कौशांबी: जिले में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद और पिपरहटा आदि गांवों में पानी घुस गया है, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है. ग्रामीण गांव तक जाने के लिए अब नाव का सहारा ले रहे हैं. जलस्तर बढ़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल भी डूब चुकी है. फिलहाल प्रशासन ने 10 घरों को खाली कराकर उनको सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है.
सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पानी भर जाने से गांवों का संपर्क टूट गया है. लोग नाव के सहारे आ और जा रहे हैं. यमुना में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जल मग्न हो गई है, जिसके बाद फसलों का खराब होना तय माना जा रहा है.
कई गांव बाढ़ की चपेट में
प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. यमुना नदी के किनारे बसे केवट का पूरा, पिपरहटा, मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद आदि गांवों के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित हैं. कई लोगों के मकान यमुना की कटान में समा गए हैं.
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सुरक्षित स्थान की ओर पलायन
स्थानीय लोगों के मुताबिक यमुना का बढ़ रहा जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो कई गांवों में पानी घुस जाएगा. इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी फसले नदियों के बाढ़ की चपेट में आने से बर्बाद हो जाएंगी. यमुना तराई के गांवों के लोग बाढ़ से बचने के लिए अपने सामान और मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं.
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अधिकारियों को निर्देश
डीएम मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि बाढ़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाने-पीने की व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है. गांव वालों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी.
यमुना नदी में पानी लगातार बढ़ने के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों के सामने अनाजों का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो चुका है. प्रशासन द्वारा निरीक्षण के लिए अधिकारियों को भेजा गया है. अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है.
हीरा लाल निसाद, ग्राम प्रधान