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बसपा MLC समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ की आरसी जारी - यमुना में खनन

बसपा एमएलसी महमूद अली और उनके एक अन्य साथी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने 100 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि वसूलने का फैसला सुनाया है. महमूद अली कौशांबी जिले में यमुना नदी से खनन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में दोषी थे. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले ही उनके खिलाफ पेनाल्टी लगाने का फरमान जारी कर दिया था.

बसपा एमएलसी के खिलाफ 50 करोड़ की आरसी जारी.
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Published : Jul 27, 2019, 9:34 PM IST

सहारनपुर : खनन माफिया एवं एमएलसी बंधुओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छोटे भाई एमएलसी महमूद अली पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कोर्ट ने खनन मामले में महमूद अली समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की आरसी जारी की है. एनजीटी के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. बसपा एवं सपा शासन में एमएलसी ने न सिर्फ अवैध खनन कर यमुना नदी और आसपास के इलाकों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया था, बल्कि राजस्व को भी करोड़ों का चूना लगाया था.

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बसपा एमएलसी समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ की आरसी जारी.

क्या है पूरा मामला

  • बसपा और सपा सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन बीएसपी एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल ने अपने छोटे भाई एवं वर्तमान एमएलसी महमूद अली के नाम पर अवैध खनन किया था.
  • खनन माफियाओं ने यमुना नदी में 100 फीट गहरे गड्ढे खोद दिए थे.
  • इसके अलावा आसपास के इलाकों में भी जमकर खनन का काला कारोबार किया गया.
  • एमएलसी ने सत्ता में रहते हुए अपने पार्टनर अमित जैन के नाम से भी खनन के पट्टे आवंटित करा दिए थे.
  • सहारनपुर के दिल्ली रोड निवासी गुरप्रीत सिंह बग्गा ने इस मामले में एनजीटी में शिकायत की थी.
  • शिकायत में बताया गया था कि अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है.
  • साथ ही सरकार की मिलीभगत के चलते करोड़ों रुपये की राजस्व हानि भी हो रही है.
  • याचिकाकर्ता की सुनवाई के बाद साल 2016 में एनजीटी ने महमूद अली और अमित जैन पर 50-50 करोड़ का जुर्माना लगाया था.
  • एनजीटी के आदेश के खिलाफ इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें दोषी मानते हुए 50-50 करोड़ के जुर्माने को बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने खनन मामले में बसपा एमएलसी समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ की रिकवरी करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने एनजीटी के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें इनके खिलाफ जुर्माना राशि वसूलने का फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सभी के खिलाफ आरसी जारी कर जुर्माना राशि जमा करने के आदेश दे दिए हैं.
-विनोद कुमार, एडीएम वित्त

सहारनपुर : खनन माफिया एवं एमएलसी बंधुओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छोटे भाई एमएलसी महमूद अली पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कोर्ट ने खनन मामले में महमूद अली समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की आरसी जारी की है. एनजीटी के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. बसपा एवं सपा शासन में एमएलसी ने न सिर्फ अवैध खनन कर यमुना नदी और आसपास के इलाकों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया था, बल्कि राजस्व को भी करोड़ों का चूना लगाया था.

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बसपा एमएलसी समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ की आरसी जारी.

