लोगों के कहने पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया ।

बाइट - विजय गुप्ता, मृतक का भाई



Conclusion:VO - डॉक्टरों ने यदि मृतक का पोस्टमार्टम करवाया रहता तो सरकार के कायदे कानून के मुताबिक मृतक के परिजनों को किसान बीमा का लाभ मिल गया होता । वैसे शराब का कहर इन दिनों जिले में चरम पर है, अभी हाल ही में जिले में आठ लोगों की मौत अवैध शराब पीने से हो गयी थी । शराब के कारण आए दिन हो रही घटनाएं अब ये संकेत दे रही हैं कि बिहार की तरह अब यूपी में भी शराब पूरी तरह बन्द होनी ही चाहिए ।

END P2C

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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