कौशांबीः जनपद न्यायालय ने शनिवार को हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास को सजा सुनाई है. इसके साथ ही अभियुक्तों पर 62-62 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, न्यायालय ने 3 अन्य लोगों को दोष मुक्त कर दिया है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के महगांव की है. जहां 17 दिसंबर 2008 को मालक मोईनुद्दीनपुर गांव के रहने वाले परसन लाल की ट्रक के पहिये में दबने से मौत हो गई थी. मृतक के भाई पन्ना लाल ने पुरामुफ्ती पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि 17 दिसंबर 2008 को उनका भाई परसन लाल व पप्पू यादव बाइक से पुरामुफ्ती की ओर जा रहे थे. चुनावी रंजिश के चलते गांव के रहने वाले बच्चा लाल, अमृत लाल, दिनेश, लक्ष्मण और अजमत ने ट्रक से कुचल कर परसन लाल की हत्या कर दी. हत्या करने के समय ट्रक में बच्चा लाल और अजमत मौजूद थे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था. मामला एससी एसटी कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश चित्रा शर्मा की अदालत में पेश हुआ.
अपर शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार और पंकज सोनकर ने शनिवार को न्यायालय के सामने 8 गवाहों का बयान करवाया. जहां गवाहों के बयान सुनने और पत्रावली के अवलोकन करने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने बच्चा लाल और अजमत को दोषी करार दे दिया. न्यायाधीश ने दोनों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों पर 62-62 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने दिनेश लक्ष्मण और अमृतलाल को गवाहों के अभाव में दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है. वहीं, 15 साल बाद न्यायालय से दोषियों को सजा मिलने के बाद पीड़ित परिवार में खुशी का माहौल है.