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कौशाम्बी: नदियों के बढ़ते जलस्तर से प्रशासन अलर्ट, DM ने किया दौरा

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में इन दिनों बाढ़ का खतरा बना हुआ है. प्रशासन का कहना है कि पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

कौशाम्बी में बाढ़ का खतरा.
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Published : Aug 21, 2019, 8:04 PM IST

कौशाम्बी: गंगा-यमुना के बीच बसे कौशाम्बी में बाढ़ के संभावित खतरा जिला प्रशासन के लिए चिन्ता का सबब बन हुआ है. गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी ने घाट किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है. साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने का निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से अचानक बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है.

गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर से कौशाम्बी में बाढ़ का खतरा.

बढ़ते जलस्तर से ग्रामीण चिंतित

  • पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से कौशाम्बी जनपद में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है.
  • इससे गंगा-यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोग चिंतित है.
  • नदियों में लगातार जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन भी सतर्क है.
  • बुधवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने तराई इलाके में पड़ने वाले गांव पिपरहता, कोसम, गढ़वा, शाहपुर गावो का दौरा किया.
  • यहां उन्होंने पिछले बार आई बाढ़ और उससे बचाओ के तरीकों की जानकारी ली.
  • इस दौरान उनके साथ एसडीएम सतीश कुमार एसपी प्रदीप गुप्ता व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
  • जिले में बाढ़ से निपटने के लिए कुल 8 बाढ़ राहत चौकिया बनाई है.
  • जिलाधिकारी ने बाढ़ की स्थिति में पीड़ितों को राशन मुहैया कराने के लिए जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया.

गंगा-यमुना का पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है. सभी गांव को अलर्ट जारी कर दिया गया है. किसी भी गांव में अभी स्थिति खराब नहीं हुई है. गढ़वा गांव में पानी बढ़ने की सूचना मिली थी, इस गांव का भी दौरा किया गया है. पानी का स्तर गांव से अभी काफी नीचे है. फिर भी सुरक्षा के उपाय और तैयारी पूरी कर ली गई है. जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
- मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी कौशाम्बी

कौशाम्बी: गंगा-यमुना के बीच बसे कौशाम्बी में बाढ़ के संभावित खतरा जिला प्रशासन के लिए चिन्ता का सबब बन हुआ है. गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी ने घाट किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है. साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने का निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से अचानक बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है.

गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर से कौशाम्बी में बाढ़ का खतरा.

बढ़ते जलस्तर से ग्रामीण चिंतित

  • पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से कौशाम्बी जनपद में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है.
  • इससे गंगा-यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोग चिंतित है.
  • नदियों में लगातार जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन भी सतर्क है.
  • बुधवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने तराई इलाके में पड़ने वाले गांव पिपरहता, कोसम, गढ़वा, शाहपुर गावो का दौरा किया.
  • यहां उन्होंने पिछले बार आई बाढ़ और उससे बचाओ के तरीकों की जानकारी ली.
  • इस दौरान उनके साथ एसडीएम सतीश कुमार एसपी प्रदीप गुप्ता व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
  • जिले में बाढ़ से निपटने के लिए कुल 8 बाढ़ राहत चौकिया बनाई है.
  • जिलाधिकारी ने बाढ़ की स्थिति में पीड़ितों को राशन मुहैया कराने के लिए जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया.

गंगा-यमुना का पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है. सभी गांव को अलर्ट जारी कर दिया गया है. किसी भी गांव में अभी स्थिति खराब नहीं हुई है. गढ़वा गांव में पानी बढ़ने की सूचना मिली थी, इस गांव का भी दौरा किया गया है. पानी का स्तर गांव से अभी काफी नीचे है. फिर भी सुरक्षा के उपाय और तैयारी पूरी कर ली गई है. जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
- मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी कौशाम्बी

Intro:गंगा- यमुना के बीच बसे कौशाम्बी में बाढ़ के संभावित खतरा जिला प्रशासन के लिए चिन्ता का सबब बन हुआ है । गंगा और यमुना नदी में लगातार जल का स्तर बढ़ रहा है।जिसे देखते हुए जिलाधिकारी ने घाट किनारे पड़ने वाले गावो का दौरा किया गया। पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए तराई इलाके के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।इसके साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ के दौरान होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है।उन्होंने गंगा और यमुना के बाढ़ से प्रभावित होने वाले गावो का दौरा कर वह पर पूर्व में आई बाढ़ और बचाव के तरीकों की जानकारी ली।जिलाधिकारी ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से लगातार पानी छोड़े जाने से अचानक बाढ़ आने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सभी बाढ़ राहत चौकियों का निरीक्षण किया।


Body:कौशाम्बी जनपद में भले ही बारिश न हो रही हो पर पड़ोसी राज्यो से लगातार पानी छोड़े जाने से नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। जोकि गंगा-यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोगो के लिए खतरे का सबब बना हुआ है। नदियों में लगातार जल स्तर बढ़ने से जिला प्रशासन भी सतर्क है और लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया जा रहा है। बुधवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने एसडीएम सतीश कुमार एसपी प्रदीप गुप्ता व अन्य अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। जिलाधिकारी ने तराई इलाके में पड़ने वाले गांव पिपरहता, कोसम, गढ़वा, शाहपुर गावो का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पिछले बार आई बाढ़ और उससे बचाओ के तरीकों की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने जिले में बाढ़ से निपटने के लिए कुल 8 बाढ़ राहत चौकिया बनाई है। जिसका जिलाधिकारी ने निरीक्षण भी किया । इस दौरान उन्होंने किसी भी आपत्ति के समय गांव वालों को सूचना देने को कहा है। इसके साथ ही अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित गांवों को समय-समय में दौरा करने का निर्देश दिया। बाढ़ की स्थिति में लोगों को राशन मुहैया कराने के लिए जिला पूर्ति अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है।


Conclusion:जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के मुताबिक गंगा यमुना का पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। सभी गांव को अलर्ट जारी कर दिया गया है। किसी भी गांव में अभी स्थिति खराब नहीं हुई है। गढ़वा गांव में पानी बढ़ने की सूचना मिली हुई थी। इस गकव का भी दौरा किया गया है।पानी का स्तर गांव से अभी काफी नीचे है। फिर भी जो भी सुरक्षा के उपाय और तैयारी पूरी कर ली गई है। बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

बाइट-- मनीष कुमार वर्मा जिलाधिकारी कौशाम्बी
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