कौशाम्बी: गंगा-यमुना के बीच बसे कौशाम्बी में बाढ़ के संभावित खतरा जिला प्रशासन के लिए चिन्ता का सबब बन हुआ है. गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी ने घाट किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है. साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने का निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से अचानक बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है.
बढ़ते जलस्तर से ग्रामीण चिंतित
- पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से कौशाम्बी जनपद में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है.
- इससे गंगा-यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोग चिंतित है.
- नदियों में लगातार जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन भी सतर्क है.
- बुधवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने तराई इलाके में पड़ने वाले गांव पिपरहता, कोसम, गढ़वा, शाहपुर गावो का दौरा किया.
- यहां उन्होंने पिछले बार आई बाढ़ और उससे बचाओ के तरीकों की जानकारी ली.
- इस दौरान उनके साथ एसडीएम सतीश कुमार एसपी प्रदीप गुप्ता व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
- जिले में बाढ़ से निपटने के लिए कुल 8 बाढ़ राहत चौकिया बनाई है.
- जिलाधिकारी ने बाढ़ की स्थिति में पीड़ितों को राशन मुहैया कराने के लिए जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया.
गंगा-यमुना का पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है. सभी गांव को अलर्ट जारी कर दिया गया है. किसी भी गांव में अभी स्थिति खराब नहीं हुई है. गढ़वा गांव में पानी बढ़ने की सूचना मिली थी, इस गांव का भी दौरा किया गया है. पानी का स्तर गांव से अभी काफी नीचे है. फिर भी सुरक्षा के उपाय और तैयारी पूरी कर ली गई है. जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
- मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी कौशाम्बी