क्या है पूरा मामला

  • बसपा और सपा सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन बीएसपी एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल ने अपने छोटे भाई एवं वर्तमान एमएलसी महमूद अली के नाम पर अवैध खनन किया था.
  • खनन माफियाओं ने यमुना नदी में 100 फीट गहरे गड्ढे खोद दिए थे.
  • इसके अलावा आसपास के इलाकों में भी जमकर खनन का काला कारोबार किया गया.
  • एमएलसी ने सत्ता में रहते हुए अपने पार्टनर अमित जैन के नाम से भी खनन के पट्टे आवंटित करा दिए थे.
  • सहारनपुर के दिल्ली रोड निवासी गुरप्रीत सिंह बग्गा ने इस मामले में एनजीटी में शिकायत की थी.
  • शिकायत में बताया गया था कि अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है.
  • साथ ही सरकार की मिलीभगत के चलते करोड़ों रुपये की राजस्व हानि भी हो रही है.
  • याचिकाकर्ता की सुनवाई के बाद साल 2016 में एनजीटी ने महमूद अली और अमित जैन पर 50-50 करोड़ का जुर्माना लगाया था.
  • एनजीटी के आदेश के खिलाफ इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें दोषी मानते हुए 50-50 करोड़ के जुर्माने को बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने खनन मामले में बसपा एमएलसी समेत दो के खिलाफ 100 करोड़ की रिकवरी करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने एनजीटी के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें इनके खिलाफ जुर्माना राशि वसूलने का फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सभी के खिलाफ आरसी जारी कर जुर्माना राशि जमा करने के आदेश दे दिए हैं.
-विनोद कुमार, एडीएम वित्त

Intro:खबर से सम्बंधित फ़ोटो wrap से भेजी गई है।

सहारनपुर : खनन माफिया एवं एमएलसी बंधुओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छोटे भाई एमएलसी महमूद अली पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बसपा एमएलसी समेत दो के खिलाफ 100 करोड रुपए की आरसी जारी की हैं। बताया जा रहा है कि बसपा एवं सपा शासन में एमएलसी ने न सिर्फ अवैध खनन कर यमुना नदी और आसपास के इलाकों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया था बल्कि राजस्व को भी करोड़ों का चूना लगाया था। याचिकाकर्ता की शिकायत पर अदालत में महमूद अली और पार्टनर अमित जैन के 50-50 करोड़ रुपए की आरसी जारी की है।


Body:VO 1 - आपको बता दें की बसपा और सपा सरकार के कार्यकाल में बसपा के तत्काल एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल ने अपने छोटे भाई एवं वर्तमान एमएलसी महमूद अली के नाम पर अवैध खनन किया था। खनन माफियाओं ने यमुना नदी का सीना चीर कर जहां 100 फ़ीट गहरे गड्ढे खोद दिए थे वहीं आसपास के इलाकों में भी जमकर खनन का काला कारोबार किया गया। एमएलसी ने कई सत्ता में रहते अपने पार्टनर अमित जैन के नाम से भी खनन के पट्टे आवंटित करा दिए थे। एडीएम वित्त विनोद कुमार ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि सहारनपुर के दिल्ली रोड की एक कालोनी निवासी गुरप्रीत सिंह बग्गा ने एनजीटी में शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि एमएलसी भाइयों ने अवैध खनन करते हुए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इतना ही नही सरकार की मिली भगत के चलते करोड़ो रूपये की राजस्व हानि भी हो रही है। याचिकाकर्ता की सुनवाई के बाद साल 2016 में एनजीटी ने बसपा के एमएलसी महमूद अली और पार्टनर अमित जैन को 50-50 करोड़ का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद ये लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद एमएलसी को राहत नही मिली और सुप्रीम कोर्ट ने इनको पर्यावरण का दोषी मानते हुए 50-50 करोड़ के जुर्माने को बरकरार रखा। एडीएम वित्त के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सभी के खिलाफ आरसी जारी कर कर जुर्माना राशि जमा करने के आदेश दे दिए है। इसके अलावा जिला प्रशासन अपने स्तर से कार्यवाई करने में लगा हुआ है।

बाईट - विनोद कुमार ( एडीएम वित्त )


Conclusion:FVO - एमएलसी बंधुओ के खिलाफ़ कार्यवाई का यह कोई पहला मामला नही है इससे पहले अदालत और एनजीटी ही नही सीबीआई भी अपनी कार्यवाई कर चुकी है। बावजूद इसके ये लोग कार्यवाई से बचते रहे है। जबकि 111 कंपनियों में 10 हजार करोड़ निवेश की जांच अभी भी सीबीआई कर रही है।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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