कुशीनगर : हाटा कोतवाली क्षेत्र में पैरामेडिकल काॅलेज के संचालन और फर्जी मार्कशीट देने का मामला सामने आया है. इसके चलते यहां पढ़ने वाले करीब चार सौ बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है. फर्जी मार्कशीट और पैरामेडिकल मान्यता का खुलासा उस समय हुआ जब सरकार द्वारा निकाली गयी एएनएम की वैकेंसी में एक छात्रा के सलेक्शन के बाद ज्वाइनिंग में प्रमाणपत्रों की जांच की गई. इसमें छात्रा का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया. इसके बाद छात्रों ने काॅलेज संचालन के विरुद्ध कार्यवाही और प्रत्येक छात्र से फीस के नाम पर की गई लाखों की वसूली को वापस करने की मांग शुरू कर दी.
पिपरा बाजार की रहने वाली फर्जीवाड़े की शिकार छात्रा मुन्नी ने बताया कि हाटा नगरपालिका के पगरा में NH-28 के किनारे जननी पैरामेडिकल नर्सिंग साइंस इंस्टीट्यूट एंड जननी हॉस्पिटल नाम से वर्ष 2018 में क्षेत्रीय भाजपा विधायक पवन केडिया द्वारा उद्घाटन के बाद खोला गया. काॅलेज में MBBS (NEET) से लेकर BAMS, GNM, DDLT, M.Sc Nursing जैसे लगभग 30 कोर्स की पढ़ाई कराने का विधिवत प्रचार-प्रसार भी कराया गया. सभी कोर्स एक साल से साढ़े पांच वर्ष से थे.
संचालक पुलिस के फर्जी केस लदवाने की दे रहा धमकी
ममता ने बताया कि संचालन हमारे ही दोस्तों को पुलिस की मदद से झूठे केस में फंसाने की धमकियां दिला रहा है. उन लोगों ने कर्ज लेकर किसी तरह अपनी पढ़ाई पूरी की. इस दौरान संचालक छात्रों से काॅलेज के निर्माण में हो रहे कामों को भी कराया करता था. अब सभी छात्रों की मांग है कि फर्जी केस के नाम पर जो उनसे लाखों की फीस ली गई है, उसे प्रशासम किसी तरह वापस करा दे.
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मनीषा ने बताया कि उनमें से कुछ छात्राओं को नेशनल कॉउंसिल ऑफ पैरामेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंस तो कुछ को अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ एजुकेशन का रिजल्ट मिला है. यह अब उनके लिए रद्दी कागजों के बराबर भी नहीं है.
उधर, भाजपा विधायक पवन केडिया से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने संचालक से कोई परिचय न होने की बात कही. कहा कि वह जनप्रतिनिधि हैं. उन्हें बुलाया गया होगा तो वे चले गए होंगे. कहा कि छात्रों ने उनसे मुलाकात की है. इस बाबत कोतवाल हाटा से बात कर उचित कार्यवाही को कहा गया है.
Sdm ने 21 जनवरी तक जांच का दिया आश्वासन
फर्जीवाड़े के शिकार बच्चों ने उपजिलाधिकारी हाटा पुर्ण बोरा से मुलाकात कर शिकायत की. उपजिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि चुनावी व्यस्तता के बावजूद इन छात्रों की शिकायत पर विस्तृत और निष्पक्ष जांच कराकर जिलाधिकारी और मुख्यचिकित्सा अधिकारी को रिपोर्ट देंगे. इसके लिए उन्होंने छात्रों से 21 जनवरी तक का समय लिया है. जो भी दोषी होगा, उस पर जरूर कार्यवाही की जाएगी.