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कुशीनगर : पट्टे की जमीन पर भू-माफिया का कब्जा, ग्रामीणों ने लगाई मदद की गुहार - रामपुर गोनहा गांव में चकबंदी

कुशीनगर के खड्डा तहसील स्थित रामपुर गोनहा गांव में पिछले कई सालों से चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है. यहां के मुसहर जाति के लोगों की जमीन पर भू माफिया ने कब्जा कर लिया है. अब ये लोग योगी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

ग्रामीणों से बातचीत.
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Published : Apr 16, 2021, 8:53 AM IST

Updated : Apr 17, 2021, 9:55 AM IST

कुशीनगर: जिले की खड्डा तहसील क्षेत्र का रामपुर गोनहा गांव इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में सीलिंग, बंजर और वन विभाग की लगभग 2,300 एकड़ जमीन पर भू-माफिया का कब्जा है. प्रशासन की लापरवाही के कारण 200 से ज्यादा पट्टेदार लगभग 29 वर्षों से जमीनों का पट्टा मिलने के बाद भी भूमिहीनों जैसी जिंदगी जी रहे हैं. रामपुर गोनहा गांव के ग्रामीणों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. देखिये ये रिपोर्ट...

ग्रामीणों से बातचीत.

पट्टे का कागज है, लेकिन कोई अधिकारी नहीं सुनता
रामपुर गोनहा के रहने वाले रामबिहारी कहते हैं कि उन्हें पट्टा मिले 29 साल हो गया है, लेकिन अब तक जमीन का कब्जा नहीं मिला. यहां किसी प्रशासनिक अधिकारी ने सुध भी नहीं ली. उन्होंने कहा कि वे लोग पट्टे का कागज लेकर कई बार खड्डा तहसील गए, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. गरीबों की पट्टे के जमीनों पर वर्षों से अवैध लोगों का कब्जा है. एक मुसहर ग्रामीण ने बताया कि यहां बहुत दिनों से चकबंदी चल रही है, लेकिन कुछ लोग उसे दबा देते हैं, जिससे अब तक चकबंदी पूरी नहीं हो सकी है. निम्न वर्ग के लोग आवाज उठाते हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती है.

इसे भी पढ़ें : चकबंदी प्रक्रिया में लंबित है रामपुर गोनहा, जानें क्या कहते हैं जानकार

सूर्य नारायण मुसहर बताते हैं कि पहले जो चकबंदी चली, वह निरस्त हो गई. इसके बाद चकबंदी चलते-चलते 25 से 26 साल हो गया, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया. यहां 2,300 एकड़ सरकारी जमीन है, जिसमें बहुत से गरीबों का पट्टा है. उन्होंने कहा कि पट्टे का कागज इनके पास है, लेकिन बड़े लोग कब्जा करके खेत में जोताई और बुआई करते हैं.

रामपुर गोनहा के दिलीप कुशवाहा लड़ रहे गरीबों की लड़ाई
रामपुर गोनहा गांव के रहने वाले दिलीप कुशवाहा इन गरीबों के हक में भू-माफिया से लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रकरण में कई जगह शिकायत भी किए हैं. ईटीवी भारत ने दिलीप कुशवाहा से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली. दिलीप कुशावाहा ने बताया कि इन पट्टेदारों का लगभग 26 सालों से पट्टा हुआ है, जिसकी खसरा-खतौनी होने के बावजूद भी भू माफिया ने पट्टेदारों को डरा धमकाकर उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया है.

'नहीं मिला रहा न्याय'
दिलीप कुशवाहा ने कहा कि यहां मुसहर जाति के लोगों के पास घर बनवाने के लिए जमीन नहीं है. पूर्व में यहां धरना प्रदर्शन, रेल चक्काजाम सब कुछ किया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ग्रामीणों को योगी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. इस समय मुसहरों को अगर उनका हक नहीं मिला तो कोई भी सरकार इन्हें हक नहीं दे सकेगी.

दरअसल, गांव में शनि मंदिर का निर्माण हो रहा है. जिससे रामपुर गोनहा गांव सुर्खियों में है. इस संबंध में दिलीप कुशवाहा ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक ने फेसबुक पर एक स्टाम्प पेपर दिखाया है कि उन्होंने मुसहरों की जमीन का बैनामा कराया है, लेकिन सिर्फ स्टाम्प से जमीन का बैनामा नहीं होता, जब तक कि खतौनी में नाम दर्ज और इंतखाब न मिले. जब तक चकबंदी पूरी न हो जाए, तब तक तय नहीं होगा कि किसकी जमीन किधर है. पक्का निर्माण कर गरीब पट्टेदारों की जमीन हथियाने की कोशिश हो रही है.

