कौशांबीः दुष्कर्म पीड़िता को कौशांबी जिला न्यायालय से 15 साल बाद न्याय मिला है. यहां विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट राकेश कुमार की अदालत ने किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाकर दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 60 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना न दे पाने की स्थिति में कोर्ट ने अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है.
घटना करारी थाना क्षेत्र के एक गांव की है. यहां करारी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 21 नवंबर 07 को थाने में अभियोग पंजीकृत कराया कि उसकी नाबालिग बेटी को गांव का ही लवकुश बहला-फुसलाकर भगा ले गया. बेटी अपने साथ जेवरात, मकान के कागजात व नकदी भी लेकर गई. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर किशोरी को बरामद कर लिया. पीड़िता ने अपने बयान में दुष्कर्म की पुष्टि की. इसके बाद पुलिस ने एक मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया.
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मामले का विचारण विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट कोर्ट में किया गया. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र कुमार और पंकज सोनकर ने पीड़िता सहित नौ गवाहों को परीक्षित कराया. दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने व पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अदालत ने आरोपित को दोषसिद्ध पाया और गुरुवार को सजा सुनाई. कोर्ट ने दोषी लवकुश को दोषी करार देते हुए 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई इसके साथ ही कोर्ट ने दोषी के ऊपर 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. साथ ही आदेश दिया कि यदि दोषी अर्थदंड नहीं जमा करता है तो वह अतिरिक्त सजा भुगतेगा.
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