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यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव प्रभावित, सैकड़ों बीघे की फसल डूबी - कौशांबी

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी भर गया है. इससे गांवों का सम्पर्क टूट गया है. वहीं सैकड़ों बीघा फसल डूब चुकी है. गांव वाले आने-जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं.

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांव प्रभावित.
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Published : Sep 16, 2019, 8:26 PM IST

कौशांबी: जिले में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद और पिपरहटा आदि गांवों में पानी घुस गया है, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है. ग्रामीण गांव तक जाने के लिए अब नाव का सहारा ले रहे हैं. जलस्तर बढ़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल भी डूब चुकी है. फिलहाल प्रशासन ने 10 घरों को खाली कराकर उनको सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है.

जानकारी देते ग्राम प्रधान हीरा लाल निसाद.


सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पानी भर जाने से गांवों का संपर्क टूट गया है. लोग नाव के सहारे आ और जा रहे हैं. यमुना में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जल मग्न हो गई है, जिसके बाद फसलों का खराब होना तय माना जा रहा है.


कई गांव बाढ़ की चपेट में
प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. यमुना नदी के किनारे बसे केवट का पूरा, पिपरहटा, मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद आदि गांवों के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित हैं. कई लोगों के मकान यमुना की कटान में समा गए हैं.

पढ़ें- प्रयागराज: 3 साल बाद खतरे के निशान पर गंगा-यमुना, हजारों लोग हुए बेघर


सुरक्षित स्थान की ओर पलायन
स्थानीय लोगों के मुताबिक यमुना का बढ़ रहा जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो कई गांवों में पानी घुस जाएगा. इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी फसले नदियों के बाढ़ की चपेट में आने से बर्बाद हो जाएंगी. यमुना तराई के गांवों के लोग बाढ़ से बचने के लिए अपने सामान और मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं.

पढ़ें- गंगा के बाद अब वरुणा ने दिखाया रौद्र रूप, पलायन करने को मजबूर हुए लोग

अधिकारियों को निर्देश
डीएम मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि बाढ़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाने-पीने की व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है. गांव वालों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी.

यमुना नदी में पानी लगातार बढ़ने के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों के सामने अनाजों का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो चुका है. प्रशासन द्वारा निरीक्षण के लिए अधिकारियों को भेजा गया है. अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है.
हीरा लाल निसाद, ग्राम प्रधान

कौशांबी: जिले में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद और पिपरहटा आदि गांवों में पानी घुस गया है, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है. ग्रामीण गांव तक जाने के लिए अब नाव का सहारा ले रहे हैं. जलस्तर बढ़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल भी डूब चुकी है. फिलहाल प्रशासन ने 10 घरों को खाली कराकर उनको सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है.

जानकारी देते ग्राम प्रधान हीरा लाल निसाद.


सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पानी भर जाने से गांवों का संपर्क टूट गया है. लोग नाव के सहारे आ और जा रहे हैं. यमुना में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जल मग्न हो गई है, जिसके बाद फसलों का खराब होना तय माना जा रहा है.


कई गांव बाढ़ की चपेट में
प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. यमुना नदी के किनारे बसे केवट का पूरा, पिपरहटा, मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद आदि गांवों के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित हैं. कई लोगों के मकान यमुना की कटान में समा गए हैं.

पढ़ें- प्रयागराज: 3 साल बाद खतरे के निशान पर गंगा-यमुना, हजारों लोग हुए बेघर


सुरक्षित स्थान की ओर पलायन
स्थानीय लोगों के मुताबिक यमुना का बढ़ रहा जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो कई गांवों में पानी घुस जाएगा. इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी फसले नदियों के बाढ़ की चपेट में आने से बर्बाद हो जाएंगी. यमुना तराई के गांवों के लोग बाढ़ से बचने के लिए अपने सामान और मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं.

पढ़ें- गंगा के बाद अब वरुणा ने दिखाया रौद्र रूप, पलायन करने को मजबूर हुए लोग

अधिकारियों को निर्देश
डीएम मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि बाढ़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाने-पीने की व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है. गांव वालों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी.

यमुना नदी में पानी लगातार बढ़ने के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों के सामने अनाजों का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो चुका है. प्रशासन द्वारा निरीक्षण के लिए अधिकारियों को भेजा गया है. अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है.
हीरा लाल निसाद, ग्राम प्रधान

Intro:ANCHOR-- कौशांबी जिले में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है । यमुना का जलस्तर बढ़ने से मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद, केवट का पूरा और पिपरहटा आदि गांवों में पानी घुस गया है । जिससे गाँवो का संपर्क टूट गया । ग्रमीण गांव तक जाने के लिए अब नाव का सहारा ले रहे है । पानी बढ़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल भी डूब चुकी है । प्रशासन ने 10 घरों को खाली करा कर उनको सुरक्षित स्थान पर भेजा दिया है ।



Body:VO-- यमुना की तराई में रहने वाले गांवों के लोग यमुना के बढ़े हुए जलस्तर से सहमे हैं। यमुना नदी में लगातार जलस्तर बढ़ता जा रहा है । बाढ़ का पानी अब गांवों तक पहुच चुका है । कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पानी भर जाने से गांवों का संपर्क दूसरे लोगो से टूट गया है । लोग नाव के सहारे आ जा रहे है । वहीं यमुना में तेजी से बढ़ रहे जल स्तर से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जल मग्न हो गई। जिसके बाद बाढ़ के पानी में डूबी फसलों का खराब होना तय माना जा रहा है। वहीं तहसील प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। यमुना नदी के किनारे बसे केवट का पूरा, पिपरहटा, मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद आदि गांवों के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित है। यमुना का रौद्र रूप किनारे बसे मकानों को अपनी चपेट में ले रहा है। कई लोगों के मकान यमुना की कटान में समा गए हैं। किसानों को अपनी बची हुई फसल की देखरेख के लिए नाव के सहारे जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यमुना का बढ़ रहा जल स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो आधा दर्जन से अधिक गांव में पानी घुस जाएगा। इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी फसलें नदियों के बाढ़ की चपेट में आने से बर्बाद हो गई है । जानकारी के अनुसार यमुना तराई के गांवों के लोग बाढ़ से बचने के लिए अपने सामान व मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं। बाढ़ के खतरे से घबराए लोग हर पल यमुना पर नजर रखे हैं।
Conclusion:मल्हीपुर गांव के प्रधान हीरालाल के मुताबिक यमुना नदी में पानी लगातार बढ़ने के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है। जिससे किसानों के सामने दानों का सबसे बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। प्रशासन द्वारा निरीक्षण के लिए अधिकारियों को भेजा गया है। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। किसानों की लगभग डेढ़ सौ बीघे की फसल बर्बाद हो चुकी है। अभी भी लगातार यमुना की नदियों में पानी पड़ रहा है।

BYTE-- हीरा लाल निसाद -- ग्राम प्रधान

डीएम मनीष कुमार वर्मा बिना कैमरे के सामने आए बताया कि बाढ़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाने-पीने की व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है। गांव वालों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।


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