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आस्था या अंधविश्वास! जिंदा होने की आस में बेटी के शव को पिता लेकर पहुंचा मंदिर, सांप के डसने से हुई थी मौत - Kaushambi Headquarters Pandit Deendayal Upadhyay

कौशांबी में जहरीले सांप के डसने के एक किशोरी की मौत हो गई, जिसके जिंदा होने की आस में पिता बेटी का शव अर्थी से उतारकर गाजीपुर के मंदिर पहुंच गया.

teenager died due to snake bite
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Published : Aug 9, 2023, 3:29 PM IST

घटना की जानकारी देते परिजन.

कौशांबीः जिले में अंधविश्वास का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक किशोरी को जहरीले सांप ने डस लिया. इसके बाद किशोरी के परिजन उसे पड़ोस के गांव झाड़-फूंक कराने लेकर गए. हालात बिगड़ने पर वो उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया. रास्ते में किशोरी की मौत हो गई. परिजन अंतिम संस्कार करने ही वाले थे कि उन्हें उनके रिश्तेदार ने गाजीपुर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताया, जहां सांप से कांटने से मृत लोग जिंदा हो जाते हैं. इसके बाद किशोरी के पिता शव को अर्थी से उठाकर गाजीपुर के लिए रवाना हो गया.

दरअसल, जिला मुख्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रहने वाले नरेश कुमार की 17 वर्षीय बेटी को सोमवार सुबह 3 बजे घर के बाहर शौच के लिए गयी थी. तभी उसे किसी जहरीले सांप ने डस लिया. बेटी की चीख सुनकर पिता नरेश भाग कर मौके पर पहुंचा. नरेश बेटी को जिला अस्पताल ले जाने के बजाए पड़ोस के गांव तन्ना में झाड़फूंक के लिए लेकर पहुंच गया. गांव के तांत्रिक ने घंटों झाड़ फूंक की. लेकिन, कोई राहत नहीं मिली. इस दौरान किशोरी की हालत और खरब हो गयी. करीब 3 घंटे बर्बाद करने के बाद नरेश उसको जिला अस्पताल लेकर पहुंचा.

नरेश के भाई राजेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर ने उसको एक डोज एंटी स्नेक इंजेक्शन लगाया. इसके बाद डॉक्टर ने डोज नहीं होने की बात कह कर प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया. लेकिन, कादीपुर के पास ही बच्ची की सांसे थम गई. इसके बाद नरेश शव को लेकर वापस गांव आ गया. नरेश के कुछ रिश्तेदार मुम्बई से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आ रहे थे. इस लिए एक दिन बाद मंगलवार दोपहर अंतिम संस्कार होना था. लोग शव को अर्थी पर लेकर अंतिम संस्कार वाली जगह भी पहुंच गए. इसी बीच किसी ने नरेश को बताया कि गाजीपुर जिला के अमवा गांव स्थित एक मंदिर में चमत्कार से सांप के काटे लोग जिंदा हो जाते हैं. ये बात सुनकर पिता के दिल मे बेटी की जिंदा होने की एक उम्मीद दिखी और वह उसके शव को अर्थी से उठाकर गाजीपुर लेकर चला गया और मंदिर के पास रख दिया. हालांकि बुधवार की सुबह स्थानीय लोगों के समझाने के बाद पिता बेटी के शव को अपने गांव ले आया और अंतिम संस्कार कर दिया.

नोटः इस खबर के कुछ अंश धार्मिक मान्यता के आधार पर उल्लेखित है, जिसक ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है.

ये भी पढ़ेंः आगरा में किसान दंपति पर मधुमक्खियों ने किया हमला, पति की मौत

घटना की जानकारी देते परिजन.

कौशांबीः जिले में अंधविश्वास का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक किशोरी को जहरीले सांप ने डस लिया. इसके बाद किशोरी के परिजन उसे पड़ोस के गांव झाड़-फूंक कराने लेकर गए. हालात बिगड़ने पर वो उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया. रास्ते में किशोरी की मौत हो गई. परिजन अंतिम संस्कार करने ही वाले थे कि उन्हें उनके रिश्तेदार ने गाजीपुर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताया, जहां सांप से कांटने से मृत लोग जिंदा हो जाते हैं. इसके बाद किशोरी के पिता शव को अर्थी से उठाकर गाजीपुर के लिए रवाना हो गया.

दरअसल, जिला मुख्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रहने वाले नरेश कुमार की 17 वर्षीय बेटी को सोमवार सुबह 3 बजे घर के बाहर शौच के लिए गयी थी. तभी उसे किसी जहरीले सांप ने डस लिया. बेटी की चीख सुनकर पिता नरेश भाग कर मौके पर पहुंचा. नरेश बेटी को जिला अस्पताल ले जाने के बजाए पड़ोस के गांव तन्ना में झाड़फूंक के लिए लेकर पहुंच गया. गांव के तांत्रिक ने घंटों झाड़ फूंक की. लेकिन, कोई राहत नहीं मिली. इस दौरान किशोरी की हालत और खरब हो गयी. करीब 3 घंटे बर्बाद करने के बाद नरेश उसको जिला अस्पताल लेकर पहुंचा.

नरेश के भाई राजेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर ने उसको एक डोज एंटी स्नेक इंजेक्शन लगाया. इसके बाद डॉक्टर ने डोज नहीं होने की बात कह कर प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया. लेकिन, कादीपुर के पास ही बच्ची की सांसे थम गई. इसके बाद नरेश शव को लेकर वापस गांव आ गया. नरेश के कुछ रिश्तेदार मुम्बई से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आ रहे थे. इस लिए एक दिन बाद मंगलवार दोपहर अंतिम संस्कार होना था. लोग शव को अर्थी पर लेकर अंतिम संस्कार वाली जगह भी पहुंच गए. इसी बीच किसी ने नरेश को बताया कि गाजीपुर जिला के अमवा गांव स्थित एक मंदिर में चमत्कार से सांप के काटे लोग जिंदा हो जाते हैं. ये बात सुनकर पिता के दिल मे बेटी की जिंदा होने की एक उम्मीद दिखी और वह उसके शव को अर्थी से उठाकर गाजीपुर लेकर चला गया और मंदिर के पास रख दिया. हालांकि बुधवार की सुबह स्थानीय लोगों के समझाने के बाद पिता बेटी के शव को अपने गांव ले आया और अंतिम संस्कार कर दिया.

नोटः इस खबर के कुछ अंश धार्मिक मान्यता के आधार पर उल्लेखित है, जिसक ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है.

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