कुशीनगर: जिले में मानसून दस्तक दे चुका है, लेकिन कुशीनगर में अमवा खास बंधे पर बाढ़ बचाव की परियोजनाओं का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. लगभग 30 करोड़ की लागत से कराए जा रहे 6 से अधिक परियोजनाओं पर तय मानकों से जुड़ा कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. जलशक्ति मंत्री के बुधवार को संभावित दौरे की सूचना से परियोजनाओं पर कार्यरत अधिकारियों के बीच हलचल मची दिख रही है.
सरकार से स्वीकृत कार्य
जानकारी के अनुसार, अमवा खास तटबंध के किमी. 7.730 पर 316.34 लाख की लागत से पुनर्स्थापना का कार्य, किमी. 8 से 8.230 तक 643.48 लाख की लागत से रिवेटमेंट तथा अन्य कार्य, किमी. 7.750 से 7.810 तक 308.10 लाख की लागत से रिवेटमेंट तथा अन्य कार्य, किमी. 7.850 से 7.950 तक 470.11लाख की लागत से रिवेटमेंट का कार्य, किमी. 7.500 पर 464.29 लाख की लागत से स्पर का कार्य और किमी. 8.275 से 8.580 तक 641.39 लाख की लागत से रिवेटमेंट का कार्य वर्ष 2019 -20 में स्वीकृत हुआ है.
मानसून आने से पहले पूरा होना था कार्य
परियोजनाओं का कार्य मानसून आने से पहले ही पूरा कर लिया जाना चाहिए था, लेकिन यहां पर मानसून के दस्तक देने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है. बरसात में भी यह कार्य चल रहा है. जल्दबाजी में बोरे में बाहर से मिट्टी भरकर लाने के बजाए रिंग बन्धे से ही मिट्टी की भराई होती दिख रही है.
पारदर्शिता रखने के आदेश का उल्लंघन
सूत्रों की मानें तो सरकार की मंशा इस बार साफ थी कि प्रचलित परियोजनाओं पर आवश्यक रूप से लागत मूल्य तथा अन्य जानकारियां प्रदर्शित करता हुआ बोर्ड लगाया जाए. साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं, ताकि मानक और गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी किया जा सके. लेकिन अमवाखास बंधे पर परियोजनाओं पर हो रहे कार्यों का बोर्ड तो कहीं नहीं लगा दिखता है. सीसीटीवी भी सिर्फ एक कार्यस्थल पर लगाकर खानापूर्ति कर दी गयी है.
सहायक अभियंता ने दी जानकारी
बाढ़ खण्ड के सहायक अभियंता हरिशंकर पांडेय से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि परियोजनाओं पर कैमरे की निगरानी में कार्य हो रहा है. ट्रकों के आवागमन से सूचना बोर्ड टूट न जाए, इसलिए सारे बोर्ड को कार्यालय में रखवाया गया है.