कुशीनगर: जिले की खड्डा तहसील क्षेत्र का रामपुर गोनहा गांव इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में सीलिंग, बंजर और वन विभाग की लगभग 2,300 एकड़ जमीन पर भू-माफिया का कब्जा है. प्रशासन की लापरवाही के कारण 200 से ज्यादा पट्टेदार लगभग 29 वर्षों से जमीनों का पट्टा मिलने के बाद भी भूमिहीनों जैसी जिंदगी जी रहे हैं. रामपुर गोनहा गांव के ग्रामीणों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. देखिये ये रिपोर्ट...

ग्रामीणों से बातचीत.

पट्टे का कागज है, लेकिन कोई अधिकारी नहीं सुनता
रामपुर गोनहा के रहने वाले रामबिहारी कहते हैं कि उन्हें पट्टा मिले 29 साल हो गया है, लेकिन अब तक जमीन का कब्जा नहीं मिला. यहां किसी प्रशासनिक अधिकारी ने सुध भी नहीं ली. उन्होंने कहा कि वे लोग पट्टे का कागज लेकर कई बार खड्डा तहसील गए, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. गरीबों की पट्टे के जमीनों पर वर्षों से अवैध लोगों का कब्जा है. एक मुसहर ग्रामीण ने बताया कि यहां बहुत दिनों से चकबंदी चल रही है, लेकिन कुछ लोग उसे दबा देते हैं, जिससे अब तक चकबंदी पूरी नहीं हो सकी है. निम्न वर्ग के लोग आवाज उठाते हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती है.

इसे भी पढ़ें : चकबंदी प्रक्रिया में लंबित है रामपुर गोनहा, जानें क्या कहते हैं जानकार

सूर्य नारायण मुसहर बताते हैं कि पहले जो चकबंदी चली, वह निरस्त हो गई. इसके बाद चकबंदी चलते-चलते 25 से 26 साल हो गया, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया. यहां 2,300 एकड़ सरकारी जमीन है, जिसमें बहुत से गरीबों का पट्टा है. उन्होंने कहा कि पट्टे का कागज इनके पास है, लेकिन बड़े लोग कब्जा करके खेत में जोताई और बुआई करते हैं.

रामपुर गोनहा के दिलीप कुशवाहा लड़ रहे गरीबों की लड़ाई
रामपुर गोनहा गांव के रहने वाले दिलीप कुशवाहा इन गरीबों के हक में भू-माफिया से लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रकरण में कई जगह शिकायत भी किए हैं. ईटीवी भारत ने दिलीप कुशवाहा से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली. दिलीप कुशावाहा ने बताया कि इन पट्टेदारों का लगभग 26 सालों से पट्टा हुआ है, जिसकी खसरा-खतौनी होने के बावजूद भी भू माफिया ने पट्टेदारों को डरा धमकाकर उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया है.

'नहीं मिला रहा न्याय'
दिलीप कुशवाहा ने कहा कि यहां मुसहर जाति के लोगों के पास घर बनवाने के लिए जमीन नहीं है. पूर्व में यहां धरना प्रदर्शन, रेल चक्काजाम सब कुछ किया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ग्रामीणों को योगी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. इस समय मुसहरों को अगर उनका हक नहीं मिला तो कोई भी सरकार इन्हें हक नहीं दे सकेगी.

दरअसल, गांव में शनि मंदिर का निर्माण हो रहा है. जिससे रामपुर गोनहा गांव सुर्खियों में है. इस संबंध में दिलीप कुशवाहा ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक ने फेसबुक पर एक स्टाम्प पेपर दिखाया है कि उन्होंने मुसहरों की जमीन का बैनामा कराया है, लेकिन सिर्फ स्टाम्प से जमीन का बैनामा नहीं होता, जब तक कि खतौनी में नाम दर्ज और इंतखाब न मिले. जब तक चकबंदी पूरी न हो जाए, तब तक तय नहीं होगा कि किसकी जमीन किधर है. पक्का निर्माण कर गरीब पट्टेदारों की जमीन हथियाने की कोशिश हो रही है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 9:55 AM IST
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